
आपने कई लोगों को कहते सुना होगा, कि शरीर के इस अंग या भाग को दबाने से सिर दर्द सही होता है या फिर बल्ड प्रेशर कंट्रोल होता है। यह पूरी तरीके से सच है, कई बीमारियों के इलाज के इस प्रभावी माध्यम को एक्यूप्रेशर कहा जाता है।
एक्यूप्रेशर एक ऐसी तकनीक है, जिसकी मदद से ब्लड प्रेशर से लेकर मोटापे तक को कम किया जा सकता है। जब बात आती है कि हमारे शरीर का कौन सा ऐसा अंग या कौन सी मसल्स है, जो 24x7 घंटो काम करता है? तो इसका जवाब है, हमारा दिल। जी हां दिल एक अनूठी मांसपेशी है जिसका स्वाभाव प्रकृति को हरा देना है। पहली सांस से लेकर अपनी आखिरी तक हम दिल की बदौलत रहते हैं। जिस दिन, जिस वक्त इंसान का दिल धड़कना बंद कर देता है, तो उसी वक्त उसकी मौत निश्चित है। देखा जाए, तो भारत को दुनिया की डायबिटीज की राजधानी कहा जाता है लेकिन देश में होने वाली सभी मौतों में हृदय रोगों का योगदान लगभग 18% है। यही वजह है कि हम सबको अपने हृदय स्वास्थ्य की अच्छी देखभाल करना बहुत महत्वपूर्ण है। आइए आज हम आपको बताते हैं कि एक्यूप्रेशर कैसे आपके दिल को स्वस्थ रखने में मददगार है और यदि इसे डॉक्टर की देखरेख और सावधनियों के साथ न किया जाए, तो कैसे यह आपको नुकसान पहुंचा सकता है।
दिल को स्वस्थ रखने और इसे गलत तरीके से करने से होने वाले नुकसानों के बारे में ओन्ली माय हेल्थ ने महेश जयरामन sepalika.com के सह-संस्थापक और चाइनीज रिफ्लेक्सोलॉजी व साउथ इंडियन आर्ट आफ वर्मम एक्यूप्रेशर स्पेशलिस्ट से इस बारे में बात की।
एक्यूप्रेशर स्पेशलिस्ट महेश जयरामन कहते हैं, दिल की सेहत को बनाए रखने के लिए सबसे जरूरी चीजों में स्वस्थ आहार को सेवन करना जरूरी है। जिसमें हरी सब्जियां, फल और गुड फैट से भरपूर चीजें हों, जैसे कि मक्खन और घी। इसके अलावा, प्रतिदिन व्यायाम करना, जिसमें कि सप्ताह में पांच दिन केवल 45 मिनट तेज चलना हृदय रोग के जोखिम को काफी कम कर सकता है।
हृदय स्वास्थ्य के लिए कैसे मददगार है एक्यूप्रेशर?
दिल के स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करने वाले अध्ययनों सहित एक्यूपंक्चर कैसे काम करता है, इस पर हजारों अध्ययन हैं। जिनमें यह शाबित भी हुआ है कि एक्यूपंक्चर आपके दिल को स्वस्थ रखने में मददगार है। लेकिन हम में से अधिकांश लोग योग्य एक्यूपंक्चर चिकित्सकों की सलाह नहीं लेते। जबकि प्रशिक्षण के बिना खुद पर सुइयों का उपयोग करना भी उचित नहीं है। तो हमें क्या करना चाहिए?
एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर के नियम व सिद्धांत
एक्यूप्रेशर नियमों व सिद्धांतों पर आधारित है, जो एक्यूपंक्चर के समान हैं - दोनों महान ऊर्जा लाने के लिए ऊर्जा मेरेडियन पर काम करते हैं। एक्यूप्रेशर कुछ ऐसा है, जिसे आप कभी भी, कहीं भी कर सकते हैं। एक्यूप्रेशर स्पेशलिस्ट महेश जयरामन बताते हैं, उन्होंने एक्यूप्रेशर के सभी प्रकारों - चीनी, दक्षिण भारतीय और रिफ्लेक्सोलॉजी का उपयोग करके सभी प्रकार की बीमारियों का इलाज किया है, इसलिए वह जानते है कि यह कितना शक्तिशाली व प्रभावशाली तकनीक है।
दिल को स्वस्थ रखने के लिए कैसे करें एक्यूप्रेशर का इस्तेमाल?
