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37th Week Pregnancy: प्रेग्नेंसी के 37वें सप्ताह के लक्षण, सावधानियां और जरूरी बातें

37 सप्ताह की गर्भावस्था के दौरान शिशु के विकास, गर्भावस्था के लक्षण, परीक्षण के बारे में जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें-  
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37th Week Pregnancy: प्रेग्नेंसी के 37वें सप्ताह के लक्षण, सावधानियां और जरूरी बातें


प्रेग्नेंसी के 37वें सप्ताह तक महिलाओं की गर्भावस्था अपने अंतिम दौर में होती है। इस दौरान महिला को किसी भी समय लेबर पेन हो सकता है। ऐसे में महिलाओं को डॉक्टर से नियमित जांच करानी चाहिए। इस समय महिलाओं को मुख्य रूप से डिलीवरी को लेकर चिंता सताने लगती हैं, लेकिन महिलाओं को गर्भावस्था के इस सप्ताह में धैर्य बनाए रखना चाहिए, ताकि डिलीवरी के समय किसी भी तरह की परेशानी न उत्पन्न हो। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल से आगे जानते हैं प्रेग्नेंसी के 37वें सप्ताह में महिलाओं को महसूस होने वाले लक्षण और भ्रूण के विकास के बारे में। 

प्रेग्नेंसी के 37वें सप्ताह में महिलाओं को महसूस होने वाले लक्षण - 37th Week Of Pregnancy Symptoms in Hindi

प्रेग्नेंसी का हर चरण महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस समय महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। तीसरी तिमाही के अंतिम दौर में प्रवेश करते हुए महिलाओं को सूजन, वैरिकोज वेन्स व शरीर में दर्द महसूस होता है। इसके अलावा भी महिलाओं को निम्न तरह के लक्षण महसूस होते हैं। 

सांस लेने में परेशानी होना 

इस सप्ताह तक गर्भ में पल रहा बच्चा अपने विकास के अंतिम चरण में होता है। ऐसे में अधिकतर महिलाओं को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। दरअसल भ्रूण के विकास के कारण महिलाओं के फेफड़ों पर दबाव बनता है, जिसकी वजह से उनको सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। जब भ्रूण नीचे की ओर पेल्विक क्षेत्र (श्रोणि) की तरफ जाता है, तब महिलाओं के फेफड़ों पर पड़ने वाला दबाव कम हो जाता है। इसकी वजह से उनकी परेशानी कम हो जाती है। 

गैस और पेट फूलने की समस्या

प्रेग्नेंसी के 37वें सप्ताह तक महिलाओं के गर्भ में बच्चे का आकार लगभग पूर्ण स्थिति में पहुंच चुका होता है। ऐसे में महिलाओं को पाचन संबंधी परेशानी, गैस, पेट फूलना व कब्ज की समस्या होने लगती है। इस समस्या में महिलाओं को एक बार में अधिक खाने की अपेक्षा थोड़ी-थोड़ी मात्रा में भोजन करना चाहिए। इसके अलावा एक बार में अधिक पानी पीने से भी बचना चाहिए। भोजन करने के बाद महिलाओं को कुछ मिनट इंतजार कर धीमी गति में टहलना चाहिए। साथ ही इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि उनको किस तरह के आहार से गैस, कब्ज व पेट फूलने की समस्या हो रही है। इस तरह के आहार को डाइट में शामिल नहीं करना चाहिए। 

37 week pregnancy in hindi

महिलाओं को खराटे आना

प्रेग्नेंसी के अंतिम दौर में महिलाओं को कई खराटे की समस्या होने लगती है। दरअसल गर्भावस्था के अंतिम पड़ाव में महिलाओं के नाक की म्यूक्स मेमब्रेन (श्लेष्मा झिल्ली) रात के समय शुष्क हो जाती है, जिसकी वजह से महिलाओं को खराटे आने लगते हैं। इसके अलावा हार्मोनल बदलाव व सांस लेने के पैर्टन में होने वाले बदलावों की वजह से भी महिलाओं को इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। 

स्तनों से दूध निकलना

डिलीवरी से पूर्व महिलाओं के स्तनों में दूध बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। गर्भावस्था के अंतिम दौर में बच्चे को दिया जाने वाला पहला दूध (कोलोस्ट्रम - कई तरह के पोषक तत्वों से पूर्ण दूध) बनाने लगता है। कई बार ये पीला दूध महिलाओं के स्तनों से निकलना भी शुरू कर देता है। मुख्य रूप से तीसरी तिमाही के अंतिम दौर में महिलाओं को इस तरह का लक्षण महसूस होता है। 

प्रेग्नेंसी के 37वें सप्ताह में महिलाओं को महसूस होने वाले अन्य लक्षण 

  • ब्रेक्सटन हिक्स कॉन्ट्रेक्शन (कूल्हे के पास तेज दर्द होना)
  • सोने में परेशानी होना
  • सिरदर्द होना 
  • बवासीर की समस्या होना
  • यूरिन इंफेक्शन, आदि। 

प्रेग्नेंसी के 37वें सप्ताह में भ्रूण का विकास - Fetus Development During 37th Week Of Pregnancy in Hindi

प्रेग्नेंसी के 37वें सप्ताह में भ्रूण का वजन करीब 2.7 से 2.9  किलोग्राम तक हो जाता है। इस सप्ताह तक गर्भ में पल रहा भ्रूण कई तरह के फेशियल एक्सप्रेशन (अलग-अलग तरह के चेहरे बनाना) जैसे हंसी, रोने या दुखी आदि बनाने लगता है। इस सप्ताह तक फेफड़ों और मस्तिष्क को परिपक्व होने की आवश्यकता होती है, लेकिन यदि भ्रूण इस समय पैदा भी हो जाता है, तो भी वह काफी हद तक कार्यशील रहते हैं।

विशेष सूचना - किसी भी तरह के गंभीर लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें। 

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प्रेग्नेंसी के 37वें सप्ताह से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न - FAQ’s for Week-by-Week Stages of Pregnancy In Hindi

37वें सप्ताह में डिलीवरी क्या सुरक्षित होती है?

डिलीवरी की पूर्णतः आने वाले सप्ताह में होती है। गर्भावस्था की अवधि पूरी होने बाद डिलीवरी होने पर बच्चे को पैदा होने से जुड़े जोखिम बेहद कम हो जाते हैं। यदि किसी महिला को पहले ही लेबर पेन होने लगे तो वह अपने बच्चे को जन्म दे सकती हैं। 

क्या पैदा होते समय बच्चे की आंखों का रंग निश्चित हो जाता है?

पैदा होते समय बच्चे की आंखों का रंग एक निश्चित नहीं होता है। हालांकि कुछ शिशु अपनी आंखों के निश्चित रंग के साथ ही पैदा होते हैं, जबकि कुछ की आंखे नीली या स्लेटी ग्रे रंग की होती है, जो आने वाले साल में अपने निर्धारित रंग के अनुरूप हो जाती हैं। 

प्रेग्नेंसी के 37 वीक में बेबी का वेट कितना होना चाहिए?   

प्रेग्नेंसी के 37वीक तक बेबी का वेट करीब 2.7 से 2.9 किलोग्राम तक हो सकता है। इसके अलावा कुछ बच्चों का वजन अधिक या थोड़ा कम भी हो सकता है। प्रेग्नेंसी में भ्रूण का वजन कई तरह के कारणों पर निर्भर करता है। 

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