
गर्दन दर्द से बचे रहने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी ये है कि आप अपनी लाइफस्टाइल को सही करें और उसके बाद इन तमाम उपायों को आजमाएं।
कोरोनावायरस के कारण पूरी दुनिया वर्क फ्रॉम होम करने का मजबूर है। वर्क फ्रॉम होम का सबसे बड़ा नुकसान ये है कि इसने हमारे लाइफ का बैलेंस खराब कर दिया है। लाइफ के इस डिसबैलेंस का असर हमारे शरीर पर भी हो रहा है। घंटों कंप्यूटर पर बैठ कर काम करना लोगों को कमर दर्द और गर्दन में दर्द दे रहा है। कई लोगों में सर्वाइकल पेन की समस्या भी बढ़ गई है। हालांकि गर्दन का दर्द सिर्फ इसी वजह से नहीं होता बल्कि इसके पीछे कई अन्य कारण भी हैं। गर्दन के दर्द के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने डॉ. अरुण पाण्डेय से भी बात की, जो कि एक ऑरथोपेडिक (हड्डी रोग विशेषज्ञ) डॉक्टर हैं। डॉ. अरुण पाण्डेय की मानें, तो गर्दन का दर्द का सबसे आम कारण है आपकी लाइफस्टाइल है, जिसमें कि आप लगातार गलत तरीके से सोते या बैठते हैं। लॉकडाउन में सबसे ज्यादा लोगों को सर्वाइकल पेन की परेशानी हुई, जो कि गर्दन दर्द से ही जुड़ा हुआ है। पर सर्वाइकल पेन ही गर्दन दर्द का कारण नहीं है बल्कि इसके कई अन्य प्रकार और कारण भी हैं।
कितने प्रकार का होता है गर्दन का दर्द -Types Of Neck Pain
1.मांसपेशियों में दर्द
प्राथमिक रूप से गर्दन का दर्द मांसपेशियों में तनाव की वजह से होता है। ये लंबे समय तक शारीरिक या भावनात्मक तनाव के जवाब में गर्दन या कंधे की मांसपेशियों में होता है। इसके अलावा गंभीर होने पर गर्दन की मांसपेशियों में सख्त गांठें विकसित हो सकती हैं जो हल्के स्पर्श से भी उभर आती हैं।
2.मांसपेशी में ऐंठन
यह गर्दन की मांसपेशियों का अचानक आए ऐंठन के कारण होती है। आपकी गर्दन को चोट लगने या आपके सिर को मोच आने के कारण ये परेशानी हो सकती है। गंभीर होने पर मांसपेशियों की ये ऐंठन चोट रीढ़ की हड्डी की डिस्क या तंत्रिका समस्या की प्रतिक्रिया में भी हो सकती है। हालांकि, इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं है।
3.सरदर्द
गर्दन से संबंधित दर्द सबसे अधिक बार सिर और ऊपरी गर्दन के पीछे महसूस होता है और आमतौर पर मांसपेशियों में तनाव का परिणाम होता है। सिरदर्द से शुरू होने वाला गर्दन दर्द आमतौर पर तेज होने के बजाय सुस्त या दर्दनाक होता है। इसके कारण आपको गर्दन को हिलाने में भी परेशानी हो सकती है।
4. गर्दन के ज्वाइंट में पेन
गर्दन के ज्वाइंट पेन अक्सर गहरी, तेज या दर्द के रूप में बताया जाता है। इसमें परेशानी आपके रीढ़ की हड्डी से शुरू होती है और आपके कंधे या ऊपरी पीठ से होते हुए गर्दन तक पहुंच जाती है। कई बार ये अर्थराइटिस के कारण भी हो सकता है, जो कि कमजोर हड्डियों के कारण तेजी से बढ़ता है।
5. नसों का दर्द
रीढ़ की नसों में जलन या तेज दर्द भी गर्दन का दर्द का कारण होता है। इसमें आपको एक मध्यम दर्द लगातार रहता है। गंभीर होने पर जब गर्दन में रीढ़ की हड्डी संकुचित हो जाती है, तो माइलोपैथिक दर्द विकसित हो सकता है।
गर्दन के दर्द का कारण -Causes of Neck Pain
- -गर्दन की हड्डियों में कमजोरी के कारण
- - हड्डियों का आगे-पीछे हो जाने के कारण
- - हड्ड्यों में खिंचाव के कारण।
- -बहुत देर तक गर्दन झुका कर काम करने की वजह से।
- -गर्दन में चोट लगना
- -गलत पोजिशन में सोना
- -व्यायाम के दौरान गर्दन को मरोड़ आ जाना।
गर्दन के दर्द के अन्य गंभीर कारण
- -डिजेनरेटिव डिस्ट डिजीज (Degenerative disc disease)
- -मांसपेशियों में तनाव या खिंचाव
- -तंत्रिका तंत्र से जुड़ी परेशानी
- -हर्नियेटेड डिस्क (Herniated disc)
- -सर्वाइकल फेशट सिंड्रोम (Cervical facet syndrome)
- - सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी (Cervical radiculopathy)
गर्दन दर्द का लक्षण-Symptoms of Neck Pain
- -चक्कर आना
- -सिर भारी रहना
- -गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव आना
- - हाथों नें झनझनाहट
- - ये गर्दन के साथ-साथ हाथों में भी दर्द होना।
गर्दन दर्द में डॉक्टर की मदद कब लें-When to see your doctor?
