त्वचा की देखभाल से जुड़े हमारे पास आज इतने प्राकृतिक तरीके हैं कि अब हम किसी भी नेचुरल और पुराने सौंदर्य उपचारों पर भरोसा करने लगे हैं। पर भरोसा आंख मूंद कर करना कभी भी सही नहीं माना गया है। हमें हर चीज को आजमाने से पहले उसके तथ्यों और विशेषताओं के बारे में जानकर ही उसका इस्तेमाल करना चाहिए। आज आपको इंटरनेट पर भी कई ब्यूटी सॉल्यूशन मिलते हैं। इसके अलावा, दोस्तों और परिवार हमेशा आपको त्वचा की देखभाल और ब्यूटी से जुड़े सलाह देते होंगे। ऐसे में स्वाभाविक है कि इन सुझावों में कई मिथक भी शामिल होंगे, जो वास्तव में किसी काम के नहीं है। तो आइए जानते हैं हमारे आस पास के सबसे लोकप्रिय ब्यूटी मिथ्य और उनके तथ्य।
मिथक 1: खूब सारा पानी पी कर आप एक अच्छी त्वचा पा सकते हैं
एक स्वस्थ आहार और उचित पानी का सेवन अच्छी त्वचा के लिए आवश्यक है। लेकिन पर्याप्त पानी पीने का मतलब यह नहीं है कि आपको अपनी त्वचा को मॉइस्चराइज करने के लिए सिर्फ पानी ही पीना है। दरअसल पानी पीने से ही आपकी त्वचा अच्छी रहेगी ये तय नहीं है। ये आपके बाकी लाइफस्टाइल और ग्रूमिंग रूटीन पर भी निर्भर करता है। साथ ही सही क्रीम और स्किनकेयर उत्पाद भी अच्छी त्वचा के लिए मायने रखता है। स्किनकेयर के बारे में सोचना महत्वपूर्ण है जिसमें एक्सफ़ोलीएटिंग, मॉइस्चराइजिंग और टोनिंग शामिल हो। वहीं स्किन में हाइड्रेशन और मॉइस्चराइजिंग के बीच एक बड़ा फर्क है।
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मिथक 2: पिंपल्स ओवरनाइट विकसित होते हैं
पिंपल्स संचित सीबम और उनके कारण रुकावट का एक परिणाम है, जो रात भर में नहीं हो सकता है। एक दाना विकसित होने और दिखने में कम से कम एक सप्ताह का समय लगता है। तो, अगली बार जब आप अपने चेहरे पर एक सुबह पिंपल देखें, तो ये न सोचें कि ये रात भर में निकल आया है। अगर आप अपनी पिंपल की समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो बस यह सुनिश्चित कर लें कि आप दिन में कम से कम दो बार पानी से अपने चेहरे को बार-बार साफ करते रहें।
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मिथक 3: ज्यादा SPF क्रीम लगाएंगे, तो धूप से त्वचा ज्यादा देर तक बची रहेगी
हाई एसपीएफ युक्त सनस्क्रीन लगाना एक अच्छा है, पर ये सोचना कि यही स्किन को रैशेज और गर्मी से बचा लेगा तो ये गलत है। ज्यादातर लोग इस सोच के चलते हर 2-3 घंटे में सनस्क्रीन बार-बार लगाते हैं चाहे वो घर पर ही क्यों न हो। ये बेवकूफी न करें। UAB के साथ UVA सुरक्षा वाला सनस्क्रीन लगाएं पर दिन में एक से दो बार जब आप घर से बाहर जा रहे हों।
मिथक 4 : त्वचा के लिए हर चीज नेचुरल ही हो
ज्यादातर लोग, विशेष रूप से भारत में, इस धारणा के तहत जीते हैं कि प्राकृतिक तत्व हमेशा बाजार में उपलब्ध क्रीम और लोशन से बेहतर होते हैं। लेकिन सभी कार्बनिक तत्व हर प्रकार की त्वचा पर काम नहीं करते हैं और आपकी त्वचा के अनुरूप नहीं हो सकते हैं। इसलिए, सही सलाह के लिए त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लें और सिर्फ नेचुरल चीजों के इस्तेमाल पर ही भरोसा न करें।
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मिथक 5: शेविंग या वैक्सिंग आपके शरीर के बालों को मोटा बना देगा
शेविंग या वैक्सिंग से आपके बालों के विकास का दर या मोटाई नहीं बदलता है। बल्कि इस तरह की साफ सफाई स्किन के लिए बेहद जरूरी है। वहीं कुछ लोगों को लगता है कि शेविंग या वैक्सिंग से बालों का रंग भी बदलता है, जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है। तथ्य ये है कि शेविंग या वैक्सिंग करने पर आपके बाल छोटे होते हैं, जो रूखे लगते हैं, जिससे वे वास्तव में जितने मोटे होते हैं, उतने ही मोटे दिखने लगते हैं। ऐसे में आप अधिक ध्यान जाता है, तो आपको ऐसा महसूस होता है।
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