
सर्दियों का मौसम आते ही शादियों के सीजन की भी शुरुआत हो जाती है। शादी के लिए यार-दोस्तों और रिश्तेदारों की सूची तैयार करने से लेकर अपने लिए शेरवानी और लहंगा ढूंढने तक कई ऐसे काम होते हैं, जिनके चक्कर हम अक्सर जरूरी बातें भूल जाते हैं। बहुत से लोग अपनी शादीशुदा जिंदगी कैसे रहेगी इसकी जानकारी के लिए पंडितों के पास जाकर कुंडलियां भी मिलाते हैं। हालांकि इन सब चीजों के अलावा स्वस्थ और खुशहाल रिश्ते का एक और महत्वपूर्ण पहलू नवविवाहित जोड़े का स्वास्थ्य। किसी के साथ अपनी बाकी जिंदगी गुजारने के लिए बहुत जरूरी है कि आप अपने पार्टनर की सेहत से जुड़ी जानकारी से अवगत हों। इसलिए अगर आप अपनी शादी की तैयारियों में लगे हुए हैं तो थोड़ा समय निकालें और ये चार टेस्ट जरूर कराएं ताकि आगे चलकर आपके सुखद जीवन में कोई बाधा न आएं।
कराएं ये 4 टेस्ट और बिताएं सुखी जीवन
1. इनफर्टिलिटी टेस्ट (Infertility test)
इनफर्टिलिटी टेस्ट प्रजनन अंगों के स्वास्थ्य और स्पर्म काउंट के बारे में जानकारी देने वाला टेस्ट होता है। चूंकि इनफर्टिलिटी के कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते हैं इसलिए जरूरी है कि ये टेस्ट कराएं ताकि अगर आप बेबी की योजना बने रहे हैं तो आपका रिश्ता सुखद बना रहे। अगर टेस्ट में कोई ऐसी जानकारी सामने आती है, जो आपकी इस योजना को नुकसान पहुंचा सकती है तो आप समय रहते सही इलाज करवा सकते हैं।
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2. ब्लड ग्रुप कंपैटिबिलिटी टेस्ट (Blood group compatibility test)
ये टेस्ट भले ही आपको ज्यादा जरूरी नहीं प्रतीत होता हो लेकिन अगर आप बेबी की योजना बना रहे हैं तो ये टेस्ट बहुत जरूरी है। इस टेस्ट के जरिए आप और आपका पार्टनर का आरएच फैक्टर पता लगाया जाता है और बेबी के लिए दोनों का समान फैक्टर होना चाहिए। अगर आप दोनों का ब्लड ग्रुप एक-दूसरे के साथ कंपैटेबल नहीं है तो गर्भावस्था के दौरान दिक्कतें हो सकती हैं। ये दिक्कत दूसरे बच्चे के लिए और भी घातक साबित हो सकती है क्योंकि एक ऐसी स्थिति बन जाती है, जिसमें गर्भवती महिलाओं के रक्त में मौजूद एंटी-बॉडिज अपने बच्चे की रक्त कोशिकाओं को ही नष्ट कर देती हैं।
3. आनुवंशिक बीमारियों की जांच (Genetically transmitted conditions test)
जेनेटिक स्थिति आसानी से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में संचरित होती है। इसलिए बहुत जरूरी है कि इन बीमारियों के बारे में पहले भी पता लगा लिया जाए ताकि आपके लिए बहुत देर न हो जाए। ब्रेस्ट कैंसर, कोलोन कैंसर, किडनी रोग और डायबिटीज सहित कुछ बीमारियां इसमें शामिल हों। समय से निदान इन चिकित्सा स्थितियों के लिए सही उपचार में मदद कर सकता है क्योंकि ये आगे चलकर आपके लिए घातक साबित हो सकती हैं।
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4. एसटीडी टेस्ट (STD test)
मौजूदा वक्त में लोगों के लिए शादी से पहले संबंध बनाना आम बात हो गई है इसलिए दोनों के लिए यौन संचारित रोगों की जांच करना एक बहुत अच्छा विचार है। इन बीमारियों में एचआईवी/ एड्स, दाद, गर्मी और हेपेटाइटिस सी जैसे रोग शामिल हैं। चूंकि इनमें से कुछ चिकित्सा स्थितियां जीवन के लिए खतरा साबित हो सकती हैं और आजीवन रहती हैं, इसलिए एसटीडी परीक्षण करवाना जरूरी है। अगर आपके साथी की जांच रिपोर्ट पॉजीटिव आती है तो यह आपको मनोवैज्ञानिक और मानसिक आघात से बचा सकती है, जिसका आप भविष्य में सामना कर सकते हैं। इससे आपको संकेत भी मिलता है कि शादी के लिए आपको आगे बढ़ना चाहिए या नहीं।
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