
कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में नकारात्मक खबरों की बाढ़ सी आ गई है। हर दिन सुबह उठते ही यही खबरें मिलती हैं कि कल कितने लोग संक्रमित हुए, कितने लोगों की मौत हुई, आसपास कहां और किस इलाके में वायरस पाया गया, किस सेक्टर में नौकरियां जा रही हैं आदि। इसी बीच लॉकडाउन की समस्याएं अलग आपको परेशान कर रही होंगी। इन सबके कारण तनाव और चिंता होना तो लाजमी है। मगर कहीं आप जिसे सामान्य चिंता समझ रहे हैं, वो कोई घातक मानसिक बीमारी तो नहीं बनती जा रही है? इस बात की संभावना बहुत अधिक है, इसलिए आपको इसके संकेत और लक्षण जान लेने चाहिए।
हम आपको बता रहे हैं 5 ऐसे संकेत, जो बताते हैं कि कोरोना वायरस की चिंता या तनाव ने खतरनाक रूप ले लिया है और इससे छुटकारा पाने के उपाय भी।
रात को ठीक से सो नहीं पाते आप
अगर आपको रात में ठीक से नींद नहीं आती है या फिर आप लेटे रहते हैं करवट बदलते रहते हैं, तो ये मानसिक तनाव के खतरनाक होने का संकेत है। नींद इंसान के शरीर की सबसे जरूरी क्रियाओं में से एक है। अगर आप ठीक से सोएंगे नहीं तो आपको कई तरह की शारीरिक-मानसिक परेशानियां होंगी। इसलिए अगर नींद की गड़बड़ी दिखाई दे तो आप एक्सरसाइज और योगासनों का सहारा लीजिए। इससे आपको अच्छी नींद आएगी और तनाव भी कम होगा।
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नकारात्मक खबरें ज्यादा डराती हैं
ये बात सच है कि टीवी चैनल्स, समाचारों और अखबारों में इन दिनों नकारात्मक खबरें ज्यादा बताई जा रही हैं, मगर यह भी सच है कि इसी बीच आपके आसपास बहुत कुछ सकारात्मक हो रहा है। इसलिए अगर आप नकारात्मक खबरें पढ़कर या सुनकर चिंतित हो जाते हैं और आपका डर बढ़ जाता है, तो ये भी अच्छे संकेत नहीं हैं। कोरोना वायरस से बचाव के लिए सुरक्षा जरूरी है। अगर आप सुरक्षा के सभी नियमों का पालन कर रहे हैं, तो ये वायरस आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। बाकी यह जरूर है कि कोरोना वायरस के खत्म होने के बाद दुनिया काफी कुछ बदलेगी। लेकिन यहां सकारात्मक बात ये है कि वो बदलाव सिर्फ आपके लिए नहीं होगा, बल्कि सबके लिए होगा।
किसी काम में मन नहीं लगता, हंसी नहीं आती
अगर आप इतने ज्यादा नकारात्मक हो चुके हैं कि आपको हर समय कोरोना वायरस का खतरा मंडराता दिखता है, जिसके कारण आप का किसी काम में मन नहीं लगता या आप आसपास मौजूद लोगों के साथ हंसते-मुस्कुराते नहीं हैं, तो ये भी संकेत है कि आपका तनाव गंभीर रूप ले चुका है। ध्यान दें कि तनाव कम करने का सबसे आसान तरीका यही है कि आप लोगों से घुलें और बातें करें। अगर आप लॉकडाउन का क्वारंटाइन में हैं, तो लोगों से फोन पर बात करें या घर में मौजूद लोगों के साथ हंसी-मजाक और मस्ती करें। या फिर मूवीज देखें, गाने सुनें, किताबें पढ़ें या कुछ क्रिएटिव करें।
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आप खुद को बिल्कुल अकेला महसूस कर रहे हैं
अगर आपको लगता है कि कोरोना वायरस के कारण दुनिया बदल गई है और आप बिल्कुल अकेले पड़ गए हैं, या कोई आपकी मदद के लिए नहीं बचा है, तो रुकें! आपका ऐसा सोचना ठीक नहीं है। ये भी मानसिक परेशानी का ही संकेत है। कई बार बिल्कुल अकेला महसूस करना या मदद की उम्मीद न होना भी एक तरह का ट्रॉमा बन सकता है। इसलिए ऐसा न करें। अपने आसपास के लोगों से बात करें। अगर कोई समस्या है तो सरकार द्वारा बताई गई हेल्पलाइन से मदद मांगे। परिवार के लोगों के संपर्क में रहें और अपने आप को बिजी रखें।
आपको आत्महत्या के ख्याल आ रहे हैं
ये बात सबसे डराने और हैरान करने वाली है कि आपको कोरोना वायरस या इससे पैदा हुई स्थितियों के कारण इतना तनाव हो चुका है कि आपको आत्महत्या के ख्याल आने लगें। आपको ये बात समझनी होगी कि कोरोना वायरस आज दुनिया के 200 देशों में फैल चुका है, लेकिन ज्यादातर देश इस वायरस से उबरकर दोबारा पहले जैसी जिंदगी शुरू कर चुके हैं। इसके अलावा मौत अंतिम विकल्प कभी भी नहीं था और न होगा। आप सबसे बात करें और विपरीत परिस्थितियों के लिए अपने आप को मानसिक रूप से मजबूत करें, यही इस समय सबसे जरूरी है।
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