क्‍यों जरूरी है ब्रेकफस्‍ट? जानें इससे जुड़े 10 फैक्‍ट्स

ब्रेकफस्ट का अर्थ होता है, अपने रात भर के फास्ट को तोडऩा। अगर पिछली रात आपने 9 बजे के लगभग डिनर किया था और किसी वजह से सुबह का नाश्ता नहीं कर पाए तो मतलब आप सीधे दोपहर में लंच करेंगे। दो मील्स के बीच 15-16 घंटों का फासला स्वास्थ्य के लिहाज़ से काफी हानिकारक हो सकता है।
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क्‍यों जरूरी है ब्रेकफस्‍ट? जानें इससे जुड़े 10 फैक्‍ट्स

खाने-पीने की स्वस्थ आदतें व्यक्ति को दिन भर ऐक्टिव रखती हैं। चिकित्सक दिन के पहले मील, यानी कि ब्रेकफस्ट को कभी स्किप न करने की सलाह देते हैं। एक प्रचलित कहावत है, 'सुबह का नाश्ता राजा की तरह करें, दोपहर का भोजन युवराज की तरह और रात का खाना एक फकीर की तरह। ब्रेकफस्ट का अर्थ होता है, अपने रात भर के फास्ट को तोडऩा। अगर पिछली रात आपने 9 बजे के लगभग डिनर किया था और किसी वजह से सुबह का नाश्ता नहीं कर पाए तो मतलब आप सीधे दोपहर में लंच करेंगे। दो मील्स के बीच 15-16 घंटों का फासला स्वास्थ्य के लिहाज़ से काफी हानिकारक हो सकता है।

जानें, क्यों है ब्रेकफस्ट ज़रूरी?

  • नियमित तौर पर सुबह का नाश्ता छोडऩे वाले युवाओं को बाद में टाइप टू डायबिटीज़ होने का खतरा अधिक रहता है।
  • सारा दिन ऐक्टिव रहने के लिए भरपूर ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जो दिन भर के मील्स से पूरी होती है।
  • उन युवाओं को अपने खानपान का विशेष ख्याल रखना चाहिए, जो जिम जाते हों या खेलकूद वाली गतिविधियों में व्यस्त रहते हों।
  • यह दिमाग की कार्यप्रणाली के लिए अनिवार्य ग्लूकोज़ के स्तर को रीस्टोर करता है, जिससे व्यक्ति की याददाश्त व एकाग्रता का स्तर सुधरता है।
  • नियमित तौर पर ब्रेकफस्ट न करने वालों को ब्लड प्रेशर के लो होने का खतरा रहता है, जिससे चक्कर आने या आंखों के आगे अंधेरा छाने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • सुबह के नाश्ते में हाई फाइबर और लो कार्बोहाइड्रेट युक्त चीज़ें शामिल करें। इससे दिन भर ऐक्टिव रह सकेंगे और थकान भी काफी कम महसूस होगी।
  • पेट भरा होने से चिड़चिड़ापन कम होता है और दिन भर मूड भी ठीक रहता है।
  • मील को स्किप करने से फैटी लीवर होने की आशंका रहती है।
  • मील्स में ज़्यादा घंटों का अंतर होने से एसिडिटी या पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। हर तीन घंटे के अंतराल पर कुछ खाते रहने की सलाह दी जाती है।
  • नियमित तौर पर नाश्ता स्किप करने वालों को लो इम्युनिटी की शिकायत रहती है, जिससे उन्हें सर्दी अधिक लगती है व वे बीमार भी जल्दी पड़ते हैं।

इनपुट्स : सौम्या शताक्षी, सीनियर न्यूट्रिशनिस्ट एंड वेलनेस कंसल्टेंट, हेल्दियंस, दिल्ली

दीपाली पोरवाल

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