दुनिया के तमाम देशों ने कोरोना वायरस के आगे घुटने टेक दिए हैं। ये वायरस जिस तेजी से फैल रहा है और लोगों की जान ले रहा है, वो मानव इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी बनता जा रहा है। दिसंबर 2019 में चीन के वुहान से निकला वायरस मई खत्म होते-होते 6,262,000 (62 लाख 62 हजार) से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर चुका है। वहीं मौत का आंकड़ा भी 373,800 (3 लाख 73 हजार 8 सौ) से ज्यादा हो गया है। मुश्किल यह है कि ये वायरस अभी भी नहीं रुका है और हर दूसरे दिन लगभग 1 लाख से ज्यादा नए संक्रमित मरीज सामने आ जाते हैं। ऐसे में कोरोना वायरस से इंसान और इंसानियत को बचाने की सारी उम्मीद अब इसकी वैक्सीन पर टिकी हुई है। दुनिया की कई दवा कंपनियां इस समय वैक्सीन का ट्रायल कर रही हैं। वहीं बाबा राम देव की आयुर्वेद कंपनी पतंजलि भी इस काम में आगे आ गई है।
अक्टूबर के अंत तक वैक्सीन आने की पूरी उम्मीद
दुनिया के तमाम देश दिन-रात मेहनत करके इस वायरस का तोड़ खोजने की कोशिश में लगे हुए हैं। मौजूदा समय में 100 से ज्यादा वैक्सीन्स का ट्रायल चल रहा है। सभी यह जानना चाहते हैं कि वैक्सीन कब तक बन सकेगी। अभी तक यही कयास लगाया जा रहा था कि वैक्सीन अगले साल तक बनेगी। मगर मशहूर अमेरिकी फार्मास्युटिकल कंपनी Pfizer के CEO ने एक इंटरव्यू में ये बताकर चौंका दिया कि कोरोना वायरस की वैक्सीन बहुत जल्द, अक्टूबर महीने के अंत तक आने की उम्मीद है। Pfizer के सीईओ Albert Bourla ने ये बात एक इजराइली न्यूज पेपर को दिए अपने इंटरव्यू के दौरान बताई है।
उन्होंने कहा, "अगर सबकुछ अच्छा रहता है हमारे सितारे साथ देते हैं, तो पूरी सुरक्षा और पूरी ताकत के साथ, अक्टूबर के अंत तक वैक्सीन आ जाएगी।"
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Pfizer कर रहा है 4 वैक्सीन पर ट्रायल
आपको बता दें कि Pfizer वो कंपनी है, जो जर्मन कंपनी BioNTech के साथ मिलकर यूरोप और युनाइटेड स्टेट्स में वैक्सीन बनाने का काम कर रही है। इस वैक्सीन को क्लीनिकल अप्रूवल मिल चुके हैं और इसका ह्यूमन टेस्ट जारी है। कंपनी ने वैक्सीन को BNT162 नाम दिया है। इस कंपनी ने 4 अलग-अलग RNA बेस्ड वैक्सीन बनाई है और ह्यूमन ट्रायल द्वारा ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि सबसे सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन कौन सी है।
इस कंपनी ने शुरू कर दिया है वैक्सीन का स्टेज-2 ट्रायल
इन सभी के बीच सबसे आगे और सबसे तेज रेस में अमेरिका की ही बायोटेक कंपनी मॉर्डना है, जिसने ह्यूमन ट्रायल का स्टेज 1 पास कर लिया है और 600 स्वस्थ लोगों पर किए जाने वाला अपना स्टेज-2 ट्रायल भी शुरू कर दिया है। अब तक इस कंपनी की बनाई वैक्सीन से मिलने वाले परिणाम काफी अच्छे रहे हैं। मॉर्डना के द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन शरीर में ऐसे एंटीबॉडीज का निर्माण करने में सफल रही है, जो कोरोना वायरस से लड़ने और हराने में इंसान की मदद करेंगे।
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चाइनीज कंपनी Sinovac भी है रेस में, 99% सफलता का किया दावा
कोरोना वायरस वैक्सीन की रेस में चाइनीज ड्रग-मेकर कंपनी Sinovac भी रेस में है। सिनोवैक के कहा है कि वो 99% कॉन्फिडेंट हैं, कि उनकी वैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ काम करेगी। उन्होंने इस वैक्सीन का नाम CoronaVac दिया है। कंपनी का दावा है कि बंदरों पर किए गए क्लीनिकल ट्रायल में उन्होंने संक्रमण को मारने में पूरी सफलता प्राप्त कर ली है।
बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि भी है रेस में
बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने भी इस वैश्विक महामारी के खिलाफ दवा बनाने की रेस में है। अभी तक प्राप्त रिपोर्ट्स के मुताबिक पतंजलि ग्रुप एक दवा कंपनी के साथ मिलकर वैक्सीन बनाने का काम शुरू कर रही है। पतंजलि के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि कंपनी कोई इम्यूनिटी बूस्टर नहीं, बल्कि वैक्सीन बनाने पर ही फोकस कर रही है। इस वैक्सीन का ट्रायल जल्द ही इंदौर और जयपुर में किया जाएगा।
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