क्या सुबह उठते ही आपके शरीर में भी अकड़न रहती है? सुबह उठते ही शरीर में अकड़न (Morning Stiffness) महसूस होना बेहद आम है। ज्यादातर लोग इससे परेशान रहते हैं, लेकिन लंबे समय तक यह समस्या होना कई गंभीर रोगों का कारण बन सकता है। ऐसे में समय रहते इससे छुटकारा पाना बेहद जरूरी होता है। आप कुछ योगासनों की मदद से इस समस्या से निजात पा सकते हैं। इसके लिए आप नियमित रूप से कुछ योगसन करें, जिससे आपकी सुबह एकदम फ्रेश और अच्छी रहेगी। आपका शरीर पूरे दिन फुर्तीला रहेगा। योगा एक्सपर्ट डॉक्टर रमेश कुमार से जानते हैं, शरीर की अकड़न को दूर करने वाले कुछ योगासनों के बारे में-
इन योगासनों से दूर होगी शरीर की अकड़न (Yoga Asanas to Cure Morning Stiffness)
- गोमुखासन (Gomukhasana)
- उत्कटासन (Utkatasana)
- भुजंगासन ((Bhujangasana)

1. शरीर की अकड़न दूर करे गोमुखासन (Gomukhasana Cure Morning Stiffness)
गोमुखासन दिखने में थोड़ा मुश्किल लगता है, लेकिन इसकी विधि जानकर आप इसे आसानी से कर सकते हैं। संस्कृति में गोमुख का मतलब ‘गाय का चेहरा’ होता है। इसे Cow Face Pose के नाम से भी जाना जाता है। रोज सुबह इस आसन को करने से आपको हाथों, कंधों में होने वाले अकड़न से छुटकारा मिल सकता है। इससे हाथ और कमर पूरी तरह से स्ट्रेच होते हैं, जिससे अकड़न की समस्या नहीं रहती है। इतना ही नहीं गोमुखासन को नियमित रूप से करने पर गैस, एसिडिटी और कब्ज की समस्या से राहत मिलती है। यह डायबिटीज में भी लाभकारी होता है। इससे पैरों, हाथों, कमर की मासंपेशियां मजबूत बनती हैं। लिवर और किडनी को हेल्दी रखने के लिए भी आप इस आसन को कर सकते हैं।
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गोमुखासन करने का तरीका (How to do Gomukhasana)
- इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर एक साफ मैट बिछा लें।
- इस पर अपने दोनों पैरों को आगे करके बैठ जाएं।
- अपने बाएं पैर को घुटने से मोड़ें।
- इसकी एड़ी को दाएं नितंब के पास जमीन पर रख दें।
- अब दाएं पैर को मोड़ें और बाएं पैर के ऊपर रखें। इस दौरान दाएं पैर की एड़ी बाएं पैर के नितंब के पास रखें।
- अपने बाएं हाथ को पीठ के पीछे से ऊपर को ले जाएं।
- दाएं हाथ को कोहनी से मोड़ें और पीछे से कंधों से नीचे ले जाएं।
- अब दोनों हाथों की हथेलियों को इंटरलॉक कर लें।
- इस अवस्था में रहकर 3-4 बार सांस लें और छोड़ें।
- इसके बाद आप हाथ और पैर की स्थिति को बदलकर इस योगासन को करें।
- आप 3-5 बार इस योगासन को कर सकते हैं।
- इस अवस्था में अपनी रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा रखें।
गोमुखासन करते हुए सावधानियां (Gomukhasana Precaution)
गोमुखासन (Gomukhasana) करते हुए आपको कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी होता है। कुछ सावधानियों को अपनाकर आप इसे सही तरीके से कर सकते हैं। साथ ही आपको इससे पूरे फायदे मिलेंगे।
- बवासीर की समस्या होने पर इस योगासन का अभ्यास बिल्कुल न करें।
- अगर आपको रीढ़ की हड्डी में दर्द, साइटिका (sciatica) की समस्या है तो इस योगासन को करने से बचें।
- हाथों, पैरों में दर्द की शिकायत होने पर आपको गोमुखासन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
- घुटनों में दर्द या कोई चोट लगने पर भी आपको इसका अभ्यास करने से बचना चाहिए।

