आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव होना लाज़मी है, और इस तनाव से भरी जीवनशैली के चलते बहुत से नींद ना आने की समस्या से जूझ रहे हैं। हो सकता कि आपको यह परेशानी गंभीर न लगती हो, लेकिन कई अध्ययन बताते हैं कि नींद ना आने जैसी हालत कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकती है। इंसानी शरीर को नींद की उतनी ही जरूरत होती है, जितनी खाने पीने की। नींद न आना बीमारी का संकेत हो सकता है। लेकिन तनाव के कारण जब रातों की नींद खो जाए तो इसके लिए करना क्या चाहिए? चलिये जानें -
शोधकर्ताओं के अनुसार अगर नींद कम आने या फिर न आने जैसी परिस्थितियों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो यह अवसाद मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों का कारण बन सकती हैं। 'द लानसेट’ चिकित्सीय पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार चिकित्सकों ने ऐसे मरीजों का निरीक्षण किया जो अब मधुमेह और अवसाद जैसे रोगों से ग्रसित थे। इस दौरान उन्होंने पाया कि वे लोग जो नींद ना आने की शिकायत करते हैं उनके मधुमेह और अवसाद की चपेट में आने की संभावना अत्याधिक बढ़ जाती है। लेकिन इससे निपने के लिये आप निम्न तरीकों को अपना सकते हैं।
नियमित व्यायाम व ध्यान
नियमित 20 से 30 मिनट शारीरिक व्यायाम (चलना, दौड़ना या उठना बैठना) करें। इससे आपके दिमाग को आराम मिलेगा। अगर आप तनाव भरे माहौल में काम करते हैं, तो दोपहर का खाना खाने के बाद या चाय पीने के दौरान थोड़ा टहला भी करें। इसके अलावा मेडिटेशन कीजिए और रात को सोने के 15 मिनच पहले धीमा व राहत भरा संगीत सुनिए। रात को सोने से पहले 10 से 20 मिनट के लिये आंखें बंद करके शांति का अनुभव कीजिए। गहरी सांस लीजिए। दिमाग को शांत कीजिए, और तनाव भरी बातें दिमाग से निकाल दें।
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रचनात्मक काम करें
रचनात्मकता आपके तनाव को दूर करती है और आपको एक बेहतर इंसान भी बनाती है। खाली समय दिमाग का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। इसलिये सदैव दिमाग को रचनात्मक कार्यों में लगा देने से मूड खुशनुमा बना रहता है और मानसिक समास्याएं व तनाव भी दूर होती हैं। साइकिलिंग, बागबानी, तैराकी या फिर कुछ और जो भी आपको पसंद हो करें। इससे न सिर्फ आपका दिमाग शांत रहता है, बल्कि तेज भी बनता है और फिर रात को बेहतर नींद आती है।
जल्दी सोएं जल्दी उठें, कैसे?
रात को देर से सोने पर तनाव की शुरुआत आपकी सुबह से ही हो सकती है। डॉक्टर भी मानते हैं कि देर से सोने और देर से उठने वाले लोगों का मेटाबॉलिज्म ठीक नहीं रहता है जिससे उन्हें थकान, तनाव और उदासीनता अधिक सताती है, और आगे चलकर नींद न आने की समस्या भी हो जाती है। शोधों में भी यह माना गया है कि देर से उठने वाले लोग अक्सर सुबह का नाश्ता छोड़ते हैं जिससे उनका शरीर गड़बड़ा जाता है और वे जल्द तनावग्रस्त हो जाते हैं।
मोटापे को कम करें
कई शोध बताते हैं कि एक रात न सोने पर एक स्वस्थ इंसान के शरीर में ऊर्जा की खपत में 5 से 20 फीसदी तक की कमी आ जाती है। कई दूसरे अध्ययनों में देखा गया है कि पांच घंटे तक या उससे कम सोने वालों में वजन बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है। तो इसका सीधा सा मतलब है कि अगर आप नहीं सोते हैं, तो मोटे होते हैं और अगर पहले से मोटे हैं तो आपको तानव व नींद न आने की समस्या हो सकती है। इससे बचने के लिये पौष्टिक आहार संतुलित मात्रा में लें और व्यायाम करें। साथ ही धूम्रपान और शराब का सेवन आपका तनाव बढ़ाता है, इससे बचें।
कैफीन का भी कम मात्रा में सेवन करें, ये आपकी नींद नें बड़े बाधक होते हैं। रात के समय में कॉफी या अन्य कैफिन युक्त पदार्थों का सेवन न करें। समस्या दूर न होने पर डॉक्टर से सलाह लें व आवश्यक जांच कराएं।