स्वस्थ और तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए योग करना आवश्यक है। आजकल की भाग दौड़ भरी दिनचर्या में प्राकृतिक रूप से खुद को फिट रखने के लिए योग से बेहतर विकल्प और कुछ नहीं है। योग और व्यायाम करने से शरीर को निश्चित तौर पर फायदा होता है। योग के भी विभिन्न प्रकार और आसन होते हैं। आज हम बात कर रहे हैं अर्धचंद्रासन की। संस्कृत के शब्दों से मिलकर बना शब्द अर्धचंद्रासन (Ardha Chandrasana) हमारी शरीर के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानेंगे तो आप भी इसे करने से खुद को नहीं रोक पाएंगे। अर्धचंद्रासन नाम चंद्रमा यानि की चांद को दर्शाता है। यह सुनने में जैसा लगता है ठीक उसी प्रकार से किया भी जाता है। इस आसन का आकार आपको अपनी शरीर को त्रिकोण बनाकर करना होता है। इसे हाफ मून पोस (Half Moon Pose) के नाम से भी जाना जाता है। आपकी पूरी शरीर में संतुलन बनाए रखने के लिए यह अत्यंत लाभकारी है। अर्धआसन को थोड़ा सावधानी की मुद्रा में रहकर करना होता है। यहां जानिए इसको करने के फायदे और तरीके।
यहां जानें अर्धचंद्रासन के फायदे (Ardha Chandrasana Benefits)
हड्डियां होती हैं मजबूत (Makes Bone Stronger)
अर्धचंद्रासन करने के सबसे लाभकारी फायदों में से एक है टखने (Ankle) और जांघो (Thighs) की हड्डियां मजबूत होना। यह आसन हड्डियां मजबूत करने में बहुत असरदार है। क्योंकि इसे करने पर हमारे पैरो पर ज़ोर पड़ता है इसलिए इसका हमारे टखनों और जांघो पर खास असर पड़ता है।
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हैमस्ट्रिंग में असरदार (Beneficial In Hamstring)
अर्धचंद्रासन करने का दूसरा सबसे बड़ा लाभ हमारे घुटने के पीछे की नस को होता है, जिससे अंग्रेज़ी में हैमस्ट्रिंग (Hamstring) के नाम से जाना जाता है। यह आसन हमारे हैमस्ट्रिंग को खींचता है अर्थात उससे स्ट्रेच करता है। ऐसा करने से हैमस्ट्रिंग (Hamstring) में चोट (injury), मोच और दर्द की आशंका कम हो जाती है। जो लोग रोजाना रनिंग (Running) करते है उन्हें तो खासतौर और नियमित अर्धचंद्रासन करना चाहिए।
बढ़ती है एकाग्रता (Improves Concentration)
अर्धचंद्रासन करने से ना केवल शारीरिक गतिविधियां ठीक होती है बल्कि दिमाग भी शांत होता है। कई वैज्ञानिक रिसर्च में ऐसा साबित हुआ है कि अर्धचंद्रासन करने से एकाग्रता (Concentration) बढ़ती है, जिससे आपको स्ट्रेस और एंग्जाइटी से लड़ने की शक्ति मिलती है। बच्चों के लिए भी अर्धचंद्रासन काफी फायदेमंद है। इससे उनका दिमाग तेज होता है। साथ ही इसे करने से शरीर का संतुलन और शरीर में तालमेल भी बना रहता है।
पेट की समस्याओं में असरदार (Beneficial For Stomach)
जिन लोगों को पेट की बीमारी रहती है उन्हें अर्धचंद्रासन ज़रूर करना चाहिए। रोजाना नियमित रूप से अर्ध चंद्रासन का अभ्यास करने से पेट में किसी भी किस्म की बीमारी जल्दी नहीं होती। इस योगासन के अभ्यास से पाचन क्रिया दुरुस्त और संतुलित रहती है और एसिडिटी (Acidity) की समस्या नहीं होती। साथ ही इससे कब्ज की समस्या भी दूर हो जाती है। अपने पाचक तंत्र को हेल्दी रखने के लिए अर्धचंद्रासन का अभ्यास नियमित रूप से करना चाहिए।
लोअर बैक पेन से छुटकारा (Beneficial For Lower Back Pain)
अर्धचंद्रासन लोअर बैक पेन से छुटकारा दिलाने में बहुत चमत्कारी योगासन माना जाता है। इस आसन का अभ्यास करने से आपकी शरीर के अधिकांश हिस्से स्ट्रैच होते हैं। खासतौर पर कमर और शरीर के निचले हिस्से पूरी तरह से स्ट्रैच होते हैं। इसलिए लोअर बैक पेन में यह काफी असरदार माने जाते हैं। लोअर बैक को मजबूत बनाने के साथ साथ यह आसन शरीर को लचीला (Flexible) बनाता है। अर्धचंद्रासन के अभ्यास से आपकी हिप लचीली होने के साथ ही रीढ़ की हड्डी मे भी मजबूती आती है।
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वजन घटाने में कारगर (Reduces Weight)
शरीर से चर्बी हटानी हो तो अर्धचक्रासन का अभ्यास आपको ज़रूर करना चाहिए। इसके अभ्यास से शरीर की निचले और बीच के हिस्से की अतिरिक्त चर्बी बर्न होने लगती है। यह कमर, कूल्हों और जांघो की चर्बी को कम करता है। जो लोग वजन कम करना चाहते है वे इस योगासन को अपना सकते है। इससे आप बैली फैट भी कम कर सकते हैं।
जाने अर्ध चंद्रासन करने का तरीका
- सबसे पहले ज़मीन पर सीधे खड़े हो जाए।
- फिर बाएं पैर को दाएं पैर से दो फुट दूर ले जाएं।
- याद रखें अभी तक आपको अपने हाथ सीधे ही रखने हैं।
- अब हाथों और पैरों को हिलाते हुए त्रिकोण मुद्रा में ले जाएं।
- अब अपने दाएं हाथ के पंजे को ज़मीन से थोड़ा सा उपर रखें। आपके दाएं हाथ के पंजे और दाएं पैर के बीच करीबन डेढ़ फीट की दूरी होनी चाहिए।
- एक हाथ को उपर की ओर ले जाएं और दूसरे को उसी पोजीशन में उपर की ओर ले जाएं।
- अब अपने बाएं पैर को हवा में उठाए। याद रखें कि इस स्थिति में आपको अपने दोनो पैरों के बीच में 90 डिग्री का एंगल रखना होगा।
- लीजिए आपकी अर्धचंद्रासन की मुद्रा बन चुकी है।
यदि आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं तो और आपको अर्धचंद्रासन की मुद्रा बनाने में परेशानी हो रही है तो इसका अभ्यास न करें। ऐसे में अपने चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही इस आसन को करें।
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