बदलते लाइफस्टाइल की वजह से गैस, कब्ज या अफारा जैसी पेट की परेशानियां आम हैं। पर समस्या यह है कि जिसको यह परेशानियां होती हैं वह शर्म की वजह से किसी को बता भी नहीं पाता और अगर बताता भी है तो हंसी का पात्र बनता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे शरीर में ही हमारे रोगों को ठीक करने की व्यवस्था है। गैस, कब्ज और अफारा जैसी परेशानियों को आप सिर्फ एक्यूप्रेशर पॉइन्ट्स को दबाकर ठीक कर सकते हैं। इन परेशानियों से एक्यूप्रैशर पॉइन्ट्स कैसे निजात दिलाते हैं, इसके बारे में हमने बात की वैकल्पिक चिकित्सा की चिकित्सक ज्योति माथुर से। ज्योति माथुर के मुताबिक मानव शरीर एक अद्भुत मशीन है जो प्राकृतिक नियमों से खुद को नियंत्रित कर लेता है। हमारे शरीर में भोजन, कार्य और आराम ये तीनों ही प्रमुख भूमिका निभाते हैं। जब शरीर के प्राकृतिक नियमों का उल्लंघन होता है तो शरीर में विषाक्त पदार्थों के एकत्रित हो जाते हैं, जो शरीर को विभिन्न रोगों से ग्रसित कर देते हैं। इन रोगों को एक्यूप्रेशर पॉइन्ट्स से बड़े आराम से ठीक किया जा सकता है। एक्यूप्रेशर पॉइन्ट्स गैस, कब्ज और अफारा जैसी समस्याओं में कैसे मदद करते हैं, इसके बारे में जानने से पहले जान लेते हैं कि यह चिकित्सा शुरू कैसे हुई।
एक्यूप्रेशर पॉइन्ट्स चिकित्सा की शुरुआत (The beginning of acupressure points therapy)
डॉ. ज्योति माथुर ने बताया कि एक्यूप्रैशर पॉइंट्स से की जाने वाली चिकित्सा बहुत सफल इलाज है। 1970 के दशक में अमेरिका में भी एक्यूप्रेशर पर परीक्षण किया गया और स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत उपयोगी पाया गया। अमेरिका के डॉ. विलियम फ्रिट्ज्गेराल्ड ने अपनी टीम के साथ एक्यूप्रेशर पॉइन्ट्स पर शोध किया तथा उपयोगिता को सिद्ध किया। 16वीं शताब्दी में रैड इंडियंस के द्वारा भी इस तकनीक का प्रयोग किया जाता था। भारत में इसकी जड़ें लगभग 5000 वर्ष पूर्व सुश्रुत के लेखों में मिलती है। हम अपने प्राचीन ऋषि-मुनियों के आभारी हैं जिन्होंने हाथ और पैरों में विद्यमान एक्यूप्रैशर पॉइन्ंट्स की खोज की।
क्या होते हैं एक्यूप्रेशर पॉइन्ट्स (What is acupressure points)
वैकल्पिक चिकित्सा की प्रैक्टिशनर, रेकी मास्टर और वैदिक एस्ट्रॉलोजी में महारत हासिल कर चुकीं डॉ. ज्योति माथुर ने बताया कि ऐसा नहीं है कि एक्यूप्रैशर पॉइन्ट्स से किसी का इलाज करना कोई नई चिकित्सा है। यह कई सालों से चली आ रही है। एक्यूप्रेशर पॉइन्ट्स मानव शरीर के वे बिन्दु होते हैं जो शरीर के मुख्य चैनल्स पर विद्यमान होते हैं और इन बिदुंओं पर दबाव डालने या इन बिदुंओं पर मसाज करने से शरीर के कई रोगों से निजात पाई जा सकती है। डॉक्टर ज्योति माथुर से समझते हैं कि ये एक्यूप्रैशर पॉइन्ट्स गैस, कब्ज और अफारा में कैसे मदद करते हैं।
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पेट की गैस, कब्ज और अफारा के लिए प्रेशर पॉइंट्स (Pressure points for gas, constipation and bloating)
एक्यूप्रेशर पॉइंट्स को दबाने और मसाज करने से शरीर में रुकी हुई विषाक्त ऊर्जा को सक्रिय करके निकाला जाता है। शरीर की कमजोर ऊर्जा को शक्तिवान और अधिक सक्रीय ऊर्जा को शांत किया जाता है। रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) के क्षेत्र की तरह शरीर में चैनल्स का भी कनैक्शन का नेटवर्क होता है। तथा इन बिंदुओं को दबाने और मसाज करने से इनको सक्रिय किया जाता है। नियमित रूप से इन बिंदुओं को दबाने तथा मसाज करने से पेट की गैस, अफारा और कब्ज से छुटकारा पाया जा सकता है। डॉ. ज्योति माथुर के मुताबिक निम्न पॉइंट्स की मदद से पैट की गैस, कब्ज और अफारा से राहत पाई जा सकती है। यहां तस्वीरों के माध्यम से वे प्रेशर पॉइंट्स दिखाए गए हैं जिनकी मदद से आप अपनी परेशानी से निजात पा सकते हैं।
