खराब लाइफस्टाइल और बढ़ता तनाव अब सिर्फ बड़े-बूढ़ों के लिए ही नहीं बल्कि बच्चों को भी बीमार बना रहा है। खास कर रीढ़ की हड्डियों से जुड़ी परेशानियां। जी हां बच्चों में गलत पोस्चर, आलस और मोटापा तीनों ही रीढ़ की हड्डियों से जुड़ी समस्याओं का कारण बनती जा रही है। इसके कारण बच्चों में कमर दर्द की समस्या तेजी से बढ़ रही है। वर्ल्ड स्पाइन डे 2021 (World Spine health day 2021)के अवसर आज हम बच्चों में खराब होते स्पाइन हेल्थ पर बात करेंगे। इस दौरान हम बच्चों की उन आदतों के बारे में भी जानेंगे जो कि उनके स्पाइन हेल्थ को धीमे-धीमे नुकसान पहुंचा रही हैं और वे इसे लेकर सजग भी नहीं हैं। साथ ही हम डॉ. राजीव जैन (Dr.Rajiv Jain) वरिष्ठ सलाहकार, आर्थोपेडिक और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट, से जानेंगे बच्चों में स्पाइन हेल्थ को हेल्दी रखने के कुछ उपाय। पर उससे पहले आइए जान लेते हैं बच्चों में रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचाने वाली आदतों के बारे में।
बच्चों में रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचाने वाली आदतें
1. सो कर विडियो गेम्स खेलना
आपने अगर अपने बच्चों पर गौर किया होगा तो आप ये देख सकते हैं कि कैसे बच्चे ज्यादातर काम बैठे-बैठे या फिर लेटे हुए करना चाहते हैं। जी हां, यही आदतें बच्चों में रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचाती है और गलत पोस्चर को बढ़ावा देती है। डॉ. राजीव जैन बताते हैं कि आज कल इन्हीं गलत आदतों के कारण बच्चों में कमर दर्द की समस्या बढ़ती जारी है और किसी भी माता-पिता को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
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2. झुक कर मोबाइल और कंप्यूटर चलाना
बच्चे हो या बड़े सभी के लिए झुक कर मोबाइल और कंप्यूटर चलाने की ये आदतें नुकसानदेह है। पर कोई भी इस आदत को लेकर गंभीर नहीं होता कि इससे उन्हें कितना नुकसान हो सकता है। जबकि झुक कर मोबाइल चलाने से या फिर कंप्यूटर चलाने से गर्दन दर्द की समस्या बढ़ती है। साथ ही ये गलत पोस्चर से जुड़े रोगों का भी कारण बनता है।
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3. भारी स्कूल बैग ले जाना
भारी भरकम स्कूल बैग लाद कर ले जाना अक्सर बच्चों की रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचाता है। इससे उन्हें पीठ दर्द और कमर दर्द, दोनों ही समस्याएं होती हैं। भारी भरकम स्कूल बैग पहनने से हड्डियों पर जोर पड़ता है और ये बच्चों को परेशान कर सकती है।
4. पेट के बल लेट कर पढ़ना
पेट के बल लेट कर पढ़ना हो या बिस्तर पर लेट कर पढ़ना, ये दोनों ही आदत हर तरह से नुकसानदेह है। पहली बात तो ये पढ़ने का सही तरीका नहीं है। दूसरी बात की ये शरीर दर्द के साथ आंखों को भी नुकसान पहुंचाता है। ये गर्दन में अकड़न या दर्द पैदा करता है और आंखें खराब करता है।
5. एक्सरसाइज ना करना
हर समय टीवी, मोबाइल या पढ़ाई करते रहना शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। क्योंकि ये फिजिकल एक्टिविटी नहीं है और बच्चों की एनर्जी कहीं खर्च नहीं हो रही। ऐसे में एक्सरसाइज ना करना या घर के बाहर ना खेलना शरीर को नुकसान पहुंचाता है और बच्चों में मोटापा और डायबिटीज का खतरा बढ़ाता है।
बच्चों में रीढ़ की हड्डी को हेल्दी रखने के उपाय-tips for good spine health in children
1. बैठ कर टीवी देखें या गेम्स खेलें
