भारत में स्वाइन फ्लू काफी तेजी से अपने पैर पसार रहा है। कई राज्य इस जानलेवा बीमारी की चपेट में हैं। स्वाइन फ्लू एक घातक वायरस है, जो सूअरों से फैला है। स्वाइन फ्लू दरअसल सुअरों के बुखार को कहते हैं, जो कि उनकी सांस से जुड़ी बीमारी है। ये जुकाम से जुड़े एक वायरस से पैदा होती है। ये वायरस मोटे तौर पर चार तरह के होते हैं। H1N1, H1N2, H3N2 और H3N1। इनमें H1N1 सबसे खतरनाक है और दुनियाभर में यही वायरस सबको अपनी चपेट में ले रहा है।
स्वाइन फ्लू से सुरक्षा
कुछ हद तक इसका इलाज मुमकिन है। शुरुआती लक्षणों से पता चलता है कि मैक्सिको और अमेरिका के कुछ मरीजों का इलाज टैमीफ्लू और रेलिंज़ा नामक वायरस मारक दवाओं से सफलतापूर्वक किया गया है। ये दवाएं इस फ़्लू को रोक तो नही सकती, पर इसके खतरनाक नतीजों को कम कर जान जरूर बचा सकती हैं। स्वाइन फ्लू से बचने का सबसे अच्छा तरीका साफ सफाई है। - See more at: http://www.livehindustan.com/news/desh/national/article1-Swine-Flu-Gujrat-Punjab-Hospital-Death-39-39-305994.html#sthash.CCtXiyh5.dpuf
स्वाइन फ्लू एक जानलेवा बीमारी है। कुछ हद तक इसका इलाज मुमकिन है। शुरुआती लक्षणों से पता चलता है कि मैक्सिको और अमेरिका के कुछ मरीजों का इलाज टैमीफ्लू और रेलिंज़ा नामक वायरस मारक दवाओं से सफलतापूर्वक किया गया है। ये दवाएं इस फ़्लू को रोक तो नही सकती, पर इसके खतरनाक नतीजों को कम कर जान जरूर बचा सकती हैं। स्वाइन फ्लू से बचने का सबसे अच्छा तरीका साफ सफाई है। आइए जानें घर को स्वाइन फ्लू मुक्त कैसे बनायें।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
- बुखार या बढ़ा हुआ तापमान (38°C/100.4°F से अधिक)
- अत्यधिक थकान
- सिरदर्द
- ठण्ड लगना या नाक निरंतर बहना
- गले में खराश
- कफ
- सांस लेने में तकलीफ
- भूख कम लगना
- मांसपेशियों में बेहद दर्द
- पेट खराब होना, जैसे कि उल्टी या दस्त होना
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- स्वाइन फ्लू वायरस से बचाव के लिए जरूरी है घर को साफ-सुथरा रखें। सिर्फ घर को ही नहीं बल्कि घर के आसपास में भी सफाई रखें।
- यदि घर के आसपास गंदगी है तो उसे साफ करवाएं।
- कहीं भी गंदा पानी इकट्टा न होने दें।
- यदि घर में कोई स्वाइन फ्लू या इन्फ़्लुएन्ज़ा से पीडि़त है तो उसे अलग से साफ-सुथरे कमरे में रहने दें।
- न सिर्फ स्वाइन फ्लू पीडि़त व्यक्ति के कमरे की सफाई रखें बल्कि साफ-सुथरे कपड़े, साबुन और अन्य प्रयोग की चीजों को भी अलग रखें।
- स्वाइन फ्लू पीडि़त व्यक्ति से कम से कम लोगों को मिलने दें।
- स्वाइन फ्लू के उपचार के लिए खान-पान और रहन-सहन का खासतौर पर ध्यान रखना होता है। ऐसे में कम तला हुआ खाएं।
- साफ-सुथरे रूमाल रखने चाहिए। टिश्यू को इस्तेमाल करने के बाद तुरंत कूड़ेदान में फेंकें।
- अपने हाथों को लगतार साबुन से धोते रहे।
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- अपने घर के दरवाजों के हेंडल, कीबोर्ड, मेज आदि साफ करते रहे।
- यदि आपको जुकाम के लक्षण दिखाई दें तो घर से बाहर ना जाएं और दूसरों के नजदीक ना जाएं।
- यदि आपको बुखार हो तो उसके ठीक होने के 24 घंटे बाद तक घर पर रहे। लगातार पानी पीते रहे ताकि डिहाइड्रेशन ना हो।
- कोशिश करें की स्वाइन फ्लू प्रभावित जगह में जाने से पहले फेसमास्क पहन लें।
- भरपूर नींद लें और डॉक्टर के निरंतर संपर्क में रहें।
- चेहरे पर बार-बार बिना वजह हाथ न लगाए।
- धूप से सिकाई करें।
- यदि आपके क्षेत्र में स्वाइन फ्लू महामारी फैली हुई है तो इससे निपटने की तैयारी पहले से ही कर लें। संभव हो तो आसपास के लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करें।
अगर आप ऊपर बताए गए उपायों को अमल में लाएंगे, तो स्वाइन फ्लू जैसी खतरनाक बीमारी का जोखिम आपके लिए काफी कम हो सकता है। वैसे भी, इलाज से बेहतर बचाव ही माना जाता है।
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स्वाइन फ्लू का पहला लक्षण
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