World Kidney Day 2025 Theme History : किडनी हमारे शरीर का एक खास अंग है। किडनी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर बीमारियों से बचाव करने में मदद करता है। लेकिन आज के दौर में लाइफस्टाइल, खानपान और कई कारणों से लोगों को किडनी संबंधी बीमारियां हो रही हैं। किडनी के स्वास्थ्य के प्रति हर साल मार्च के दूसरे गुरुवार को विश्व किडनी दिवस (World Kidney Day) मनाया जाता है। विश्व किडनी दिवस का खास दिन स्वास्थ्य संगठनों, डॉक्टरों और आम जनता को किडनी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए समर्पित है। विश्व किडनी दिवस के मौके पर जानते हैं इस दिन का इतिहास, थीम और महत्व के बारे में।
विश्व किडनी दिवस का इतिहास- History of World Kidney Day
किडनी से जुड़ी बीमारियों के बढ़ते मामलों को देखते हुए इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी (ISN) और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ किडनी फाउंडेशन्स (IFKF) द्वारा 2006 में विश्व किडनी दिवस (World Kidney Day 2025) को मनाने की शुरुआत की गई। इस दिन को मनाने का उद्देश्य किडनी से जुड़ी समस्याओं को वैश्विक स्तर पर प्राथमिकता देना, जागरूकता बढ़ाना और लोगों को किडनी की बीमारियों के प्रति ध्यान केंद्रित करना था। 2006 के बाद हर साल एक खास थीम पर विश्व किडनी दिवस मनाया जा रहा है।
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विश्व किडनी दिवस 2025 की थीम- World Kidney Day 2025 Theme
इस साल विश्व किडनी दिवस 2025 की थीम "क्या आपकी किडनी ठीक है? समय रहते पता लगाएं, किडनी के स्वास्थ्य की रक्षा करें" (Are Your Kidneys OK? Detect early, protect kidney health) रखा गया है। इस थीम को रखने का उद्देश्य बदलती जीवनशैली के कारण होने वाली किडनी से जुड़ी परेशानियों के प्रति जागरूकता लाना है। ताकि लोग सही जीवनशैली को अपनाकर खुद के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकें।
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विश्व किडनी दिवस का महत्व- Significance of World Kidney Day
विश्व किडनी दिवस को मनाने का महत्व आम लोगों तक किडनी की बीमारियों और इलाज के लिए जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन लोगों को स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और धूम्रपान व शराब से दूरी बनाने के लिए प्रेरित करना, ताकि किडनी स्वस्थ बनी रहे। इस खास मौके पर डॉक्टर, स्वास्थ्य संगठन और अन्य मेडिकल प्रोफेशनल द्वारा सेमिनार और जागरूकता कैंप का आयोजन किया जाता है।
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किडनी की बीमारी के शुरुआती लक्षण- Symptoms of kidney disease
विश्व किडनी दिवस के मौके पर किडनी की बीमारी के शुरुआती लक्षणों को भी जानना जरूरी है। आइए जानते हैं इसके बारे में
1. थकान और कमजोरी - किडनी के सही तरीके से काम न करने पर शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा होने लगते हैं। इसके कारण थकान और शारीरिक कमजोरी की समस्या देखी जाती है।
2. पेशाब का रंग बदलना-अगर आपके पेशाब के रंग में लगातार परिवर्तन हो रहा है, तो यह किडनी से जुड़ी बीमारी का एक लक्षण हो सकता है।
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3. चेहरे और पैरों में सूजन- घुटने, चेहरे और आंखों के आसपास की सूजन भी किडनी की बीमारी का संकेत देती है।
4. त्वचा पर खुजली होना- शरीर में विषाक्त पदार्थ ज्यादा होने पर त्वचा पर खुजली और जलन की समस्या होती है।
अगर आपको अपने शरीर में ऊपर बताए गए लक्षण नजर आते हैं, तो इस विषय पर डॉक्टर से बात करें।
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निष्कर्ष
विश्व किडनी दिवस आम जनता के लिए भी एक महत्वपूर्ण दिन है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर कोई किडनी के स्वास्थ्य के महत्व को समझें और बीमारियों से बचाव कर सके।