योग उतना भी सुरक्षित नहीं है जितना माना जाता है : शोध

अगर आप शोध को सुरक्षित इलाज मानते हैं तो ये खबर पढ़ लें। यह नई शोध कुछ और ही बात कहती है।
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योग उतना भी सुरक्षित नहीं है जितना माना जाता है : शोध

भारतीयों से ज्यादा विदेशियों में योग ज्यादा चलन में है। अपने फायदों के कारण ही योग, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के शुरू हुए तीन साल के अंदर ही दुनिया में इतने व्यापक तरीके से लोकप्रिय हो चुका है। लोगों का मानना है कि योग स्वस्थ जीवन का अचूक उपाय है। लेकिन हाल ही में हुई शोध इस बात पर प्रश्नचिन्ह लगाती है। इस शोध के अनुसार योग उतना सुरक्षित नहीं है, जितना माना जाता है।  


योग नहीं है उतना सुरक्षित

इस शोध के अनुसार योग शायद उतना ज्यादा सुरक्षित नहीं है जितना की माना जाता है। ये शोध रिपोर्ट जर्नल ऑफ बॉडीवर्क ऐंड मूवमेंट थेरेपीज में प्रकाशित हुई है। यह शोध रिपोर्ट शौकिया योग के कारण होने वाली चोटों से जुड़ा है। ऐसा उन शोधकर्ताओं का कहना है जिन्होंने पाया है कि इस प्राचीन भारतीय पद्धति के कारण मांसपेशी और हड्डी में दर्द हो सकता है, यही नहीं इसके कारण पहले से लगी चोटें और गंभीर रूप धारण कर सकती हैं।

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दो रहा है दुनियाभर में लोकप्रिय

पिछले कुछ सालों से मांसपेशियों और हड्डियों से जुड़े विकार के वैकल्पिक उपचार के तौर पर योग दुनियाभर के लोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। ऑस्ट्रेलिया में सिडनी यूनिवर्सिटी के इवानगेलोस पापास ने कहा, 'योग मांसपेशी-हड्डी संबंधी दर्द में फायदेमंद हो सकता है जैसे कि कोई व्यायाम लेकिन उसके कारण दर्द भी पैदा हो सकता है'। शोधकर्ताओं ने पाया है कि, इस प्राचीन भारतीय पद्धति के कारण मांसपेशियों व हड्डियों में दर्द हो सकता है। केवल यही नहीं, इसके कारण पहले से लगी चोट और गंभीर भी हो सकती है।
 

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