
अच्छे और सही फैसले लेने की क्षमता किसी भी व्यक्ति के जीवन को सही दिशा देने के लिए बहुत जरूरी है। अगर आप सही समय पर सही फैसला लेते हैं, तो जाहिर तौर पर आपको बहुत कम पछताना पड़ता है। लेकिन, अच्छे फैसले लेने के लिए सही मानसिक दक्षता का होना भी बहुत जरूरी है। इसके लिए आपमें सकारात्मकता होना भी बहुत जरूरी है। अब एक नए शोध में यह बात सामने आयी है कि जो लोग हरी-भरी जगह पर अपना वक्त गुजारते हैं उनमें स्वनियंत्रण और सकारात्मकता अधिक रहती है।
ऊंची-ऊंची इमारतों से घिरे हुए शहरों में रहते हुए इनसान अपनी खूबियों से दूर होता जा रहा है। इनके करीब आने के लिए उसे हरे भरे बाग-बगीचों में वक्त बिताने की जरूरत है। एम्स्टर्डम स्थित 'वीयू यूनिवर्सिटी' के शोधकर्ताओं ने ताजा अध्ययन में दावा किया है कि हरी-भरी जगहों पर वक्त बिताने से इनसान में सकारात्मकता आती है, साथ ही खुद पर उसका नियंत्रण भी बढ़ता है। शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि शहरी इलाकों में रहने से लोगों के फैले लेने की क्षमता प्रभावित होती है।
शहर की भागमभाग भरी जिंदगी जीने के कारण उन्हें मिनटों में फैसले लेने की आदत हो जाती है। इसलिए वे लंबे समय के बारे में न सोचकर वर्तमान में मिलने वाले फायदे को देखते है और उसी के हिसाब से निर्णय लेते है। शहरी इलाकों में रहने वाले रूतबे, शोहरत, पैसे और पार्टनर के पीछे भागते रहते हैं। उन्हें मिनटों में हर चीज हासिल करने की आदत हो जाती है। इससे वे खुद पर नियंत्रण खोने लगते हैं।
खुले और हरे-भरे वातावरण में समय गुजारने से इनसान भौतिकवादी चीजों से हटकर भविष्य के बारे में सोचता है जिसका फायदा उसे मिलता है। प्रमुख शोधकर्ता प्रो. मार्क वैन वुट के मुताबिक, 'बाग-बगीचों में न सिर्फ वक्त गुजारना, बल्कि खुले माहौल में व्यायाम करना भी काफी फायदेमंद होता है।' इससे बेहतर आर्थिक फैसले लने में मदद मिलती है।
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