स्ट्रोक के ये 10 लक्षण दिखने पर तुरंत करें मरीज की मदद, बच सकती है जान

स्ट्रोक का अटैक आने पर अगर व्यक्ति को जल्द से जल्द इलाज के लिए न ले जाया जाए, तो व्यक्ति कोमा में जा सकता है या उसकी मौत हो सकती है।
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स्ट्रोक के ये 10 लक्षण दिखने पर तुरंत करें मरीज की मदद, बच सकती है जान


पिछले कुछ समय में भारतीय लोगों में स्ट्रोक के कारण मौत के मामले काफी बढ़ गए हैं। स्ट्रोक एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति के मस्तिष्क में किसी नस के फटने के कारण खून निकलने लगता है या धमनियों के ब्लॉक हो जाने के कारण मस्तिष्क के किसी हिस्से तक रक्त और ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाते हैं। स्ट्रोक का अटैक आने पर अगर व्यक्ति को जल्द से जल्द इलाज के लिए न ले जाया जाए, तो व्यक्ति कोमा में जा सकता है या उसकी मौत हो सकती है।

भारतीय लोगों में स्ट्रोक के बढ़ते मामलों का कारण मोटापा, शराब की लत, नशीले पदार्थों का सेवन, फास्ट फूड्स और जंक फूड्स का सेवन, ब्लड प्रेशर की समस्या और कोलेस्ट्रॉल की समस्या है। किसी भी व्यक्ति में अगर आपको स्ट्रोक के लक्षण दिखें, तो उसकी मदद के लिए इन 4 बातों का ध्यान रखना चाहिए।

स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानें

  • आमतौर पर स्ट्रोक का सबसे पहला लक्षण ये है कि शरीर का बैलेंस बिगड़ जाता है और व्यक्ति को खड़े-खड़े या बैठे-बैठे गिर सकता है।
  • अगर मरीज का चेहरा एक ओर को झुक जाये या फिर उसके चेहरे के एक तरफ सुन्न जैसा अहसास हो तो ये स्ट्रोक का लक्षण हो सकता है। इस दौरान उसे हंसने के लिये कहें, अगर वो ऐसा न कर पाए तो तुरन्त अस्पताल ले जायें। ये मिनी स्ट्रोक का संकेत होता है।
  • स्ट्रोक की आशंका होने पर व्यक्ति से सामान्य सवाल करें। ऐसी स्थिति में वे सामान्यतः प्रश्नों का सही जवाब नहीं दे पायेंगे। स्ट्रोक की पुष्टि के लिये सवालों को एक बार दोहरायें।

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  • शरीर का बैलेंस बिगड़ने के साथ ही व्यक्ति के सिर में तेज दर्द होता है और उसे चक्कर आते हुए महसूस होते हैं।
  • स्ट्रोक होने पर आमतौर पर व्यक्ति को धुंधला दिखने लगता है या दिखना बंद हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि व्यक्ति के मस्तिष्क तक सही से रक्त का प्रवाह नहीं होता है, तो वो आंखों के द्वारा भेजे गए प्रतिबिम्ब को नहीं पढ़ पाता है।
  • शरीर के एक हिस्से का पैरालाइज (लकवाग्रस्त) हो जाना।
  • ऐसी स्थिति में व्यक्ति को बोलने में परेशानी होती है क्योंकि उसके मुंह का आधा या पूरा हिस्सा पैरालाइज हो जाता है।
  • स्ट्रोक के मरीज को एक या दोनों बांहों में सुन्न होने या कमजोरी का अहसास हो सकता है।
  • स्ट्रोक के मरीज को अपना शरीर सन्तुलित करने में दिक्कत होने लगती है, उसे चलने में भी परेशानी हो सकती है।

लक्षण दिखने का समय नोट करें

किसी व्यक्ति में अगर स्ट्रोक के लक्षण दिखें, तो सबसे पहले वो समय नोट करें, जब आपने उस व्यक्ति में पहला लक्षण देखा था। दरअसल अस्पताल पहुंचाने पर इमरजेंसी स्टाफ को अगर ये बता दिया जाए कि मरीज में पहला लक्षण कब दिखा था, तो सही इलाज शुरू करने में स्टाफ को ज्यादा मदद मिलेगी।

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लक्षणों के दिखने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें

किसी भी व्यक्ति में इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर व्यक्ति को स्ट्रोक हुआ है, तो सही समय पर इलाज द्वारा खतरे को कम किया जा सकता है और व्यक्ति के मस्तिष्क को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। जब तक व्यक्ति को अस्पताल न पहुंचा लें तब तक मरीज को हिला-डुला कर, उससे बात करके उसकी संवेदनाएं वापस लाने की कोशिश करें।

व्यक्ति को सुलाएं नहीं

स्ट्रोक के ज्यादातर शुरुआती लक्षणों में धुंधला दिखना, चक्कर खाकर गिर जाना आदि शामिल हैं। ऐसी स्थिति में बहुत से लोग मरीज को लिटाकर उसे सुलाने की कोशिश करते हैं। मगर ऐसा नहीं करना चाहिए। मरीज में स्ट्रोक की थोड़ी भी आशंका होने पर चिकित्सक से संपर्क जरूरी है।

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