एक्यूप्रेशर स्पेशलिस्ट महेश जयरामन के दिशा निर्देशों और उनसे की गई बातचीत के आधार पर हम आपको 3 सरल एक्यूप्रेशर प्वाइंट पर ध्यान देने को कहेंगे। जिनका उपयोग आप अपने हृदय स्वास्थ्य के लिए हर दिन कर सकते हैं।
एक्यूप्रेशर प्वाइंट 1
यह एक रिफ्लेक्सोलॉजी प्वाइंट है, जो आपके बाएं हाथ की हथेली में स्थित होता है। इसका पता कैसे लगाने के लिए आप अपने हाथ की सबसे छोटी उंगली यानि और अनामिका के बीच आकर, ठीक नींचे हथेली में सबसे छोटी उंगली के नीचे पडऋी रेखा पर आएं। अब आप अपने अंगूठे की मदद से इस बिंदु को 30 सेकंड या 1 मिनट तक दबाएं। ऐसा आप अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए दिन में 2 या 3 बार कर सकते हैं। यह वास्तव में वास्तविक दिल को पंप करने और मालिश देने जैसा है।
एक्यूप्रेशर प्वाइंट 2
महेश जयरामन बताते हैं, यह प्वाइंट चाइनीज एक्यूपंक्चर से हमारे पास आता है। यह हार्ट मेरिडियन पर स्थित है और फिर से इसे ढूंढना काफी आसान है। इसके लिए पहले आप अपनी हथेली के आधार पर कलाई में इस गोल हड्डी का पता लगाएं। जिस जगह पर आप कलाई में राखी बांधते हैं या घड़ी बांधतें हैं, वहां पर इस प्वाइंट को पहचानकर इसे अंदर की तरफ ट्रेस करें। इसे चाइनीज एक्यूपंक्चर में शेन मेन या स्पिरिट गेट कहा जाता है। आप इस प्वाइंट को अपने अंगूठे का उपयोग अंदर की ओर दबाएं और फिर हल्के मोशम में घुमाएं। इसे आप 30 सेकंड से 1 मिनट तक करें। यह भी, दिन में 2 या 3 बार करने की सलाह दी जाती है।
एक्यूप्रेशर प्वाइंट 3
यह प्वाइंट वर्मम की प्राचीन दक्षिण भारतीय कला से आता है। इस बिंदु के लिए श्रेय और गहरी कृतज्ञता कोयम्बटूर के वर्मम मास्टर डॉ.एन शन्मुगोम को जाती है। इस बिंदु का पता लगाने का तरीका गले के गड्ढे के ठीक नीचे अपने अंगूठे की नोक को रखना है और बाकी उंगलियों को स्वाभाविक रूप से छाती पर उपर स्पर्श करने दें। उस बिंदु की ओर जहां कंधे बाएं हाथ से मिलता है। अपनी उंगलियों का उपयोग हल्के से हर दिन 5 बार दबाएं।
महेश जयरामन बताते हैं, मैं हर सुबह अपने स्नान के बाद ऐसा करता हूं। वर्मम साहित्य के अनुसार, हमारे शरीर के विभिन्न अंगों को महीने के अलग-अलग दिनों में ब्रह्मांड के विभिन्न सितारों या नक्षत्रों से ऊर्जा प्राप्त होती है। रेवती नक्षत्र के दिन, जो हिंदू पंचांग के अनुसार महीने के एक दिन आता है, तारा आपके दिल को फिर से जीवंत करने के लिए विशेष ऊर्जा भेजता है। यदि आप उस दिन इस बिंदु पर टैप करते हैं, तो आप अपने शरीर को सक्रिय करते हैं।
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आश्चर्यजनक बात यह है, जब किसी के पास एक दिल होता है, जो ठीक से नहीं धड़कता है और उन्हें एक पेसमेकर प्रत्यारोपित किया जाता है, यह सटीक स्थान है जहां सर्जन इसे जगह देगा। शायद प्राचीन ऋषियों को पता था कि इस बिंदु और हृदय फंक्शन के बीच एक विशेष संबंध है तो, आप सभी को इस बिंदु को सक्रिय करने के लिए है कि आमिर खान को थ्री इडियट्स से फॉलो करें और इस बिंदु पर टैप करें और कहें "ऑल ईज वेल"। (यहां आप इन निर्देशों को बेहतर ढंग से समझने के लिए आप इस लेख में शामिल वीडियो देखें)
