Pregnancy Early Signs: गर्भावस्था यानी प्रेग्नेंसी के दिन हर महिला के जीवन के लिए बेहद खास और यादगार होते हैं। कोई महिला जब पहली बार मां बनती है, तो उसे खुशी भी होती है साथ ही साथ कई तरह के कष्ट भी होते हैं। आमतौर पर गर्भावस्था में आपका शरीर कु...
गर्भावस्था यानी प्रेग्नेंसी के दिन हर महिला के जीवन के लिए बेहद खास और यादगार होते हैं। कोई महिला जब पहली बार मां बनती है, तो उसे खुशी भी होती है साथ ही साथ कई तरह के कष्ट भी होते हैं। आमतौर पर गर्भावस्था में आपका शरीर कुछ संकेत देता है, जिसके आधार पर आपको यह पता चलता है कि आप गर्भवती हैं। इन लक्षणों में उल्टी, स्तनों में कड़ापन, दर्द और तनाव आदि हैं। हालांकि ये लक्षण सामान्य अवस्था में भी आपको महसूस हो सकते हैं। इसलिए आपको गर्भावस्था के सभी लक्षणों को जानना जरूरी है।
गर्भावस्था के कारण शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण स्वभाव में चिड़चिड़ापन और थकावट महसूस होने लगती है। उल्टियां और घबराहट होना, सुबह के समय कमजोरी या शरीर में ढीलेपन ये लक्षण गर्भावस्था के चौथे से आठवें सप्ताह में दिखाई देने लगते हैं। गर्भधारण होने पर मासिक धर्म बंद हो जाता है, योनि स्त्राव और श्रोणि में ऐंठन होत है और स्थिति में बदलाव आता है।
यदि किसी महिला को बार-बार पेशाब आता है और मासिक धर्म निर्धारित तिथि पर नही आता है तो संभवतः गर्भधारण की आशंका जताई जाती है। गर्भावस्था में त्वचा में भी परिवर्तन होने लगता है। गर्भावस्था में बनने वाले क्रोनिक गोनाडोट्रोपिन हार्मोन के कारण सुबह के समय तबियत नासाज होने लगती है। इस हार्मोन के स्तर में आमतौर पर तेजी से गिरावट गर्भावस्था की अवधि बढने (12 से 14 सप्ताह की गर्भावस्था) के बाद होती है, और उलटी आम तौर पर दूसरी तिमाही के आरंभ में आना बंद हो जाती है।
पीरियड्स बंद होना और स्तनों मे जकड़न
यदि आपके स्तनों में भारीपन, पीठ में दर्द आदि होते हैं तो हो सकता है कि यह गर्भावस्था का संकेत हो। कई बार गर्भावस्था के प्रारंभिक दिनों में महिलाओं को उनके पीरियड्स बंद होने तक पता ही नहीं चल पाता है कि वे गर्धारण कर चुकी हैं। गर्भावस्था की पुष्टी करने के लिए आप घर पर टेस्ट कर सकती हैं या लैब में गर्भावस्था परीक्षण करवा सकती हैं।
इसे भी पढें: जच्चा-बच्चा दोनों के लिए जरूरी है फॉलिक एसिड, गर्भपात का खतरा भी होता है कम
गर्भवती होने पर कई बार सांस लेने में भारीपन महसूस होता है। ऐसा इस कारण होता है क्योंकी आपके पेट में पल रहे भ्रूण को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, जो वह आपसे ही लेता है। यह तकलीफ लगभग पूरी गर्भावस्था के दौरान रहती है, खासकर उस चरण में जब कि गर्भस्थ शिशु बढ़ रहा होता है और आपके फेफड़ों और डायाफ्राम पर दबाव पड़ना शुरू होता है।
गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में सिरदर्द भी एक लक्षण है। गर्भावस्था में हार्मोन में परिर्वतन के कारण ही सिरदर्द होता है। अगर आप अपनी गर्भवस्था को लेकर कंफर्म हैं तो सिरदर्द दूर करने के लिए ब्रुफेन ले सकती हैं या डॉक्टर से सलाह भी ले सकती हैं।
अक्सर गर्भावस्था के दौरान कब्ज होने की शिकायद भी देखा जाता है। इस दौरान पेट फूलना शुरू हो जाता है और शरीर में सूजन आ जाती है। इसके अलावा पाचन क्रिया पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। गर्भावस्था में आपका मूड या मिज़ाज भी बदलता रहता है। यह गर्भावस्था का एक संकेत होता है।
इसे भी पढें: प्रेग्नेंट कल्कि कोचलिन 'वाटर बर्थ' के जरिए देना चाहती हैं बच्चे को जन्म, जानें क्या है ये
इन संकेतों के साथ डॉक्टर बताते हैं कि "महिलाएं आमतौर पर संकेतो से आसानी से पता लगा सकती है जैसे मासिक धर्म का न होना, बार बार पैशाव आना, सुबह के समय तबियत का ढीला होना, थकान, स्तनो में बदलाव और त्वचा में परिवर्तन। यह गर्भावस्था के पता लगाने के बहुत अच्छे संकेत है।"
याद रखने की बात यह है कि इन लक्षणो में से कोई एक भी गर्भावस्था के अलावा अन्य मामलो में कारण हो सकते है, तो पुष्टि के लिए डॉक्टर से जांच करवाएं। लेकिन यह सभी प्रेग्नेंसी के शुरूआती सामान्य संकेत है जोकि इस योग्य हो सकते है कि संदेह होने पर आप घर पर प्रेग्नेंसी किट खरीद कर जांच कर सकते है या डॉक्टर से इस बारे में बात कर सकते हैं।
Read more articles on Women's Health in Hindi.
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।