अगर गर्दन का कोई भी लक्षण एक सप्ताह से अधिक समय तक बने रहते हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए और इसका इलाज करवाना चाहिए। इनमें निम्न लक्षण शामिल हैं
- -स्पष्ट कारण के बिना गर्दन में गंभीर दर्द
- - गर्दन में गांठ महसूस होना
- -बुखार
- -सरदर्द
- -सूजन
- -जी मिचलाना
- -उल्टी
- - सांस लेने में परेशानी
- -कमजोरी
- -सुन्न हो जाना
- -झुनझुनी
- -दर्द जो आपके हाथ या पैर को प्रभावित करे
- -अपनी बाहों या हाथों को हिलाने में परेशानी
- -मूत्राशय में परेशानी या बाउल डिसफंक्शन

गर्दन दर्द का घरेलू उपाय-Neck Pain Home Remedies
- -एक तो गर्दन को आराम दें।
- -गर्म पानी में नमक डाल कर सिकाई करें।
- -पहले कुछ दिनों के लिए बर्फ लागू करें। उसके बाद, हीटिंग पैड से सिकाई करें।
- - इबुप्रोफेन या एसिटामिनोफेन दवाइयां लें।
- -सही पोजिशन में काम करें।
- -फोन पर बात करते समय अपनी गर्दन और कंधे के बीच रखने से बचें।
- -बहुत लंबे समय तक एक ही स्थिति में खड़े या बैठे न रहें।
- -कोमल गर्दन की मालिश करवाएं।
- -हड्डियां कमजोर हैं, तो तकिया लगा कर न सोएं।
- -पतली तकिया लगा कर सोएं।
- -जेल और क्रिम से मालिश न करें। बस लगा कर छोड़ दें।
- -गर्दन की एक्सरसाइज करें।
डाइट में किन चीजों का रखें ध्यान?
- -अगर आपकी गर्दन में लगातार दर्द रहता है, तो आपको अपनी हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए डाइट में विटामिन और कैशिल्म युक्त चीजों को ज्यादा शामिल करना चाहिए। इसके अलावा आप अपनी डाइट में इन चीजों को भी शामिल कर सकते हैं। जैसे कि
- - हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो आपके दर्द को नैचुरल तरीके से खत्म कर देती है। इसलिए रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में एक चम्मच हल्दी डालकर इसे पिएं।
- - गर्दन दर्द से बचे रहने के लिए डाइट में विटामिन डी और कैल्शियम से भरपूर चीजों को शामिल करें।
- - इसके अलाव आप तिल के तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में कॉपर, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, विटामिन डी, जिंक के साथ कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो सर्वाइकल पैन से निजात दिला सकते हैं। इसलिए दर्द से छुटकारा पाने के लिए तिल के तेल को लहसुन डाल कर गर्म करें और उससे रोजाना मालिश करें।
इसके अलावा अगर आपको सर्वाइकल पेन का दर्द है तो आपको ज्यादा सतर्क रहना चाहिए क्योंकि केवल गर्दन में ही नहीं रहता है बल्कि धीरे-धीरे शरीर के बाकी हिस्से में भी फैलता है। इसलिए जरूरी है कि समय रहते आप इसका उपाय करें और गंभीर होने पर इसका इलाज करवा कर इससे छुटकारा पा लें। इसके अलावा स्मोकिंग और कैफीन युक्त चीजों से बचे रहें।
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