
यदि आप अपने जीवन से घुटने के पुराने दर्द को खत्म करने के लिए एक्यूपंक्चर चिकित्सा सत्रों से गुजर रहे हैं, तो एक नए अध्ययन के निष्कर्ष को जानकर आपका घुटने के पुराने दर्द को खत्म करने के लिए शाम एक्यूपंक्चर चिकित्सा पर विश्वास थोड़ा कम हो जाएगा। एक अध्ययन में 50 साल से अधिक उम्र के क्रोनिक घुटने के दर्द के मरीजों की लगातार जांच कर पाया गया कि न तो लेजर और न ही सुई वाले एक्यूपंक्चर से घुटनों के दर्द में कोई फर्क नहीं पड़ा और न ही कोई लाभ ही हुआ। अध्ययनकर्ता, अध्ययन के निष्कर्ष के आधार पर ऐसे रोगियों के लिए एक्यूपंक्चर का समर्थन नहीं करते।
शाम एक्यूपंक्चर क्या है?
परंपरागत एक्यूपंक्चर, को शाम एक्यूपंक्चर भी कहा जाता है। हो सकता है कि इस चिकित्सा पद्धती के अंतर्गत कुछ लोगों को लाभ का अनुभव होता हो, लेकिन यह सभवतः प्लेसबो इफेक्ट होता है। मतलब कि किसी इंसान को मकली दवा या चिकित्सा से ऐसा लगता है कि उसे लाभ हो रहा है।
ऑस्ट्रेलिया में मेलबर्न विश्वविद्यालय में भौतिक चिकित्सा के प्रोफेसर तथा अध्ययन के सह लेखक किम बनैल के अनुसार, व्यक्तिपरक मापें, जैसे कि दर्द, सामान्यतौर पर प्लेसबो इफैक्ट से जुड़े होते हैं। इसके अंतर्गत उपचार की स्थापना, रोगी की उम्मीदों और आशावाद, इलाज में चिकित्सक का विश्वास और चिकित्सक और रोगी के बीच बातचीत आदि पहलुओं को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
अध्ययन
पुरानी घुटने के दर्द से पीड़ित है, लगभग 300 वयस्कों को, सुई एक्यूपंक्चर, लेजर एक्यूपंक्च तथा शाम लेजर एक्यूपंक्चर दिया गया। लेकिन इसके अलावा कोई और उपचार नहीं दिया गया। वे प्रतिभागी जिन्हें किसी भी प्रकार का उपचार नहीं दिया गया, उन्हें नियंत्रण समूह के रूप में वर्गीकृत किया गया। शाम उपचार के लिए, एक मशीन को लेजर न देने के लिए पहले से ही प्रोग्राम किया गया था। इस नकली उपचार के बारे में, न तो मरीज को और न ही चिकित्सक को पता था।
इन प्रतिभागियों को तीन महीने के लिए सप्ताह में दो बार 20 मिनट के लिए यह उपचार सत्र दिए गए। अध्ययन की शुरुआत में उनके घुटने के दर्द के बारे में उन्हें एक प्रश्नावली भरने के लिए दी गयी थी, फिर तीन महीने और फिर एक वर्ष के बाद ऐसी प्रश्नावली ई गई।
तीन महीने बाद, नियंत्रण समूह की तुलना में लेजर और शाम एक्यूपंक्चर तथा सुई के दौर से गुजरे प्रतिभागियों ने चलते समय घुटने के दर्द में उतनी ही कमी का अनुभव किया। लेखकों के अनुसार, दर्द में एक साल बाद सुधार नहीं था, वहीं अल्पकालिक सुधार अध्ययन में महत्वपूर्ण परिवर्तन करने के लिए बहुत छोटे थे।
साथ ही, अध्ययन बताता है कि, न तो सुई और न ही लेजर एक्यूपंक्चर ने शाम लेजर एक्यूपंक्चर से अधिक राहत नहीं दी। सुई से एक्यूपंक्चर लेने वाले रोगियों को भी नियंत्रण समूह की तुलना में, तीन महिनों के बाद शारीरिक समारोह उनके घुटनों में थोड़ा सुधार का अनुभव हुआ। हालांकि, यह सुधार एक वर्ष तक नहीं रहा और इतना ही सुधार शाम समूह में भी देखा गया था।
तो, आपको घुटने के दर्द को कम करने के लिए किस तरह का उपचार प्राप्त करना चाहिए, यह समझना अब आसान है।
Image courtesy: Getty Images
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