1. अगर आपको पेट में गैस बहुत बनती है और अफारा (bloating) की दिक्कत है तो आप हाथ में हथेली की ओर अंगूठे के निचले वाले हिस्से की तरफ तर्जनी अंगूठी की ओर जो गोलाई वाला स्थान है वहां पर मध्य में जो पॉइंट है, उसे दबाएं। दूसरे हाथ के अंगूठे से यहां दो मिनट के लिए दबाव डाला जाता है और छोड़ना होता है। इस प्रक्रिया को 10-12 बार दोहराना होता है। इसी प्रकार दूसरे हाथ में इसी बिंदु पर दबाव देना है और छोड़ना है। इन पॉइन्ट्स से पेट की गैस और अफारा दोनों में ही बहुत लाभ मिलेगा।
2. पेट में गैस से आराम दिलाने के लिए हाथ में पीछे की तरफ अंगूठे और तर्जनी उंगली के मध्य जहां दोनों हड्डियां आकर मिलती हैं उस बिंदू को दूसरे हाथ के अंगूठे से दबाना होता है। 2 से 3 मिनट तक 10-15 बार दबाने से पेट की गैस में आराम मिलता है। इस बिंदु को जानने का एक तरीका और यह है कि अंगूठा और उंगलियों को जोड़ें और हाथ में पीछे की तरफ जो उभार आता है वहीं इसका प्रेशर पॉइंट है।
3. पैर के तलवे में अंगूठा और अंगूली के मध्य नीचे की ओर जो अंगूठे की गोलाई है वहां 90 डिग्री के कोण पर यह बिंदु होता है। उस बिंदु को भी 2 मिनट तक दबाना चाहिए तथा इस प्रक्रिया को 5-10 बार दोहराना होता है। जिससे गैस, अफारा और कब्ज में आराम मिलता है।
4. घुटने के करीब 3 इंच नीचे बाहर की तरफ यह एक्यूप्रेशर का पॉइंट होता है। एक हाथ की दो ऊंगलियों का प्रयोग करके इस पॉइन्ट पर गोल-गोल मसाज करने से पेट की गैस, दर्द, अफारा और कब्ज में आराम में मिलता है। मसाज 5 से 10 मिनट करनी है। तभी आपको आराम मिलेगा।
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5. टखने से 3 इंच ऊपर पैर के पीछे की तरफ यह एक्यूप्रेशर पॉइंट होता है तथा हाथ की दो ऊंगलियों का प्रयोग करके इस बिंदु पर गोल-गोल घूमाकर मसाज की जाती है। 5-10 मिनट मसाज करते हैं। यही प्रक्रिया दोनों पैरों पर दोहराई जाती है। पेट की गैस, अपच तथा कब्ज में लाभकारी बिंदु है।
6. नाभि से 15 इंच नीचे की तरफ बीच में यह एक्यूप्रेशर का पॉइंट होता है। हाथ की तीन उंगलियों का प्रयोग करते हुए बहुत हल्के हाथ से मसाज करनी है। है। मसाज केवल 1 से 2 मिनट ही करनी है। इस प्रक्रिया को 5-7 मिनट के अंतराल पर दोहरा सकते हैं। इससे भी आपको पेट की गैस और कब्ज में मदद मिलेगी।
7. नाभि से 4 इंच ऊपर बिल्कुल बीच में यह एक्यूप्रेशर का पॉइंट होता है। इस बिंदु पर भी बहुत हल्के हाथ से 1-2 मिनट तक तीन उंगलियों का प्रयोग करके मसाज की जाती है। इससे भी पेट की गैस में मदद मिलती है।
8. पीठ पर रीढ़ की हड्डी से दो इंच दूर दोनों ओर तथा नीचे से 6 इंच ऊपर यह बिंदु होता है तता इस बिंदु को 1-2 मिनट दबाया और छोड़ा जाता है। यह प्रक्रिया पेट की गैस को निकालने में सहायक होती है।
सावधानियां
- गलत बिंदुओं पर दबाव डालने से कोई अन्य पेरशानी भी हो सकती है।
- बहुत अधिक दबाव भी नुकसान दे सकता है जैसे हड्डी टूटना तथा त्वचा का छिल जाना।
- गर्भावस्था में एक्यूप्रेशर करवाने से गर्भपात का भी खतरा हो सकता है।
- एक्यूप्रेशर पॉइंट पर हल्का दबाते हुए मसाज की जाती है।
- एक्यूप्रेशर करने से पहले आरामदायक स्थान पर बैठ जाएं और लंबी गहरी सांस लेने के बाद ही एक्यूप्रेशर की प्रक्रिया करें।
- एक दिन में कितनी भी बार दबाव या मसाज की जा सकती है लेकिन एक बार में केवल 10-15 बार ही करना है।
- यदि आप चाहें तो स्वयं भी अपने शरीर के एक्यूप्रेशर पॉइंट्स को दबा या मसाज कर सकते हैं, लेकिन प्रशिक्षित चिकित्सक की सलाह पर ही प्रयोग करें।
एक्यूप्रेशर पॉइन्ट्स शरीर के वे बिंदु होते हैं जिन्हें सही प्रक्रिया में दबाने से शरीर के कई रोगों से राहत मिल जाती है। यह चिकित्सा हमें सीख देती है कि हमारा शरीर खुद ही अपने रोगों को ठीक कर सकता है। जब दुनिया में मेडिकल साइंस का आविष्कार नहीं हुआ था तब ऐसी ही चिकित्साओं से लोग अपने रोगों को ठीक करते थे। अबकी कड़वी दवाइयां खाने के अलग ही साइड इफैक्ट होते हैं, लेकिन ऐक्यूप्रैशर से इलाज करने से कोई साइड इफैक्ट नहीं होते। पर ध्यान रहे कि आप जब भी एक्यूप्रैशर पॉइन्ट्स की मदद से अपना इलाज कर रहे हैं तो पहले कि विशेषज्ञ की मदद ले लें ताकि आप किसी गलत पॉइंट को न दबाएं।
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