बैठ कर टीवी देखना या गेम्स खेलने की आदत को बदलना बेहद जरूरी है। इसमें माता-पिता की एक बड़ी भूमिका है। इसलिए बच्चों को हमें टीवी बैठ कर और एक सही दूरी से देखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। साथ ही उन्हीं कभी भी विडियो गेम्स बिस्तर पर लेट कर या पेट के बल लेट कर खेलने से मना करें। आप उनसे कहें कि अच्छे से पैर मोड़ कर एक सही मुद्रा में बैठें और तब विडियो गेम्स खेलें।
2. करेक्ट पोस्चर है जरूरी
चाहे आपका बच्चा पढ़ रहा हो, खाना खा रहा हो, चल रहा हो या फिर कोई भी काम कर रहा है। उसे ये सभी काम करेक्ट पोस्चर में करना बताएं। क्योंकि लेट कर पढ़ना, पेट के बल पढ़ना रीढ़ कि हड्डियों को ही नहीं बल्कि बाकी ज्वाइंट्स और मांसपेशियों में भी एक खिंचाव लाती है। इससे कमर दर्द, सिर दर्द, गर्दन दर्द और कई बार बॉडी पेन होने का भी खतरा रहता है।
3. बच्चों को एक्सरसाइज करने को कहें
बच्चों के लिए एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी है। खासकर बड़े हो रहे बच्चों के लिए जिनकी उम्र 10 से 18 साल के बीच है। ऐसे बच्चे कोई भी एक्सरसाइज कर सकते हैं। जैसे रनिंग, फॉर्वड बेंडिंग (forward bending)और एरोबिक एक्सरसाइज। कुछ ना हो तो उन्हें बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करें। कुल मिला कर आपको अपने बच्चे को फिजिकली एक्टिल रखना है।
4. डाइट सही रखें
बच्चे लगातार एक विकास की उम्र में होते हैं। ऐसी उम्र में उनके शरीर को हर प्रकार के विटामिन, मिनरल्स और पोषण की जरूरत है। ऐसे में आप उन्हें
- -दूध या दूध से बने मिल्क प्रोडक्ट्स दे सकते हैं। ये बच्चों के विकास में मदद करता है और हड्डियों को भी स्वस्थ रखता है।
- -हरी सब्जियों में प्रोटीन, मिनरल्स और कई विटामिन होते हैं और आप अपने बच्चों इसे खाने को दे सकते हैं।
- - बच्चों को अहेल्दी, फैटी और जंग फूड्स खाने को ना दें। ये मोटापा और डायबिटीज जैसे लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है।
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5. बच्चे का स्कूल बैग हल्का रखें
एक भारी बैग बच्चे की बढ़ती रीढ़ पर प्रेशर बढ़ाता है और उसके विकास को रोकता है। यह रीढ़ की हड्डी के स्तंभ को विकृत करता है, सिरदर्द और यहां तक कि मांसपेशियों में खिंचाव का कारण बनता है। ऐसे में आपको इन बातों का ध्यान रखते हुए अपने बच्चे का स्कूल बैग हल्का रखना चाहिए। साथ ही स्कूल बैग खरीदते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि
- - ऐसा स्कूल बैग चुनें जो हल्की सामग्री से बना हो।
- - माता-पिता सुनिश्चित करें कि आप एक ऐसा बैग खरीदें जिसमें गद्देदार कंधे के बेल्ट हों। साथ ही बैग में कमर पर बांधने वाले बेल्ट भी हो।
- - बैकपैक को कभी भी ढेर सारी किताबें न ले जाने दें या अपने बच्चे के शरीर के वजन का 15% से अधिक वजन न होने दें।
- -हमेशा सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे केवल 1 कंधे का उपयोग करके बैकपैक न ले जाएं।
ये तो थी बच्चे और उनके माता-पिता की जिम्मेदारी। पर इसी के साथ सही मुद्रा सिखाना स्कूल और उनके शिक्षकों की भी जिम्मेदारी है। खड़े होने, चलने, बैठने और बैठ कर पढ़ने का सही तरीका बताना भी बच्चों के शिक्षक का काम है। हर शिक्षक को ध्यान देना चाहिए कि कक्षा में बैठते समय बच्चों के दोनों पैर जमीन पर टिके हों और उनकी पीठ सीधी हो। रीढ़ की हड्डी को गोल करना, या झुकना, एक आम समस्या है और रीढ़ पर तनाव बढ़ता है, जिससे पीठ दर्द होता है।
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Main Image source: NBC News, The Mirror and Housing