हर्मोन असंतुलन की कई वजहें जैसे, अनियमित जीवनशैली, कुपोषण, व्यायाम न करना, गलत डायट, तनाव व उम्र आदि हो सकती हैं। लेकिन लोगों में आम धारणा है कि हार्मोन असंतुलन तभी होता है जब महिला मैनोपॉज से गुजर रही होती है, लेकिन खराब खान पान और एक्सरसाइज न करना आदि से हार्मोन संतुलन बिगड़ जाता है। महिलाओं और पुरुषों दोनों में ही हार्मोन असंतुलन के अलग-अलग प्रभाव होते हैं। चलिये जाने हार्मोन असंतुलन के कुछ बड़े कारण।
हार्मोन असंतुलन
हार्मोनों का असंतुलन किसी को भी और किसी भी उम्र में हो सकता है। दरअसल हमारे शरीर में कुल 230 हार्मोन होते हैं, जो शरीर की अलग-अलग क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। हार्मोन की छोटी-सी मात्रा ही कोशिका के मेटाबॉलिज्म को बदलने के लिए काफी होती है। ये एक प्रकार के कैमिकल मैसेंजर की तरह एक कोशिका से दूसरी कोशिका तक सिग्नल भेजते हैं।
हर्मोन असंतुलन के कारण
हर्मोन असंतुलन के कई कारण हो सकते हैं जैसे, गड़बड़ जीवनशैली, पोषण की कमी, व्यायाम न करना, गलत डायट, अधिक तनाव या उम्र आदि। अक्सर खराब खान-पान और एक्सरसाइज न करने आदि के कारण हर्मोन असंतुलन हो जाता है। महिलाओं और पुरुषों दोनों में हार्मोन असंतुलन के अलग-अलग प्रभाव होते हैं। हार्मोन असंतुलन केवल महिलाओं को प्रभावित नहीं करता, बल्कि पुरुषों को भी प्रभावित करता है। एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और प्रोलैक्टिन हार्मोन पुरुषों के शरीर में भी उत्पादित होते हैं। इन सभी हार्मोन में टेस्टोस्टेरोन पुरुषों के शरीर में मौजूद सबसे महत्वपूर्ण हार्मोन, में से एक है। और शरीर के समुचित कार्य को ठीक रखने के क्रम में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बनाए रखना बेहद आवश्यक होता है।
सोयाबीन पदार्थों का अधिक सेवन
सोयाबीन और सोया आधारित उत्पादों का सेवन कम से कम करें, क्योंकि ये हार्मोन संतुलन को बिगाड़ सकते हैं। पुरुषों को अतिरिक्त एस्ट्रोजन की मात्रा की जरूरत नहीं होती है और सोयाबीन फाइटोस्ट्रोजिन्स के बड़े स्रोतों में से एक है। एस्ट्रोजन और फाइटोस्ट्रोजिन्स की सेलुलर संरचना समान है। इसलिए, पुरुषों को अतिरिक्त मात्रा में इस प्रोटीन नहीं लेना चाहिए। इसके बजाए आप अंडे का सफेद भाग और कम वसा वाले डेयरी उत्पादों का सेवन कर सकते हैं।
अपर्याप्त नींद
नींद पूरी न होना कई शारीरिक व मानसिक समस्याओं को आमत्रंण देती है। इसके कारण हार्मोन असंतुलन की समस्या भी हो सकती है। रात की अच्छी नींद पूरे शरीर के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक व लाभदायक होती है। रोज पर्याप्त नींद लेने से मस्तिष्क और अधिवृक्क ग्रंथियों के माध्यम से हार्मोन संतुलित ठीक होता है। तो बहुत सारी समस्याओं का कम से कम करने के लिए प्रति दिन आठ घंटे सोने का लक्ष्य जरूर बनाएं।
पुरुषों में जब हार्मोन असंतुलन होता है तो उनमें चिड़चिड़ापन, स्पर्म कम बनना और सेक्स की इच्छा कम होने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। लेकिन हार्मोन को सतुंलित करने के लिये कई तरीके हैं, जैसे दवाइयां, योग, व्यायाम और पौष्टिक आहार का सेवन आदि।
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