डायबिटीज रोगियों में ज्यादातर पैरों की समस्या हो जाती है जिसकी वजह से उनका चलना फिरना मुश्किल हो जाता है। लेकिन अब मधुमेह रोगी बिना किसी समस्या के इससे छुटाकारा पा सकते हैं क्योंकि बाजार में ऐसे मोजे उपलब्ध हैं, जिन्हें पहनने से पैरों में सूजन,थकान व अन्य समस्याओं को दूर किया जा सकता है। यह मोजा इतना लचीला और बेहतर है कि इसे आप पूरे दिन पहने रहें, तब भी खुद को सहज महसूस करेंगे।
इसकी खास बात यह है कि यह स्ट्रेचेबल है, जिससे पांव पर दबाव नहीं पड़ता, साथ में हवादार भी है, जिससे पैर में पसीना नहीं होने देता और अंगूठे के पास सिलाई न होने से पैर पर दबाव नहीं पड़ने देता। इस मोजे को बनाने में 66 प्रतिशत कॉटन, 31 प्रतिशत पॉलीमाइड, 3 प्रतिशत लाइक्रा इलास्टोमर का प्रयोग किया गया है।
डायबिटीज में पैरों को सबसे ज्यादा नुकसान दो चीजे पहुंचाती हैं। एक तो न्यूरोपैथी और दूसरा टांगों की रक्त नली में शुद्ध खून की कमी होना। पैरों में शुद्ध रक्त की सप्लाई में कमी होने के दो कारण होते हैं। एक तो टांगों में खून की नली के अन्दर निरंतर चर्बी व कैल्शियम जमा होने के फलस्वरूप नली में सिकुड़न आ जाती है। इसका परिणाम यह होता है कि पैरों में जाने वाली शुद्ध खून की सप्लाई नहीं हो पाती है। अगर समय रहते रोकथाम ना की गई तो खून की सप्लाई पूरी तरह से बन्द हो जाती है। यह एक गम्भीर अवस्था है।
पैर की त्वचा की रक्त सप्लाई कम हो जाने में दूसरा कारण एक विशेष किस्म की न्यूरोपैथी का होता है जिसे मेडिकल भाषा में ए.एस.एन (आटोनोमिक सिमपैथेटिक न्यूरोपैथी) कहते हैं। इस विशेष न्यूरोपैथी के कारण शुद्ध खून त्वचा में स्थित अपने गन्तव्य स्थान तक नहीं पहुंच पाता है।
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