गठिया (Arthritis) से पीड़ित लोगों को जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या पैदा हो जाती है और कठोरता के कारण दर्द होने लगता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस, गठिया का सबसे आम प्रकार है जो बढ़ते उम्र के साथ और भी खतरनाक हो जाता है। गठिया का दर्द बहुत कष्टदायी हो सकता है और आपको डॉक्टर एंटीइंफ्लेमेट्री मेडिकेशन और दर्द निवारक दवाइयां लेने की सलाह देते हैं जो आपके दर्द से राहत तो अवश्य दिलाता है, लेकिन लंबे समय तक इन दर्द निवारक दवाइयां का सेवन शरीर के लिए हानिकारक होता है। हल्दी का सेवन करने से गठिया के कारण होने वाले जोड़ों मेें दर्द से आपको राहत मिल सकती है और आपके लिए ये कई अन्य तरीकों से भी फायदेमंद हो सकता है। हल्दी एक अद्भुत मसाला है जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण और एंटीऑक्सिडेंटस होते हैं, जो गठिया के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। आइए जानते हैं हल्दी का सेवन आप किन-किन प्रकारों से कर सकते हैं।
हल्दी की चाय
जिन लोगों को रोजाना चाय पीने की आदत होती है उन लोगों के स्वस्थ्य के लिए हल्दी की चाय बहुत फायदेमंद हो सकती है। इसे नेचुरल एंटीबायोटिक माना जाता है जो आपके गठिया में होने वाले गंभीर दर्द से राहत दिलाती है। इस चाय को बनाने के लिए 3- 4 कप गर्म पानी में एक चम्मच हल्दी डालकर उसे लगभग 10 मिनट तक उबालें। आप इसके अतिरिक्त स्वाद और लाभ के लिए चाय में अदरक, दालचीनी, शहद और नींबू भी मिला सकते हैं।
हल्दी का सूप
हल्दी के सूप में में एंटीबैक्टीरियल और एंटी सेप्टिक गुण होते हैं जो सूजन को कम करने में काफी मददगार होते हैं। इसका उपयोग गठिया रोगियों को अत्यधिक लाभ पहुंचाता है। यह शरीर के प्राकृतिक सेल्स को खत्म करने वाले फ्री रेडिकल्स को खत्म करती है और गठिया रोग में होने वाले जोडों के दर्द में लाभ पहुंचाती है। पके हुए प्याज, गाजर, लहसुन, अदरक और कच्ची हल्दी का पेस्ट तैयार कर लें और इसे एक कटोरे में डालकर इसमें नारियल का दूध और तील मिलाकर सूप बना सकते हैं।
दूध में हल्दी मिलाकर
हल्दी के एंटी−बैक्टीरियल तत्व आपको संक्रमण के खतरे से बचाता है। जिससे चोट लगने पर इंफेक्शन की संभावना कम हो जाती है। रोजाना दूध में हल्दी मिलाकर पीने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मिलता है। ये हड्डियों के स्वस्थ और मजबूत रखने में आपकी मदद करता है। यह गठिया के मरीजों दर्द से को राहत पहुंचाता है। हल्दी में ताजी कुचली काली मिर्च मिलाने से इसका प्रभाव 200% तक बढ़ जाता है। इसमें नारियल और बादाम का तेल जैसे अतिरिक्त वसा जोड़ने से आपका शरीर हल्दी को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद कर सकती है।
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दलिया में हल्दी वाला दूध मिलाकर
अर्थराइटिस फाउंडेशन गठिया में दलिया खाने की सलाह देते हैं क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और ये फाइबर और एंटीऑक्सिडेंटस से भरपूूर होते हैं, जो गठिया में होने वाले दर्द से आपको राहत पहुंचाते हैं। दलिया में हल्दी वाला दूध मिलाने से एंटी-इंफ्लेमेटरी क्षमता बढ़ती है और जोड़ों में सूजन से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त स्वाद और लाभ के लिए इसमें आप ब्लूबेरी या स्ट्रॉबेरी मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं।
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तले हुए अंडे में हल्दी
अंडे का सेवन लोग अलग-अलग तरह से करते हैं और इसे कई प्रकार के व्यंजनों में मिलाकर भी इसका सेवन करते हैं। इसका सेवन आपके स्वस्थ्य को भी कई तरह से लाभ पहुंचाते हैं। नियमित तले हुए अंडे में हल्दी मिलाकर इसका सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं और अर्थराइटिस की समस्या भी नहीं होती है।
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