आयुर्वेद को दुनिया में हर कोई जानता है। आपने भी कई बार आयुर्वेद तरीके से इलाज के बारे में सुना होगा। अब हम आपको ऐसे 5 आयुर्वेदिक तेलों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके इस्तेमाल से आपकी सारी बीमारियां दूर हो जाएंगीं। आयुर्वेद से हर उम्र के और हर बीमारी लोगों का इलाज हो सकता है। अब आपको 5 आयुर्वेदिक तेलों के फायदे बता रहे हैं-
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इरमेदादि तेल : दांत के सभी तरह के रोगों के लिए ये तेल फायदेमंद है। मसूढ़ों के रोग, मुंह से दुर्गंध आना, जीभ, तालू व होठों के रोगों में भी इस तेल के इस्तेमाल से फायदा होता है। आप इस तेल को मुंह में भरकर कुल्ला कर सकते हैं या तीली पर लगाकर अपने दांतों पर लगाएं आराम मिलेगा।
महाभृंगराज तेल : इस तेल को लगाने से गंजेपन की समस्या से राहत मिलती है। इस तेल से आप सिर पर हल्के हाथ से मालिश करें। लगातार कुछ दिनों तक इस तेल से मालिश करने से बाल गिरने की समस्या खत्म हो जाती है। बाल लंबे और घने हो जाते हैं। दीमाग को ठंडक पहुंचती है और सिर पर नए बाल भी उगने लगते हैं
नारायण तेल : अगर आपको लकवा की बीमारी है, रीढ़ की हड्डी में दर्द रहता है, कब्ज, वात रोग, हनुस्म्भ, बहरापन, गतिभंग, कमर का दर्द, अंत्रवृद्धि, पार्श्व शूल, , गात्र शोथ, इन्द्रिय ध्वंस, वीर्य क्षय, ज्वर क्षय, दांतों के रोग, जैसी बीमारियों का इलाज इस तेल से किया जा सकता है। आप इस तेल से मालिश भी कर सकते हैं और दूध में 1-2 बूंद डालकर पीने से भी फायदा होता है।
चंदनबला लाशादि तेल : शरीर की 7 धातुओं का इलाज इस तेल से किया जा सकता है। वात विकार भी इस तेल से नष्ट होते हैं। जिन्हे सूजन रहती है उन्हे भी इससे मालिश करनी चाहिए। इसके आलावा कास, श्वास, क्षय, शारीरिक क्षीणता, दाह, रक्तपित्त, खुजली, शिररोग, नेत्रदाह, सूजन, पांडू व पुराने ज्वर में इस तेल से फायदा होता है।सुबह और शाम आप दो वक्त इस तेल से मालिश कर सकते हैं।
काशीसादि तेल : इस तेल को लगाने से बवासीर में आराम मिलता है। इसके आलावा नाड़ी नासूर और दूषित नासूर के लिए भी ये तेल फायदेमंद है। रुई को तेल में भिगोकर लगाने से बवासीर ठीक हो सकता है।