जरूरत से ज्यादा सोचते हैं तो हो जाइए सावधान, हो सकती हैं ये 6 गंभीर परेशानियां

सोचना मनुष्य के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है और साथ ही यह आपके जीवित होने का एक पुख्ता प्रमाण भी है। मनुष्य के भीतर थिंकिंग पावर ही उसे सफल और रचनात्मक बनाती है लेकिन जरूरत से ज्यादा सोचना यानी की ओवर थिंकिंग आपके स्वास्थ्य के लिए घातक सिद्ध हो सकती है।
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जरूरत से ज्यादा सोचते हैं तो हो जाइए सावधान, हो सकती हैं ये 6 गंभीर परेशानियां


सोचना मनुष्य के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है और साथ ही यह आपके जीवित होने का एक पुख्ता प्रमाण भी है। आप अपने विचारों के बारे में सोच कर उसे राह देकर अपने जीवन को सफल बनाते हैं। मनुष्य के भीतर थिंकिंग पावर ही उसे सफल और रचनात्मक बनाती है लेकिन जरूरत से ज्यादा सोचना यानी की ओवर थिंकिंग आपके स्वास्थ्य के लिए घातक सिद्ध हो सकती है। ओवर थिंकिंग मस्तिष्क से लेकर आपके पूरे शरीर को प्रभावित करती है। हम ओवर थिंकिंग के जरिए सेहत पर होने वाले घातक परिणामों के बारे में बताने जा रहे हैं। अगर आप भी जरूरत से ज्यादा सोचते हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि यह स्थिति आपके लिए स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है।

मष्तिष्क को प्रभावित करती है ओवर थिंकिंग

ओवर थिंकिंग यानी की जरूरत से ज्यादा सोचना आपके मस्तिष्क को प्रभावित करता है दरअसल ज्यादा सोचने से शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन अधिक संख्या में विकसित होते हैं, जो शरीर पर बुरा प्रभाव डालते हैं। कोर्टिसोल हार्मोन मष्तिष्क की हिप्पोकैम्पस कोशिकाओं को नुकसना पहुंचाता है, जिसके कारण दिमाग की कनेक्टिविटी में बदलाव हो सकता है। दिमाग की  कनेक्टिविटी  में बदलाव से आपके काम करने के तरीके में बदलाव होने लगता है। वे लोग, जो ओवर थिंकिंग का शिकार होते हैं उनमें चिड़चिड़ाहट और मूड स्विंग की भी परेशानी रहती है।

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दिल संबंधी समस्याओं का कारण है जरूरत से ज्यादा सोचना

जरूरत से ज्यादा सोचना ह्रदय को भी बुरी तरीके से प्रभावित करता है और इससे लोगों में दिल संबंधी कई परेशानियां हो सकती हैं | ओवर थिंकिंग से चक्कर या सीने में दर्द जैसी कई परेशानियां हो कती हैं। इसके अलावा लगातार किसी चीज के बारे में सोचते रहने से चिंता होने लगती है, जो इन परेशानियों को और गंभीर बना देती है |

ओवर थिंकिंग की वजह से होती है अनिद्रा

जरूरत से ज्यादा सोचना कुछ लोगों की आदत सी बन जाती है, वे लोग अक्सर रात को आराम से नहीं सो पाते क्योंकि उनका मन किसी न किसी बात को लेकर अशांत रहता है, जिसके कारण वे सो नहीं पाते और अनिद्रा का शिकार हो जाते हैं।

पाचन समस्या का कारण ओवर थिंकिंग

अक्सर हम किसी बात को लेकर जरूरत से ज्यादा सोचने लगते हैं, जिसके कारण तनाव पैदा हो जाता है, जो कि हमारे पाचन तंत्र पर भी बहुत बुरा असर डालता है। जरूरत से ज्यादा सोचने से एसिडिटी , पेट में जलन या पेट साफ न होना जैसी पाचन समस्याएं हो सकती हैं |

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इम्यून सिस्टम को बिगाड़ती है ओवर थिंकिंग

जरूरत से ज्यादा सोचने वाले लोग अक्सर बीमार हो जाते हैं। दरअसल ऐसा करने से उनके कोर्टिसोल हार्मोन रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देते हैं, जिससे वे संक्रमण की चपेट में आसानी से आ जाते हैं और बार-बार बीमार पड़ने लगते हैं।

ज्यादा सोचने से स्किन भी होती है प्रभावित

जरूरत से ज्यादा सोचने से आपकी स्किन भी प्रभावित होती है। दरअसल जब आप अंदर से अच्छा व खुश महसूस नहीं करेंगे तो उसका प्रभाव आपके चेहरे पर भी साफ दिखाई देगा। चिंता के कारण सोरायसिस, एपोटीक डर्माटिटाइस , गंभीर खुजली, एलोपेशिया एरियाटा और सीब्रोरहाइक डर्माटाइटिस जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। जरूरत से ज्यादा टेंशन लेने से दाने और मुंहासे भी हो सकते हैं और साथ ही उम्र से पहले चेहरे पर झुर्रियां दिखाई देनी लगती हैं ।

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