आपका बिस्तर भी हो सकता है कई रोगों का कारण, कभी न करें ये 5 गलतियां

क्या आपको पता है कि आपका बिस्तर भी कई रोगों का कारण बन सकता है? जी हां, बहुत सारे लोगों में स्किन एलर्जी, सोरायसिस, बाल झड़ने और अस्थमा जैसी समस्याओं का कारण उनका बिस्तर होता है।
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आपका बिस्तर भी हो सकता है कई रोगों का कारण, कभी न करें ये 5 गलतियां


क्या आपको पता है कि आपका बिस्तर भी कई रोगों का कारण बन सकता है? जी हां, बहुत सारे लोगों में स्किन एलर्जी, सोरायसिस, बाल झड़ने और अस्थमा जैसी समस्याओं का कारण उनका बिस्तर होता है। बिस्तर का चुनाव करते समय हम हमेशा कंफर्ट और लुक का ख्याल रखते हैं, जबकि बिस्तर बहुत हद तक हमारी सेहत को प्रभावित करते हैं। आइए आपको बताते हैं ऐसी 5 गलतियां, जिनके कारण बिस्तर आपको बीमार बना सकता है।

सिंथेटिक न हों चादर, तकिया और कंबल

अपने बिस्तर के लिए बेडशीट, तकिया कवर और कंबल का चुनाव करते समय सिंथेटिक सामग्री को न चुनें। इनके लिए सिंथेटिक की जगह प्रकृतिक चीजें, जैसे कपास, वूल या रेशम का चुनाव करें। प्राकृतिक फाइबर सांस लेते हैं और सिंथेटिक की तुलना में ज्यादा स्वस्थ होते हैं। सिंथेटिक बिस्तर पर सोने से कई बार स्किन एलर्जी, पीठ में दर्द, गर्दन में दर्द की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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सर्दी के बिस्तर से धूल जरूर झाड़ लें

ऊनी कंबलों, तकियों तथा गद्दे में धूल रोएं के बीच और अंदर जमा हो जाती है, जिसे आप धूप में सुखाने के बाद झाड़कर निकाल सकते हैं। कंबल धोने से पहले भी धूल को झाड़ कर बाहर निकाल लेना चाहिए, इससे आसानी रहती है। आप चाहें तो कंबल से धूल निकालने के लिए वैक्‍यूम क्‍लीनर का प्रयोग भी कर सकते हैं। कंबल, तकिये व गद्दे आदि पर कवर का प्रयोग करें। धूल भरे बिस्तर के कारण सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। छोटे शिशुओं के लिए बिस्तर की धूल कई बार जानलेवा भी हो सकती है।

रोजमर्रा के कपड़ों के साथ न धोएं बिस्तर

बिस्‍तर पर इस्‍तेमाल किए जाने वाले कम्‍बल व तकिये आदि को भी दूसरे कपड़ों के साथ उपयोग न करें। साथ ही कंबल, तकिये व गद्दे के कवर आदि को धोते समय इन्हें अकेला ही धोएं। बाकी रोजमर्रा के कपड़ों के साथ न धोएं। इससे बिस्तर की धूल कपड़ों में चली जाएगी और कपड़े आपकी त्वचा के ज्यादा करीब होते हैं इसलिए स्किन एलर्जी हो सकती है।

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बहुत मुलायम बिस्तर का प्रयोग न करें

अक्सर लोग बिस्तर का चुनाव करते समय सोचते हैं कि बिस्तर जितना ज्यादा मुलायम होगा, उतना अच्छा होगा। मगर बहुत अधिक मुलायम बिस्तर में आपकी पीठ का हिस्सा बिस्तर में धंस जाता है जबकि गर्दन का हिस्सा ऊपर रहता है। ऐसे में लंबे समय तक बिस्तर के प्रयोग से रीढ़ की हड्डी का टेढ़ापन, रीढ की हड्डी में दर्द, गर्दन में दर्द, सायटिका आदि होने का खतरा होता है।

ज्यादा ऊंची न हो तकिया

कई लोग एक साथ दो तकिया का इस्तेमाल करते हैं या बहुत कठोर और ऊंची तकिया का इस्तेमाल करते हैं। मगर आपको बता दें कि अगर आप सिर के नीचे लगाने के लिए तकिया का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो ये बहुत पतली और मुलायम होनी चाहिए। ज्यादा ऊंची तकिया से आपको गर्दन की समस्याएं और सायटिक नर्व पर दबाव के कारण साइटिका के भयंकर दर्द का सामना करना पड़ सकता है।

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