2. उत्कटासन से शरीर की अकड़न में मिलेगा आराम (Utkatasana Cure Morning Stiffness)
उत्कटासन (Utkatasana) को चेयर पोज या Chair Pose के नाम से भी जाना जाता है। इसमें शरीर का आकार कुर्सी जैसा हो जाता है। संस्कृत में उत् का मतलब ‘उठा हुआ’ और कट का मतलब ‘कूल्हा’ होता है। जिसका अर्थ है उठे हुए कूल्हे। इस योगासन में कूल्हे उठे हुए होते हैं। नियमित रूप से इस योगासन को करने से आपको शरीर में होने वाले अकड़न से राहत मिलेगी। इसमें हाथों को स्ट्रेच किया जाता है, साथ ही पैरों पर बैलेंस बनाया जाता है, जिससे अकड़न दूर होती है। पेट के रोगों को दूर करने के लिए उत्कटासन करना बेहद फायदेमंद है। यह हाथ और पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। यह शारीरिक संतुलन और एकाग्रता को बढ़ाता है। साथ ही सीने या छाती का विकास करता है।
उत्कटासन करने का तरीका (How to Do Utkatasana)
- इस आसन को करने से लिए सबसे पहले किसी शांत स्थान पर एकदम सीधा खड़े हो जाएं।
- पैरों की बीच दूरी बनाकर रखें। रीढ़ की हड्डी और कमर को बिल्कुल सीधा रखें।
- सांस लेते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाएं।
- पैरों को घुटनों से मोड़ें। कूल्हों को नीचे की तरफ लाएं।
- इस अवस्था में आपका आकार कुर्सी जैसा बनेगा। अपनी पीठ को बीच में से मोड़े नहीं।
- इस अवस्था में रहकर 2-3 बार लंबी गहरी सांस लें और छोड़ें।
- इस प्रक्रिया को आप 3-5 बार दोहरा सकते हैं।
- इस दौरान आपको संतुलन बनाने में समस्या हो सकती है। आप चाहें तो शुरुआत में दीवार के सहारे इसे कर सकते हैं।
उत्कटासन करते हुए सावधानियां (Utkatasana Precautions)
उत्कटासन करते हुए आपको इससे जुड़ी सावधानियों पर जरूर ध्यान देना चाहिए। क्योंकि किसी भी योगासन के पूरे फायदे तभी मिलते हैं, जब उसे पूरी सावधानी के साथ किया जाता है।
- पैरों और घुटनों में दर्द होने की स्थिति में इस योगासन को करने से बचें।
- साथ ही घुटनों या टखनों में चोट लगने पर भी इसका अभ्यास न करें।
- सिरदर्द और अनिद्रा की समस्या होने पर आपको इसे योगासन को नहीं करना चाहिए।
- जब तक बैलेंस बना सकते हैं, तब तक ही इसका अभ्यास करें। शुरुआत में इसे धीरे-धीरे ही करें। इसके बाद आप इसका समय बढ़ा सकते हैं।

3. भुजंगासन से अकड़न में मिलेगी राहत (Bhujangasana Cure Morning Stiffness)
अगर आपको रोज सुबह उठकर कंधों, हाथों या कमर में अकड़न रहती है, तो आप नियमित रूप से भुजंगासन का अभ्यास कर सकते हैं। इसे कोबरा पोज या Cobra Pose के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, इस योगासन में शरीर के ऊपरी हिस्से को कोबरा के फन की तरह ऊपर उठाया जाता है। जिन लोगों को शरीर में अकड़न रहती है, उनके लिए इसे करना बेहद फायदेमंद होता है। साथ ही यह शारीरिक विकास और बैली फैट को भी कम करने में मददगार होता है। साइटिका और स्लिप डिस्क के रोगियों के लिए भुजंगासन बेहद लाभकारी होता है। यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल में रखने में मदद करता है।
भुजंगासन करने का तरीका (How to Do Bhujangasana)
- भुजंगासन को करने के लिए सबसे पहले मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
- दोनों पैरों के बीच थोड़ी-सी दूरी रखें।
- अपनी दोनों हथेलियों को कंधे की सीध में रखें।
- सांस लेते हुए शरीर के ऊपरी हिस्से को नाभि तक उठाने की कोशिश करें।
- इस अवस्था में 10-30 सेकेंड तक रहें।
- सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
- इस प्रक्रिया को आप 3-5 बार दोहरा सकते हैं।
- इस दौरान कमर में खिंचाव पैदा होगा। साथ ही हाथ और कंधे भी स्ट्रेच होते हैं, जिससे अकड़न की समस्या दूर होती है।
भुजंगासन करते हुए सावधानियां (Bhujangasana Precautions)
भुजंगासन करते हुए भी कुछ जरूरी सावधानियों का ध्यान रखना जरूरी होता है, क्योंकि कई बार गलत तरीके से करने पर इसका नुकसान भी हो सकता है।
- गर्भवती महिलाओं को इस योगाभ्यास को बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
- हर्निया और अल्सर रोगियों को इसे करने से बचना चाहिए।
- अगर आपको पेट, कमर दर्द हो तो इसका अभ्यास कुछ समय के लिए रोक सकते हैं।
अगर सुबह उठते ही आपके शरीर में अकड़न महसूस होती है, तो आप इन योगासनों को नियमित रूप से कर सकते हैं। इसके रोजाना अभ्यास से आपको इस समस्या का सामना कभी नहीं करना पड़ेगा। शुरुआत में इन आसनों को किसी एक्सपर्ट की सलाह या देखरेख में ही करना चाहिए।
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