Monsoon Tips: मानूसन में दाद, खाज और खुजली से रहना है दूर तो करें ये 4 घरेलू नुस्खे, दर्द से मिलेगी राहत

फंगल इंफेक्शन किसी भी मौसम में हो सकता है लेकिन गर्म और उमस भरे मौसम में फंगल इंफेक्शन होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि मानसून के दौरान बहुत से लोगों ये संक्रमण हो जाता है।
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Monsoon Tips: मानूसन में दाद, खाज और खुजली से रहना है दूर तो करें ये 4 घरेलू नुस्खे, दर्द से मिलेगी राहत


फंगल इंफेक्शन किसी भी मौसम में हो सकता है लेकिन गर्म और उमस भरे मौसम में फंगल इंफेक्शन होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि मानसून के दौरान बहुत से लोगों ये संक्रमण हो जाता है। इस मौसम के दौरान आपको दाद, या फिर पैर और नाखून  में संक्रमण जैसे फंगल इंफेक्शन होने का खतरा रहता है, जिसपर आपको ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। इस प्रकार के संक्रमण गंदगी या दूषित पानी के संपर्क में आने के कारण हो सकते हैं।

अगर आप सिंथेटिक कपड़े पहनते हैं, तो आपकी त्वचा सांस नहीं ले पाती, जो कि फंगल संक्रमण के कारणों में से एक है। इसके अलावा अगर आप मधुमेह या मोटापे के शिकार हैं तो आपको फंगल संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है। हालांकि किसी प्रकार के भी संक्रमण होने पर डॉक्टर को दिखाना आवश्यक है, लेकिन आप अपने घर और आसपास कुछ आसानी से उपलब्ध सामग्री का उपयोग कर इस संक्रमण से बच सकते हैं। अगर आप इस बात से अंजान हैं तो हम आपको बता जा रहे हैं कि कैसे आप अपने घर में बैठे-बैठे फंगल संक्रमण से छुटकारा पा सकते हैं।

ठंडा सेक (Cold compress)

बर्फ के टुकड़े से भरे एक प्लास्टिक बैग को एक साफ-सुथरे कपड़े में लपटे लें और आपका ठंडा सेक तैयार है। जिस जगह दाद, खाज और खुजली हो वहां हर 15 मिनट के अंतराल पर ठंडा सेक लगाएं। इससे खुजली और दर्द में कमी आएगी।

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सेब का सिरका (Apple cider vinegar)

इसका उपचार बहुत पहले से त्वचा संबंधी एलर्जी की समस्या में किया जाता रहा है। इसमें बस थोड़ा सा पानी मिलाइए और इस घोल में रुई को डुबोइए और प्रभावित हिस्से पर धीरे-धीरे लगाइए। सेब के सिरके में एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो राहत प्रदान करते हैं।

नीम की पत्तियां (Neem leaves)

मुठ्ठीभर नीम की पत्तियों को करीब 10 मिनट तक उबालइए। इन नीम की पत्तियों के चिकित्सा गुण पानी में चले जाएंगे। उसके बाद इस पानी से नहा लीजिए और कुछ पानी को बाद में प्रयोग के लिए रख दीजिए। नीम की पत्तियों में रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो त्वचा में मौजूद अशुद्धियों और विषाक्त पदार्थों को साफ कर देते हैं।

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एलोवेरा (Aloe vera)

एलोवेरा के तने से जेल को निकाल लें और इसे त्वचा पर लगाएं। इसके बजाए आप बाजार में उपलब्ध एलोवेरा क्रीम और जेल का भी उपयोग कर सकते हैं। इसे दिन में 2 से 3 बार लगाएं। इसमें मालोज़, लैक्टोज़ और स्टेरोल्स जैसे शुगर होते हैं, जो फंगल संक्रमण से लड़ने में बहुत प्रभावी होते हैं।

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