World Sleep Day 2019: माता-पिता अपने बच्‍चों की बेहतर नींद के लिए क्‍या करें?

हर साल नींद का जश्न मनाने और नींद स्‍वास्‍थ्‍य के लिए कितनी जरूरी है को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए 15 मार्च को विश्व नींद दिवस के रूप में मनाया जाता है। बढ़ते तनाव की वजह से बच्चों और किशोरों को पर्याप्त नींद नहीं मिल रही है, जिसका असर बच्‍चों के शारीरिक और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़ रहा है, इसका असर उनकी एकेडमिक परफॉरमेंस पर भी पड़ता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
World Sleep Day 2019: माता-पिता अपने बच्‍चों की बेहतर नींद के लिए क्‍या करें?


हर साल नींद का जश्न मनाने और नींद स्‍वास्‍थ्‍य के लिए कितनी जरूरी है को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए 15 मार्च को विश्व नींद दिवस के रूप में मनाया जाता है। बढ़ते तनाव की वजह से बच्चों और किशोरों को पर्याप्त नींद नहीं मिल रही है, जिसका असर बच्‍चों के शारीरिक और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़ रहा है, इसका असर उनकी एकेडमिक परफॉरमेंस पर भी पड़ता है। यहां हम पेरेंट्स के लिए कुछ ऐसे फैक्‍ट्स बता रहे हैं जो बच्‍चों की नींद और स्‍वास्‍थ्‍य के लिए जरूरी है। 

worldsleepday 

2017 के एक कनाडाई अध्ययन में पाया गया कि जो माता-पिता सोने के बारे में नियम निर्धारित करते हैं, वे अपने बच्चों को अच्‍छी नींद के लिए मदद कर सकते हैं। 1,622 माता-पिता पर रिसर्च किया गया जिनका एक बच्‍चा कम से कम 18 वर्ष का था। वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन माता-पिता अपने बच्‍चे को सख्‍ती से सोने के नियम पालन कराए, ऐसे 59 प्रतिशत बच्‍चों की नींद अच्‍छी थी उनकी अपेक्षा जो नियम का पालन नहीं कर रहे थे।  

अच्‍छी नींद के लिए क्‍या करें? 

बच्‍चों के टीवी देखने का समय निर्धारित करें 

जैसे-जैसे स्क्रीन का उपयोग बढ़ता है, वैसे-वैसे हमारे स्वास्थ्य पर उनके प्रभाव को देखने वाले अध्ययनों की संख्या बढ़ती है, जिनमें से कई में यह पाया गया है कि स्‍क्रीन नींद की कमी के लिए दोषी हो सकते हैं, विशेष रूप से बच्चों और किशोरों में। इस वर्ष की शुरुआत में प्रकाशित यूरोपीय शोध में पाया गया कि जो बच्चे सोने से पहले अंधेरे में स्क्रीन का उपयोग करते हैं, उन्हें पर्याप्त नींद लेने की संभावना कम होती है, और कम गुणवत्ता वाली नींद भी आती है, उन लोगों की तुलना में जो अच्छी तरह से रोशनी वाले कमरे में स्क्रीन का उपयोग करते हैं। 

इसे भी पढ़ें: कई गंभीर रोगों का कारण बनती है नींद की कमी, इन तरीकों से करें सही

अगर बच्‍चे अपने माता-पिता के बेडरूम में सोते हैं तो अच्‍छा है 

एक आम धारणा यह है कि माता-पिता के बेडरूम में बच्चों के सोने से बच्‍चों की निर्भरता माता-पिता पर बढ़ने लगती है, जिसे सही नहीं ठहराया जाता है। पिछले साल प्रकाशित शोध में बताया गया है कि जो बच्चे जीवन के शुरूआती छह महीनों तक अपने माता-पिता के बेडरूम में सोते हैं, उन्हें नींद की समस्याओं का कोई खतरा नहीं है। वास्तव में, माता-पिता के कमरे में सोने से वास्तव में सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिसमें नींद की गुणवत्ता भी शामिल है।

इसे भी पढ़ें: क्‍या आपको भी नहीं आती है रात में अच्‍छी नींद? इन 5 तरीकों से पाएं सुकून भरी नींद

बच्‍चों को अच्‍छी डाइट के लिए प्रोत्‍साहित करें 

पिछले साल प्रकाशित एक बड़े पैमाने पर किए गए अध्ययन में 177,091 ग्रीक बच्चों को शामिल किया गया था जिनकी उम्र 8 से 17 वर्ष थी जिसमें पाया गया था कि न केवल 40 प्रतिशत बच्चे पर्याप्त नींद लेने में विफल रहते हैं, बल्कि पुरुषों और महिलाओं और सभी आयु वर्ग में अस्वास्थ्यकर आहार की आदतें शामिल हैं। नाश्ता छोड़ना, फास्ट-फूड खाना, और नियमित रूप से मिठाई का सेवन करना, साथ ही अधिक वजन या मोटापा और बहुत अधिक टीवी या मोबाइल फोन का इस्‍तेमाल करने से नींद की समस्‍या होने लगती है। 

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Read More Articles On Other Diseases In Hindi

Read Next

विश्व नींद दिवस : कई गंभीर रोगों का कारण बनती है नींद की कमी, इन तरीकों से करें सही

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version