मां के पेट में रहकर क्‍या-क्‍या करता है बच्‍चा? आपको जरूर जानना चाहिए!

विशेषज्ञों के अनुसार, पेट में पलने वाला बच्‍चा न सिर्फ हाथ और पैर चलाना सीखता है बल्कि वह खाना खाता है, जम्‍हाई लेता है। इसके अलावा भी कई तरह की एक्टिविटी में हिस्‍सा लेता है।
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मां के पेट में रहकर क्‍या-क्‍या करता है बच्‍चा? आपको जरूर जानना चाहिए!


घर में किलकारी गूंजने की खुशी हर किसी को होती है। हर सदस्‍य जच्‍चे और बच्‍चे का ख्‍याल बहुत अच्‍छे तरीके से रखता है। घर में बच्‍चे आने की खुशी में हर कोई कुछ न कुछ सपने देखता है। वहीं बच्‍चे को लेकर कई बार लोगों के दिमाग अलग-अलग तरह के सवाल भी पैदा होते हैं। बच्‍चा मां के पेट में क्‍या करता है, वह खाना क्‍या खाता है, खेलता है या नहीं आदि ऐसे तमाम सवाल हर किसी के दिमाग में आते हैं, अगर आपके भी दिमाग में ऐसे सवाल पनपते हैं तो इसका जवाब हम आपको इस लेख में देने जा रहे हैं। अगर आप ऐसा नहीं भी सोचते हैं तब भी इस लेख को पढ़ें और जानें कि मां के पेट में रहकर कोई बच्‍चा क्‍या-क्‍या करता है।

हिचकियां लेता है

गर्भावस्‍था के पहले तीन महीनों के दौरान बच्‍चा हिचकियां लेना शुरू कर देता है। आपको इसका अहसास नहीं होता लेकिन गर्भावस्‍था के अंतिम चरण तक आपको भी ये पता चलने लगता है। अगर आप ध्‍यान दें तो कई बार आप अपने गर्भ में शिशु की हिचकियों को महसूस कर सकती हैं।

हंसता भी है

कई बार ऐसी भी स्थिति आती है कि बच्‍चा हंसता भी है और खुश भी होता है। गर्भावस्‍था के 26वें हफ्ते में शिशु कई चीज़ों पर अपनी प्रतिक्रिया देने लगता है। इस दौरान बच्‍चा मुस्‍कुराता भी है।

जम्‍हाई लेता है

विशेषज्ञों के अनुसार गर्भ में पलने वाला बच्‍चा हमारी आपकी तरह जम्‍हाई भी लेता है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि गर्भ के अंदर बच्‍चा सबसे ज़्यादा सोता है और जब वो गर्भ के अंदर मूव करता है तो थक जाता है और उसे जम्‍हाई आने लगती है।

मूत्र भी करता है

विस्‍तर पर बच्‍चा पेशाब करता है, ये तो सभी जानते हैं लेकिन ये बात आपको पता नहीं होगी कि बच्‍चा मां के पेट में भी सू सू करता है। पहली तिमाही के अंत में शिशु पेशाब करना शुरु कर देता है।

खाने का स्‍वाद भी मिलता है

मां जो कुछ भी खाती है वो शिशु को जाता है और एमनिओटिक फ्लूइड के ज‍़रिए बच्‍चा इसके फ्लेवर का स्‍वाद चखता है। विशेषज्ञों की मानें तो ऐसा कहा जाता है कि 15वें हफ्ते में भ्रूण को मीठे का स्‍वाद पसंद आने लगता है और जब मीठा होता है तो शिशु ज़्यादा फ्लूइड लेता है।

आंखें खोलना और बंद करना

गर्भावस्‍था के 28वें हफ्ते में शिशु गर्भ के अंदर आंखे खोलने लगता है। वो तेज़ रोशनी पर प्रतिक्रिया भी देने लगता है लेकिन इसमें चिंता करने वाली कोई बात नहीं है क्‍योंकि इससे शिशु बाहरी दुनिया की जानकारी लेता है।

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रोता भी है बच्‍चा

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि बच्‍चा गर्भ में रोता भी है। अल्‍ट्रासाउंट के माध्‍यम से भ्रुण को रोते हुए देखा गया है।

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