मासिक धर्म को अब भी बहुत सारी लड़कियां बोझ समझती हैं। मासिक धर्म को बोझ समझने के पीछे अकेले लड़कियां जिम्मेवार नहीं है। दरअसल लड़कियां मासिक धर्म के दौरान होने वाली पेट दर्द की समस्या, अनियमित माहवारी, बुखार आदि के कारण इसे बोझ समझती है। अगर आपको भी आपकी माहवारी के दौरान ये सारी समस्याएं होती हैं तो रज मुद्रा करें। ये मुद्रा योग मासिक धर्म से जुड़ी सारी समसम्याओं को ठीक कर देगी।
कैसे करें रज मुद्रा
इस मुद्रा योग को करना बहुत ही आसान है। इसके लिए कनिष्ठा (छोटी अंगुली) अंगुली को मड़कर हथेली की जड़ में लगाएं रहें। ऐसा करने से रज मुद्रा बन जाती है। आप इसे सुबह-सुबह घूमने और अपने कुछ काम करने के दौरान भी कर सकते हैं। सुबह-शाम ऐसी मुद्रा को पंद्रह मिनट से लेकर आधे घंटे के लिए करें। ऐसा तीन महीने तक रोजाना करें। माहवारी की समस्याओं में फायदा पहुंचेगा।
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इसके फायदे
रज मुद्रा स्त्रियों के लिए वरदान के समान है। ये महिलाओं में मासिक धर्म संबंधी सभी तरह की समस्याओं को तो दूर करता ही है। साथ ही अन्य रोग जैसे छाती में दर्द, सिर में भारीपन रहना, पेट, पीठ, कमर का दर्द आदि की समस्या भी रज मुद्रा योग करने से दूर हो जाती है। अगर यूं कहें कि महिलाओं के सारे प्रजनन अंगों से संबंधित परेशानियां इस मुद्रा के करने से पूरी तरह से दूर हो जाती है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
कब शुरू करें रज मुद्रा
लड़कियां माहवारी के होते ही रज मुद्रा करना शुरू कर दे। माहवारी होते ही लड़कियां इस मुद्रा को करना शुरू कर दें तो उसे माहवारी के दौरान होने वाली समस्याएं नहीं होंगी। रज मुद्रा कभी भी और किसी भी वक्त की जा सकती है। माहवारी के दौरान ज्यादा खून बहता हो तो ये मुद्रा बहुत लाभ करती है।
पुरुष के लिए भी फायदेमंद
रज मुद्रा केवल महिलाओं के लिए ही नहीं वरन पुरुषों के लिए भी फायदेमंद है। जितना अधिक रजमुद्रा महिलाओं को फायदा पहुंचाती है उतना कोई और मुद्रा नहीं पहुंचाती। महिलाओं के साथ ये पुरुषों के लिए भी फायदेमंद है। अगर पुरुष इस मुद्रा को करते हैं तो वीर्य के सारे रोग दूर हो जाते हैं।
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