आपके मन में डेंगू से जुड़े ऐसे कई सवाल होंगे जिनके जवाब आप जानना चाहते होंगे। आज हम आपको डॉ. एसके मुंद्रा (एचओडी एवं सीनियर कंसल्टेंट 'इंटरनल मेडिसिन' सरोज सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, नई दिल्ली) से बातचीत कर आपके अनसुलझे सवालों के जवाब दे रहे हैं, जिनके बारेे में जानना आपके लिए बहुत जरूरी है।
डेंगू क्या है?
डेंगू का बुखार मादा एडीज मच्छर के काटने से होता है। इस मच्छर के काटने से डेंगू का यह वायरस रक्त के द्वारा हमारे शरीर में फैलता है। डेंगू बुखार वायरस के चार प्रकार के स्ट्रेन से फैलता है। अगर किसी व्यक्ति को अपने जीवन मे एक बार डेंगू हुआ है तो दूसरी बार डेंगू बुखार के संक्रमित होने पर उसके लक्षण अधिक गंभीर देखे जाते है।
डेंगू रक्तस्रावी बुखार क्या है?
हां, अगर रोगी के प्लेटलेट काउंट की संख्या 20 हजार से कम हो तो रोगी के शरीर में कही से भी रक्तस्त्राव शुरू होने की संभावना हो जाती है।
डेंगू के लक्षण क्या हैं?
- तेज बुखार।
- मांसपेशियों और जोड़ों में गंभीर दर्द।
- त्वचा पर रैशेज पड़ जाना।
- आंखों के पिछले भाग में तेज दर्द होना।
- शरीर में उर्जा की अत्यधिक कमी होना।
- कमजोरी और थकान।
- हृदय की धड़कने धीमी हो जाना।
- भूख न लगना।
- चक्कर आना।
- तेज सिरदर्द।
डेंगू से बचाव कैसे करें?
- फूल के गमलों का पानी सप्ताह में कम से कम एक बार बदलें और जिन बर्तनों में पानी रखा हो, उनके ढक्कन अच्छी तरह बंद कर दें।
- एयर कूलर व फ्रिज को साफ रखें व उनका जमा हुआ पानी निकालते रहें।
- बैरल व ड्रम में जमा किए हुए पानी को सप्ताह में एक बार नए पानी के साथ बदल दें।
- पानी की टंकियां, जो भवनों में लगी होती हैं, उसे अच्छी तरह कस कर बंद करने की व्यवस्था होनी चाहिए। एक सीढ़ी भी होना जरूरी है, ताकि नियमित अंतराल पर कोई स्टाफ टंकी की साफ-सफाई कर सके। पानी के ओवर फ्लो पाइप को जाली से ढक कर रखना चाहिए, ताकि मच्छरों को दूर रखा जा सकें।
- बेकार पड़ी चीजें जैसे-टायर, नारियल के छिलके, बोतल इत्यादि को या तो फेंक दें या नष्ट कर दें।
- पानी के फव्वारों को हफ्ते में एक दिन सुखा देना चाहिए।
- जमीनी कुओं की अच्छी देखभाल करनी चाहिए, ताकि इनमें मच्छर न पनपने पाए।
- छतों व छज्जों पर जमे बारिश के पानी को हफ्ते में एक बार साफ करना चाहिए। घर या दफ्तरों में मच्छरों को पनपने न दिया जाए और मच्छरों के संपर्क में आने से खुद को बचाना चाहिए।
डेंगू से होने वाले जोखिम क्या हैं?
डेंगू से पीड़ित वयस्कों से अधिक शिशुओं तथा बच्चों में बीमारी की गंभीरता होने की अधिक संभावना होती है। डेंगू रोग में खून में प्लेटलेट पेशी की संख्या तेजी से कम होती रहती है जिससे रोगी को जान का खतरा हो जाता हैं। रोजाना रोगी के प्लेटलेट काउंट की जांच की जानी चाहिए।
डेंगू का इलाज क्या है?
शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए। विटामिन डी और ई से भरपूर भोजन या डॉक्टर द्वारा सुझाए इनके सप्लीमेंट्स लेने वालों के स्वस्थ्य में तेजी से सुधार आता है। शरीर में पोषक तत्वों की कमी न होने दें क्योकि जिन लोगों में विटामिन डी, बी 12 और ई की कमी होती है वो मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द की शिकायत अधिक करते हैं। अगर किसी को डेंगू का अंदेशा हो, तो वह पैरासिटामोल जैसी दर्द निवारक गोलियां ले सकता है और एस्परिन के इस्तेमाल से बचना चाहिए। व तुरंत डॉक्टर से दिखाएं।
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क्या डेंगू से बचाव के लिए कोई टीका है?
नहीं, डेंगू का कोई टीका नहीं बना है, लेकिन शोध जारी है कुछ सालों में टीका (वैक्सीन) आने की संभावना है।
क्या यह सच है कि डेंगू के मच्छर दिन के समय ही काटते हैं?
हां, यह सच है कि डेंगू के मच्छर दिन में ही काटते है।
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क्या सर्दियों में डेंगू के मच्छर मर जाते हैं?
सर्दियों में ठंड होने के कारण अधिकतर मच्छर मर जाते। लेकिन, कई बार एयर कंडिशन की वजह से सर्दी में भी घर, ऑफिस और होटल का तापमान 20 से 22 डिग्री के बीच रखा जाता है, जहां पर मच्छर जिंदा बच जाते हैं। डेंगू मच्छर और वायरस अब कम्यूनिटी में फैल चुका है, इसलिए यह सालों भर कभी भी आ सकता है।
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