बरसात के मौसम में कई तरह की संक्रामक बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। कुछ बीमारियां ऐसी भी हैं जो कि जानलेवा हैं। इस बीमारी में से एक है डेंगू (Dengue), जो कि मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी है और यह बारिश के मौसम में अधिक होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं अगर आपको एक बार डेंगू हो गया तो इसके दोबारा होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है। दोबारा यह पहले से ज्यादा खतरनाक हो जाता है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि दोबारा डेंगू हो जाने पर क्या करें।
दोबारा डेंगू होने पर
बार-बार होने वाला डेंगू जानलेवा हो सकता है। डेंगू से पीड़ित व्यक्ति को मलेरिया भी साथ में हो सकता है। यह दोनों मिल कर शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या कम कर सकते हैं जिससे समस्या और गंभीर हो सकती है। डेंगू के मौसम में बुखार आने पर एस्प्रिन नहीं लेनी चाहिए क्योंकि इससे ब्लीडिंग शुरू हो सकती है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि सबसे पहले डेंगू के लक्षण के बार में पता हो। लेकिन डेंगू होने पर बहुत कम लोगों को यह जानकारी होती है कि क्या लें और क्या न लें।
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क्या हैं डेंगू के लक्षण
- बुखार होना।
- सिर में दर्द होना।
- शरीर पर चेचक जैसे लाल चकत्ते
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द।
- ब्लड प्रेशर कम होना।
- नब्ज का धीमा पड़ना।
- हाथ पैर ठंडे हो जाना।
- सांस लेने में दिक्कत होना।
- कुछ भी खाने पर उल्टी हो जाना ।
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दोबारा डेंगू होने पर क्या करें
- बुखार कम रखने (शरीर का तापमान) की कोशिश करें।
- चिकित्सक के निर्देशानुसार दवा खायें।
- ठंडे पानी की पट्टियां शरीर पर रखें।
- फलों का रस, शिकंजी या नींबू, चीनी, नमक का घोल पियें।
डेंगू का इलाज क्या है?
शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए। विटामिन डी और ई से भरपूर भोजन या डॉक्टर द्वारा सुझाए इनके सप्लीमेंट्स लेने वालों के स्वस्थ्य में तेजी से सुधार आता है। शरीर में पोषक तत्वों की कमी न होने दें क्योकि जिन लोगों में विटामिन डी, बी 12 और ई की कमी होती है वो मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द की शिकायत अधिक करते हैं। अगर किसी को डेंगू का अंदेशा हो, तो वह पैरासिटामोल जैसी दर्द निवारक गोलियां ले सकता है और एस्परिन के इस्तेमाल से बचना चाहिए। व तुरंत डॉक्टर से दिखाएं।
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