बिना डॉक्टर की सलाह और मार्गदर्शन के एक्यूप्रेश हो सकता है खतरनाक
एक्यूप्रेशर शक्तिशाली है, लेकिन इसे गलत तरीके से या उचित मार्गदर्शन के बिना करने से दुष्प्रभाव हो सकते हैं। आइए यहाँ कुछ महत्वपूर्ण सावधानियों के बारे में हम आपको बताते हैं। ।
1. जरूरत से ज्यादा और गलत तरीका
एक्यूप्रेशर स्पेशलिस्ट महेश जयरामन कहते हैं यदि आप इसे करने में सावधानियां और सही मार्गदर्शन के बिना करते हैं, तो उसके कई नुकसान हैं। अब जैसे मेरे पास एक बार एक रोगी थी, जिसने हृदय बिंदु को इतना दबाया था, कि हाथ लाल हो गया और दर्द करने लगा। वह दिल के रोगियों के परिवार से आई थी, इसलिए उसने सोचा कि 5 मिनट के लिए अगर 50 मिनट भी किया जाए, तो बहुत अच्छा होना चाहिए। उसे अपनी हथेली के सामान्य होने के लिए 3-4 दिनों के लिए एक्यूप्रेशर करना बंद करना पड़ा। इसके अलावा, हमेशा ध्यान रखें यदि आप सही प्वाइंट के बजाय गलत प्वांइट दबातें हैं, तो इसके भी आपको नुकसान झेलने पड़ सकते हैं।
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2. भारी भोजन के बाद एक्यूप्रेशर न करें
दूसरी सबसे जरूरी सावधानी है कि भारी भोजन के बाद एक्यूप्रेशर न करें। हालांकि हमारे प्राचीन ग्रंथ हमें बताते हैं कि एक्यूप्रेशर ऊर्जा शिरोबिंदु के माध्यम से काम करता है, भौतिक नसों या रक्त वाहिकाओं से नहीं। लेकिन आधुनिक शोध से पता चलता है कि जब एक्यूप्रेशर बिंदु उत्तेजित होता है, तो यह रक्त की आपूर्ति की ओर जाता है और उस बिंदु तक तंत्रिका ऊर्जा बढ़ रही है। अधिक खाने या खाना खाने के बाद, खाने को पचाने के लिए आपके पेट द्वारा रक्त की आवश्यकता होती है। उस समय, दिल के लिए एक्यूप्रेशर बिंदु तक रक्त को दूर करना एक बुद्धिमान विचार नहीं है। इससे बेचैनी और अपच हो सकती है। इसलिए खाने और एक्यूप्रेशर के बीच कम से कम एक घंटे का अंतर जरूर रखें।
3. बच्चों, वृद्ध और गर्भवती महिलाएं न करे
छोटे बच्चे, बहुत बूढ़े और गर्भवती महिलाओं के लिए एक्यूप्रेशर करने की मनाई की जाती है। यह एक स्पष्ट चेतावनी है, लेकिन हम अक्सर पास इन चीजों के मामले बहुत ही गलत हैं। इसलिए जब तक आप एक्यूप्रेशर विशेषज्ञ नहीं होते हैं, तब तक ऐसे मामलों को संभालने के लिए यह गलती न करें। बस इन छोटे बिंदुओं को ध्यान में रखें और आगे बढ़ें और इस अद्भुत चिकित्सा तकनीक से ऊर्जा में टैप करें व स्वस्थ जीवन जीएं।
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इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।
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