नशीली दवाओं के प्रयोग से हो सकती है लिवर की बीमारी, विस्‍तार से जानें इसके कारण और प्रकार

लिवर हमारे शरीर का प्रमुख अंग है। इसकी देखभाल करना बहुत जरूरी है, क्‍यों लिवर हमारे शरीर के फंक्‍शन को बेहतर बनाता है।
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नशीली दवाओं के प्रयोग से हो सकती है लिवर की बीमारी, विस्‍तार से जानें इसके कारण और प्रकार

What is Cholestasis in Hindi: कोलेस्टेसिस (Cholestasis) या पित्तस्थिरता एक लिवर की बीमारी है। यह तब होता है जब आपके लिवर (Liver) से पित्त (Bile) का प्रवाह कम या रुक हो जाता है। पित्त आपके लिवर द्वारा उत्पादित तरल पदार्थ है जो भोजन को (विशेष रूप से वसा) पचाने में मदद करता है। जब पित्त प्रवाह में बदलाव आ जाता है तो या बिलीरुबिन का निर्माण करता है। बिलीरुबिन हमारे लिवर द्वारा निर्मित और शरीर से पित्त द्वारा उत्सर्जित एक रंगद्रव्‍य (Pigment) है। 

कोलेस्टेसिस दो प्रकार के होते हैं: इंट्राहेपेटिक कोलेस्टेसिस और एक्स्ट्राहेप्टिक कोलेस्टेसिस (Intrahepatic cholestasis and Extrahepatic cholestasis)। इंट्राहेपेटिक कोलेस्टेसिस लिवर के भीतर उत्पन्न होता है। इसके कारण हो सकते हैं:

  • बीमारी
  • संक्रमण
  • नशीली दवाओं के प्रयोग
  • आनुवंशिक असामान्यताएं
  • पित्त प्रवाह पर हार्मोनल प्रभाव
  • इस स्थिति के लिए गर्भावस्था भी आपके जोखिम को बढ़ा सकती है।

एक्स्ट्राहेप्टिक कोलेस्टेसिस पित्त नलिकाओं के रुकावट के कारण होता है। पित्त पथरी, अल्सर और ट्यूमर जैसी चीजों से होने वाली रुकावट पित्त के प्रवाह को रोकती है।

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कोलेस्टेसिस के लक्षण

इंट्राहेपेटिक कोलेस्टेसिस और एक्स्ट्राहेप्टिक कोलेस्टेसिस, इन दोनों प्रकार के कोलेस्टेसिस के लक्षण समान होते हैं:

  • पीलिया (त्वचा का पीलापन और आपकी आंखों का सफेद होना है।) 
  • पेशाब का गहरा रंग
  • हल्के रंग का मल
  • पेट में दर्द होना
  • थकान
  • जी मिचलाना
  • अत्यधिक खुजली

कोलेस्टेसिस वाले सभी लोगों में लक्षण स्‍पष्‍ठ नहीं होते हैं, और क्रोनिक कोलेस्टेसिस वाले वयस्कों में अक्सर लक्षण नहीं दिखाई देते हैं।

कोलेस्टेसिस के कारण

कोलेस्टेसिस कई कारकों के कारण हो सकती है।

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गर्भावस्था के कोलेस्टेसिस

गर्भावस्था के इंट्राहेपेटिक कोलेस्टेसिस, जिसे ऑब्‍स्‍टेट्रिक कोलेस्टेसिस (obstetric cholestasis) भी कहा जाता है। ऑब्‍स्‍टेट्रिक कोलेस्टेसिस का सबसे आम लक्षण बिना दाने के खुजली है। यह खून में पित्त अम्‍ल के निर्माण के कारण होता है। खुजली आमतौर पर गर्भावस्था के अंतिम तिमाही में होती है। इसके साथ अन्‍य लक्षण जैसे: पीलिया, पीला मल, गहरा पेशाब, पेट में दर्द, जी मिचलाना आदि।

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गर्भावस्‍था के दौरान खुजली होने पर क्‍या करें? 

गर्भावस्था में खुजली होने पर अपने डॉक्टर से मिलें। वह आपको कुछ ओवर-द-काउंटर दवाएं, क्रीम आदि की सलाह दे सकते हैं। आपका डॉक्टर दवाओं को लिख सकता है जो खुजली के साथ मदद करती हैं लेकिन आपके बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचाएंगी।

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