हाथों के मौजूद एक्युप्रेशर पॉइंट्स को जानें

कई रोगों का इलाज हाथों में मौजूद एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स के जरिए किया जा सकता है। जानें उन प्वाइंट्स के बारे में विस्तार से और उनसे होने वाले लाभ के बारे में।
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हाथों के मौजूद एक्युप्रेशर पॉइंट्स को जानें


आपके शरीर में कई ऐसे प्रेशर प्वाइंट होते हैं जिनकी मदद से रोगों का उपचार किया जा सकता है। शरीर के हर अंग में कई प्वाइंट होते हैं जिनको दबाने से रोगों का इलाज संभव हो सकता है। आपके हाथों और बांहों में भी ऐसे ही कई प्वाइंट्स हैं जो आपको निरोग रखने में मददगार हैं। आइए जानें क्या है उन प्वाइंट्स के बारे में-

accupressure points in hand

  • कुछ प्वाइंट्स मरीडियन त्वचा के एकदम पास होती है।
  • कुछ प्वाइंट ऐसे होते हैं जिन्हें आसानी से ढूंढा जा सकता है। उन्‍हें दबाकर कई रोगों का इलाज किया जा सकता है। 


सभी व्यक्तियों की बनावट एक जैसी नहीं होती है। अगर आप किसी व्यक्ति के रोग के उपचार के लिए उसके शरीर में एक्यूप्रेशर प्वाइंट ढूढ़ना चाहते हैं तो उस व्यक्ति के अंगूठे या हाथ का प्रयोग किजिए। सभी व्यक्तियों के हाथ तथा अंगूठे की बनावट शरीर के अनुसार ही होती है।

 

आपके हाथ और बाजु में कई प्‍वाइंट्स होते हैं। ये प्रेशर प्‍वाइंट्स एक्‍यूप्रेशर की दृष्टि से काफी महत्‍वपूर्ण होते हैं। और आपको कई बीमारियों से बचा सकते हैं। इन प्‍वाइंट्स पर सही दबाव डालकर आप जुकाम, साइनस, श्वसन में परेशानी, चिंता, और पाचन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। ये प्‍वाइंट्स हमारे दोनों हाथों में होते हैं। हाथों के एक्‍यूप्रेशर प्‍वाइंट्स पर अधिक दबाव डालने से वे उत्‍तेजना के आदी हो जाते हैं, तो इसलिए कुछ दिनों तक एक्‍यूप्रेशर करने के बाद जरूरी है कि आप उन प्‍वाइंट्स को कुछ देर आराम दें। चलिए हम इन प्‍वाइंट्स के बारे में चर्चा करते हैं।

 

 

accupressure point

 

पहले दो प्‍वाइंट्स का असर हमारे फेफड़ों संबंधी रोगों को दूर करने में मदद करते हैं और यह हमारी कलाइयों में स्थित होते हैं।

प्‍वाइंट LU 7 हाथ और कलाई के जोड़ पर होता है। इस प्‍वाइंट पर दबाव डालने से आपको ठंड व जुकाम संबंधी लक्षणों जैसे छींक, ठंड, नाक बहना और गले की सूजन आदि से राहत मिलती है। दूसरा प्‍वाइंट LU 9 उस स्‍थान पर होता है, जहां से आप नाड़ी महसूस करते हैं। इस प्‍वाइंट पर सही दबाव डालने से खांसी, अस्‍थमा और सांस उखड़ने की समस्‍या से राहत मिलती है।

इसके साथ ही हमारी बाजुओं में PC3 प्‍वांइट होता है। यह प्‍वांइट वहां होता है जहां कोहनी मुड़ती है। यह प्‍वाइंट पर जोर डालने से पेट और हाजमे संबंधी समस्‍याओं से बचा सकता है। इसके सा‍थ तनाव और चिंता, और छाती में उमस आदि को दूर किया जा सकता है।

बाजु के निचले हिस्‍से में PC 6 प्‍वाइंट होता है। इस प्‍वाइंट को कलाई क्रीज से ऊपर की ओर जाते हुए कलाई के बीचों बीच पाया जाता है। यह प्‍वाइंट वहां होता है जहां आपकी बाजु सबसे मोटी होती है। यह प्‍वाइंट तनाव, पाचन क्रिया, मतली और कार्पल टनल सिंड्रोम जैसी समस्‍याओं को दूर किया जा सकता है।

HT 7 भी कलाई की क्रीज पर होता है। यह प्‍वाइंट कलाई की हड्डी के पास होता है। यह प्‍वाइंट तनाव, अनिद्रा, हार्ट पलपरेशन और अवसाद से दूर करने में मदद करता है।

आंख और कान संबधित समस्या 

आंख, कान,नाक, आवाज, साइनस से संबंधित प्रेशर प्वाइंट्स हथेलियों में होते हैं। इन अंगों से संबंधित कोई बीमारी होने पर हाथों के मुख्य बिन्दुओं पर प्रेशर देने से इन समस्याओं को उपचार हो सकता है।

Pressure points



होश में लाने के लिए

अगर कोई व्‍‍यक्ति बेहोश हो जाए तो उसके दोनों हाथों की सबसे छोटी उंगली की जड़ में मालिश करने से या प्रेशर देने से रोगी को होश में आ जाता है। जब व्यक्ति होश में आ जाए तो उसे पानी पिलाकर कुछ देर के लिए लिटा देना चाहिए।

अन्त: स्रावि ग्रंथियां हमारे पूरे शरीर का संचालन करती हैं। इसमें किसी प्रकार की समस्या होने पर मानसिक योग्यता, शारीरिक गठन व साहस आदि में कमी देखी जा सकती है। इसे स्वस्थ रखने के लिए हाथ की हथेलियों में कुछ प्वाइंट्स होते हैं जिन्‍हें प्रेस करना होता है।

  • हथेलियों में थाइमस तथा आड्रेनल गंथियों के लिए हाथ की चारों अंगुलियों से थोड़ा नीचे प्वाइंट होता है।
  • अग्नाशय के लिए हाथ की पहली अंगुली और अंगूठे से हथेली के मध्य की ओर स्थित होती है। पिट्रयूटरी और पीनियल ग्रंथि के लिए प्रतिबिंब प्वांइट्स अंगूठे के ऊपर होते हैं। डिंबग्रंथियों और अण्‍डकोष के लिए प्रेशर प्वाइंट्स अंगूठे से नीचे छोटी उंगली से थोड़ा ऊपर की ओर स्थित होते है।
  • गुर्दे तथा मूत्राशय के प्रतिबिंब बिंदु हथेलियों के बीचों बीच स्थित होते हैं। हथेलियों में प्रतिदिन इन बिंदुओं पर प्रेशर देने से गुर्दे तथा मूत्राशय में खराबी को इस प्‍वाइंट्स पर दबाव देकर ठीक किया जा सकता है। 
  • गर्भवती महिलाएं अंगूठे के पास वाले प्वाइंट पर मसाज न करें। इससे यूटेरस पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। अंगूठे और पहली उंगली के बीच के प्वाइंट पर उंगली से दबाव बनाएं और कुछ सेकंड बाद छोड़ दें।

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