कहने को हम सब काफी आधुनिक हो चुके हैं, लेकिन जहां एक महिला या एक मां अपने बच्चे को पब्लिक प्लेस में दूध पिलाने लगती है, तो सबकी नजर उस पर गढ़ जाती हैं। सबकी अजीब निगाहें ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली उस महिला को असहज महसूस कराती हैं। जिस वजह से महिलाओं को बच्चे को दूध पिलाने के लिए किसी पर्दे की जरूरत पड़ती है। यही कारण है कि महिलाएं पब्लिक प्लेस, बस या अन्य किसी जगह पर ब्रेस्टफीडिंग करवाने में शर्म महसूस करती हैं।
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यह तो सभी जानते हैं, कि बच्चे का पहला आहार मां का दूध होता है, जो कि उसके संपूर्ण विकास व भरण-पोषण के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। यही कारण है कि हर साल देश में विश्व स्तनपान सप्ताह यानि कि World Breastfeeding Week मनाया जाता है। जिसमें कि स्तनपान के महत्व और इसके प्रति जागरूकता फैलाना मुख्य उद्देश्य है। इसी बीच बॉलीवुड अभिनेत्री नेहा धूपिया ने भी World Breastfeeding Week 2019 के अवसर पर एक महत्वपूर्ण जागरूकता संदेश अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये साझा किया है। इतना ही नेहा धूपिया ने अपने इंस्टाग्राम अकांउट में अपनी बेटी मेहर के साथ एक सुंदर तस्वीर और ब्रेस्टफीडिंग से जुड़े सदेश को भी साझा किया है।
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पेड़ के पीछे पिलाना पड़ा बच्चे को दूध
मिड डे से हुई बातचीत के दौरान नेहा धूपिया ने बताया, एक बार उन्हें शूटिंग के दौरान अपनी बच्ची मेहर को पेड़ के पीछे छिपकर दूध पिलाना पड़ा। क्योंकि शूटिंग कहीं बाहर चल रही थी। वह कहती हैं, ज्यादातर महिलाएं अपने बच्चे को जल्दी ही दूध पिलाना बंद कर देती हैं और वापस अपने काम पर चली जाती हैं लेकिन महिलाओं को अपने बच्चे को कम से कम 6 महीने या फिर 1 साल तक स्तनपान कराना चाहिए।
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#freedomtofeed कैंपेन
बॉलीवुड एक्ट्रेस नेहा धूपिया ने World Breastfeeding Week के इस मौके पर जागरूकता बढ़ाने और ब्रेस्टफीडिंग के महत्व को लेकर #freedomtofeed कैंपेन लॉन्च किया। जिसमें कि वह नवजात शिशु के लिए मां के दूध के महत्व को और महिलाओं को खुलकर ब्रेस्टफीडिंग कराने पर जोर दे रही हैं। वह कहती हैं इस कैंपेन से बहुत सी महिलाएं बेहद खुश हैं।
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नेहा ब्रेस्टफीडिंग की इस प्राकृतिक प्रक्रिया के महत्व को साझा करते हुए, अपने पर्सनल ब्रेस्टफीडिंग एक्पीरियंस को साझा करते हुए कहा है, मैंने अपनी बेटी मेहर को 6 महीने तक स्तनपान कराया और अभी भी करवाती हूं... इसने मुझे वास्तव में एक अद्भुत एहसास कराया है, जिसने मुझे कभी-कभी सुविधाओं की कमी भी महसूस करवायी है। एक बार, जब मैं एक प्लेन में थी और मुझे मेहर को दूध पिलाना था। तब मुझे उसे दूध पिलाने के लिए वॉशरूम में ले जाना पड़ा और उसके बाद जब मैं बाहर आयी, तो मैने लोगों से इतने लंबे समय तक वॉशरूम इस्तेमाल करने के लिए माफी मांगी। वह कहती हैं, मैं अकेली नहीं, बल्कि और भी मेरी जैसी कई महिलाएं हैं, जिन्हें इन परिस्थतियों से गुजरना पड़ता है।
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