शादी जैसे नाजुक रिश्ते में दोनों पार्टनर का बराबर की महत्व होता है इसलिए दोनों की राय का महत्व भी बराबर है। अगर आप किसी बात पर अपने पार्टनर से सहमत नहीं है तो उन्हें 'नो' या नहीं कहने में कोई बुराई नहीं है। कई लोग शादी के बाद अपने पार्टनर को मना करने से डरते हैं उन्हें ऐसा लगता है कि मना करने से पार्टनर नाराज हो जाएगा या रिश्ता कमजोर होगा पर ऐसा नहीं है। जीवनसाथी की जिम्मेदारी ये भी है कि वो गलत फैसलों में अपने पार्टनर का साथ न दें, अगर आपको लगता है कि आपका पार्टनर कुछ गलत फैसले ले रहा है या ले रही है तो आप अपनी असहमति जताएं। इस लेख में हम शादी जैसे रिश्ते में 'नो' कहने की जरूरत और तरीके पर पर चर्चा करेंगे।
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अपने आत्म-सम्मान के लिए कहें 'नो' (Say no for self-respect)
शादी जैसे नाजुक रिश्ते में आप अपने आत्म-सम्मान को खोने न दें। शादी के बाद अगर करियर या बच्चों से जुड़ा कोई बड़ा फैसला है तो उसके बारे में अपने पार्टनर से बात करें। अगर बात आपके आत्म-सम्मान की है तो पार्टनर को 'नो' कहने में हिचकिचाएं नहीं। आप बिना किसी शर्मिंदगी के अपनी मर्जी अनुसार किसी भी फैसले पर नो कह सकते हैं।
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अपनी मर्जी को भी दें अहमियत (Give importance to your decisions)
ऐसा जरूरी नहीं है कि शादी जैसे रिश्ते में आपको पार्टनर की हर एक बात से सहमत होने की जरूरत है। अगर किसी फैसले या मुद्दे पर आपकी राय, अपने पार्टनर से अलग है तो आप उसे तुरंत बताएं और असहमति होने पर नो भी कहें। इससे आपके पार्टनर को भी आपकी च्वॉइस के बारे में पता चलेगा और आपकी अहमियत की कद्र वो भी कर सकेंगे।
जोर-जबरदस्ती या प्रेशर में आकर हां न कहें (Don't go with forced decisions)
रिश्ते में कई परिस्थितियां आपके सामने आएंगी, खासकर जब आपका रिश्ता नया हो और आप अपने पार्टनर की पसंद या नापसंद के बारे में ज्यादा जानते न हों तो अपनी राय सोच-समझकर दें, अगर आपका पार्टनर आपकी सहमति न होने के बावजूद जोर-जबरदस्ती करे तो उन्हें वहीं रोक दें और साफ शब्दों में नो कहें।
गलत फैसलों में कहें 'नो' (Say no in wrong decisions)
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आपका पार्टनर गलत फैसला ले रहा हो तो उसमें आप उनका साथ न दें। इस स्थिति में आप पार्टनर को नो बोल सकते हैं। पति-पत्नी के बीच कई फैसलों को लेकर चर्चा होती है, अगर कोई ऐसा फैसला है जिसके बारे में आप अपने पार्टनर से सहमत नहीं है तो तुरंत मना कर दें और अपने तर्कों के बारे में पार्टनर से बात करें।
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जब आप सही हों तो कहें 'नो' (Say no if you are right)
अगर किसी फैसले पर आप अपने तर्क से सहमत हैं और आपको लग रहा है कि आप सही कह रहे हैं तो अपने पार्टनर की बात काटने से डरें नहीं। सही बात पर नो कहने में कोई बुराई नहीं है।
कैसे कहें 'नो'? (How to say no in relationship)
किसी बात पर सहजता से नो कहने के लिए आप इन बातों का खयाल रखें-
- किसी बात पर आप अपने पार्टनर को मना करने से पहले उनकी बात ध्यान से सुन लें।
- इसके बाद अपना पक्ष रखें और उसके पीछे का कारण अपने पार्टनर को स्पष्ट करें।
- उदाहरण देकर पार्टनर को समझाएं और तर्क के आधार पर बात करें।
- अगर आपका पार्टनर नाराज हो या लड़ने लगे तो उसे उदाहरण देकर समझाने की कोशिश करें।
- आप फैसले से खुद पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर भी पार्टनर से चर्चा करें।
हर बार नो कहना गलत नहीं होता, रिश्तों पर न कहने की गुंजाइश भी होनी चाहिए इससे आपके रिश्ते को मजबूती मिलेगी और पार्टनर की नजरों में आपका सम्मान बढ़ेगा।
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