अधिकतर लोग अपनी रोजाना की जीवनशैली में गर्दन दर्द की समस्या के कारण परेशान रहते हैं। घंटों डेस्क पर काम करने की वजह गर्दन दर्द के प्रमुख कारणों में से एक है। गर्दन में होने वाले दर्द को आमतौर पर लोग नजरअंदाज करते हैं लेकिन कई बार यह दर्द इतना तेज होता है कि इससे रोजमर्रा के कार्य भी प्रभावित होने लगते हैं। नींद पूरी नहीं होने, ऊंचे तकिये पर सोने, लेटकर पढ़ने, टीवी देखने और घंटों कंप्यूटर पर काम करने से बढ़ती है। इसके अलावा लगातार ड्राइविंग करने वालों को भी यह समस्या हो सकती है। यही नहीं, गलत पोस्चर और स्मोकिंग भी इसके लिए जिममेदार है। गर्दन दर्द किसी पुरानी चोट या स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण भी हो सकता है। अगर आप भी रोजाना गर्दन दर्द की शिकायत से परेशान रहते हैं तो हम आपको गर्दन दर्द के कारण और इससे बचाव के तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं। आप इन तरीकों को अपनाकर गर्दन दर्द की शिकायत से छुटकारा पा सकते हैं।
गर्दन दर्द के कारण
गर्दन दर्द के कारण सामान्य से जटिल हो सकते हैं, जैसे लंबे सामय तक डेस्क का काम, उठने-बैठने, सोने का गलत पोस्चर या कठोर तकिए का इस्तेमाल। किसी प्रकार की चोट के कारण हड्डियों का अपने स्थान से खिसक जाना, ट्यूमर या मांसपेशियों में मोच,गर्दन के स्पाइन में अर्थराइटिस, भारी वस्तु्ओं को उठाने का काम,तनाव या स्वास्थ्य संबंधी दूसरी समस्याएं। उम्र का तकाजा होने और तरह तरह की टूट−फूट के कारण गर्दन दर्द के जाल में फंस जाती है। कभी−कभी तंत्रिकाओं के दबने से दर्द कंधों, छाती और बांहो में भी जाने लगता है।
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गर्दन दर्द की समस्या से सिर्फ 40 साल के आस-पास के लोग ही पीड़ित नहीं होते हैं, बल्कि आजकल यह परेशानी युवा वर्ग के लोगों में भी देखने को मिलती है। गर्दन दर्द को गंभीरता से लेना चाहिए। साथ ही अपनी आदतों में सुधार लाएं। ये दर्द में आराम देगी। इस समस्या से बचाव के लिए भोजन में मिल्क प्रोडक्ट्स को प्रमुखता से शामिल करें। इनमें मौजूद कैल्शियम हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूती देता है। डॉक्टर की सलाह पर कैल्शियम और विटमिन डी के सप्लीमेंट्स भी लिए जा सकते हैं क्योंकि ये विटामिंस भी गर्दन दर्द को दूर करने का काम करते हैं।
कैसे करें बचाव
- गर्दन दर्द सामान्य प्रकार का दर्द है। यह दर्द अकसर लम्बे समय तक रहने वाला होता है इसलिए आप ऐसे में घरेलू उपायों या वैकल्पिक चिकित्सा का सहारा ले सकते हैं।
- गर्दन दर्द की स्थिति में प्रभावित क्षेत्र पर अधिक ज़ोर पड़ने से दर्द बढ़ जाता है इसलिए तेज दर्द होने पर आराम करें।
- प्रभावित क्षेत्र पर गर्म पानी के वाटर बैग या बर्फ के टुकड़ों से सिंकाई करना भी एक अच्छा् विकल्प है।
- गर्दन दर्द से बचने के लिए आप एक्यूप्रेशर, एक्यूपंचर, जल चिकित्साव, चुम्बकीय चिकित्सा, योग, मालिश, फीजि़योथेरेपी जैसी वैकल्पि क चिकित्साओं को भी अपना सकते हैं।
- तेज़ दर्द होने पर दर्द निवारक दवाईयां भी ली जा सकती हैं।
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- अगर आपको लंबे समय से गर्दन में दर्द की शिकायत है, तो व्यायाम या योगा को अपनी आदत में शामिल करें।
- असहनीय दर्द की स्थिति में, चिकित्सक से परामर्श लेकर उचित उपचार करें क्योंकि चिकित्सा के अभाव में यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है।
- गर्दन दर्द की समस्या किसी खास उम्र के लोगों को नहीं होती है।
डॉक्टरों का कहना है कि गर्दन में दर्द का एक कारण कैल्शियम की कमी भी हो सकती है लेकिन इसके लिए केवल यही एक कारण जिम्मेदार नहीं है बल्कि इसकी कई अन्य वजहें भी हो सकती हैं। बिना जांच और डॉक्टर की सलाह के कैल्शियम और विटमिन सप्लीमेंट्स न लें क्योंकि इनकी अधिकता भी नुकसानदेह हो सकती है।
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