दूध पीना सेहत के लिए बहुत उपयोगी है। यही कारण है कि हर कोई अपने बच्चे को दूध पिलाने को तरजीह देता है। यहां तक कि कुछ वयस्क भी नियमित रूप से दूध पीते हैं तकि उन्हें बुढ़ापे की बीमारियों का सामना न करना पड़े। लेकिन आपको बताते चलें कि दुग्ध उत्पाद में जहां एक ओर असंख्य फायदे हैं, तो वहीं इसके कुछ नुकसान भी है। दरअसल दुग्ध उत्पाद से चेहरे में कील-मुंहासे आने की आशंका बढ़ सकती है। जी, हां! असल में ज्यादातर लोग इस तथ्य पर भरोसा नहीं करते। चलिए इसे विस्तार से जानते हैं।
आईजीएफ-1 हारमोन
गाय के दूध या दुग्ध उत्पाद में आईजीएफ-1 नामक हारमोन होता है। विशेषज्ञों पर भरोसा करें तो यह हारमोन गाय के बछड़े के लिए काफी जरूरी और लाभकर है। इससे वह बड़े और ताकतवर बनते हैं। लेकिन हारमोन मनुष्य पर लाभकारी नहीं है। इसके उलट यह हारमोन इंसानों में जलन पैदा करते हैं। परिणामस्वरूप चेहरे पर इसका असर देखने को मिलता है। त्वचा पर कील-मुंहासे जैसी समस्या हो जाती है। यही नहीं कई बार चेहरे में लालिमा छा जाती है और सूजन तक हो जाती है। अतः दूध पीएं और दुग्ध उत्पाद भी लें। मगर जरा संभलकर।
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इन्सुलिन में अड़चन
दूध और डेयरी उत्पाद अधिक मात्रा में लेने से इन्सुलिन में अड़चन आती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की समस्या दूध पीने से जानवरों को नहीं होती है। खासकर गाय का दूध पीने से बछड़े में कभी इस तरह की समस्या देखने को नहीं मिलती। लेकिन इंसान की आकृति अलग है। उसका ढांचा अलग है। यदि वह अधिक मात्रा में दूध और दुग्ध उत्पाद खाता है तो उसके इंन्सुलिन में अड़चन हो सकती है। परिणामस्वरूप लिवर ज्यादा मात्रा में आईजीएफ-1 नामक हारमोन रिलीज कर सकता है। इसका मतलब है कि कील-मुंहासे होने की आशंका में बढ़ोत्तरी होती है।
अधिक तेल
डेयरी प्रोडक्ट आप जितना ज्यादा खाते हैं, चेहरे से उतना ज्यादा तेल निकलता है। त्वचा से निकलने वाले तेल को सीबम कहा जाता है। असल में हम जितना ज्यादा दूध पीते हैं, हमारी त्वचा के रोम छिद्र बंद होने लगते हैं। इससे चेहरे में दाने होने की आशंका बढ़ जाती है। इसके अलावा डेयरी प्रोडक्ट से चेहरे की त्वचा में दमकपन खत्म हो जाता है। जबकि इसके उलट लोगों को लगता है कि जितना ज्यादा दूध पीएंगे उतना ज्यादा त्वचा स्मूद होगी। जबकि अधिक मात्रा में दूध पीने से तेल ज्यादा निकलेगा और दानों में बढ़ोत्तरी होगी।
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डेड स्किन
जैसा कि ऊपर जिक्र किया है कि दूध और दुग्ध उत्पाद ज्यादा लेने से हमारी त्वचा के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं। असल में रोम के अंदर तक सीबम यानी तेल अधिक मात्रा में बढ़ जाता है। इससे रोम छिद्र बंद हो जाते हैं। इसके साथ ही एक समस्या और जन्म लेती है। यह है कि डेड स्किन का बढ़ जाना। दरअसल रोम छिद्र बंद हो जाने से डेड स्किन सेल प्राकृतिक रूप से बाहर नहीं आ पाते। नतीजतन त्वचा में कील मुंहासे जन्म लेने लगते हैं। कील मुंहासे से छुटकार चाहिए तो डेड स्किन सेल का प्राकृतिक रूप से बाहर निकलना बहुत जरूरी है। सो, दूध और दुग्ध उत्पादन का सेवन कम करें।
शोध से पता चले यह निष्कर्ष
पिछले एक दशक में तमाम बार हुए शोधों से इस बात का पता चला है कि दूध और दुग्ध उत्पादों को कील मुंहासों से गहरा सम्बंध है। अतः यदि आप दूध से अपना रिश्ता कमजोर नहीं करेंगे तो मुंहासों से भी आपको हाथ मिलाना पड़ेगा। कहने का मतलब यह है कि मुंहासों से छुटकारा चाहिए तो दुग्ध उत्पादों में कमी करें। हां, पूरे दिन में एक बार दूध अवश्य पीएं। लेकिन दुग्ध उत्पादों को अपनी आदत न बनाएं।
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