कोविड के बीच मॉनसून सीज़न में इन्फ्लूएंजा वैक्सीन लेने पर जोर क्यों दिया जा रहा है? कारण ये है कि अगर रूटीन टीकाकरण कार्यक्रम पिछले एक साल से रेगुलर नहीं है ऐसे में अगर काफी संख्या में लोगों की या बच्चों की वैक्सीन छूट गई तो आने वाले समय में इन्फ्लूएंजा भी महामारी का रूप ले लेगा इसलिए कोविड वैक्सीन के साथ हमें नॉर्मल रूटीन टीकाकरण को भी जारी रखना है। इन्फ्लूएंजा के साथ-साथ टिटनेस, टीबी, खसरा, डिप्थीरिया, हेपेटाईटिस बी आदि बीमारियों से बचने के लिए समय पर टीकाकरण जरूरी है। इस लेख में हम इन्फ्लूएंजा वैक्सीन से जुड़ी जरूरी बातों पर चर्चा करेंगे। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रैज्युएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ की वरिष्ठ कंसलटेंट पीडियाट्रिशियन डॉ पियाली भट्टाचार्य से बात की।
कोविड के बीच बढ़ रहे हैं इन्फ्लूएंजा के केस (Influenza cases are raising)
मानसून कई शहरों में दस्तक देने वाला है ऐसे में कोविड के साथ इन्फ्लूएंजा भी तेज रफ्तार से फैल रहा है। कोविड की तीसरी लहर में लोग और खासकर बच्चे इंफ्लूएंजा के भी शिकार हो सकते हैं। इसलिए टीकाकरण जरूरी है। एसजीपीजीआई की वरिष्ठ कंसलटेंट पीडियाट्रिशियन डॉ पियाली भट्टाचार्य ने बताया कि कोविड से पहले जो रेगुलर टीकाकरण होता था अब उस पर जोर कम है जबकि इन्फ्लूएंजा वैक्सीन भी कोविड की तरह जरूरी वैक्सीन है। हम ये नहीं चाहते कि अस्पताल में इस समय टीकाकरण के लिए भीड़ बढ़ जाए लेकिन लोगों को फ्लू शॉट भी लगवा लेना चाहिए।
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कोविड और इंन्फ्लूएंजा के लक्षण एक जैसे ही हैं (Symptoms of influenza are similar to covid)
इन्फ्लूएंजा में हल्के बुखार, खांसी या जुकाम जैसे लक्षण नजर आते हैं, इन्फ्लूएंजा भी कोविड की तरह नाक, मुंह और आंख से अंदर जाता है और खांसने या छींकने से फैलता है इसलिए इंफ्लूएंजा और कोविड के लक्षणों में अंतर कर पाना मुश्किल है। इन्फ्लूएंजा होने पर इंफेक्शन के 1 से 4 दिनों में लक्षण नजर आते हैं और कोविड में इंफेक्शन होने के 5 दिन बाद लक्षण दिखते हैं, हालांकि ये लक्षण 2 से 14 दिनों में भी दिख सकते हैं। इन्फ्लूएंजा होने पर बच्चों में डायरिया और बड़ों में बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है, जबकि कोविड में बड़ों को ब्लड क्लॉट की समस्या, बच्चों में मल्टी सिस्टम इंफ्लामेट्री सिंड्रोम देखने को मिलता है।
इन्फ्लूएंजा वैक्सीन डायबिटीज मरीजों के लिए क्यों जरूरी है? (Importance of flu shot in diabetes)
जिन लोगों को डायबिटीज है उन्हें इस समय इन्फ्लूएंजा वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए। फ्लू होने से निमोनिया होने की आशंका बढ़ जाती है। जिन लोगों को डायबिटीज है उन्हें फ्लू शॉट लेने के लिए अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। डॉक्टरों के मुताबिक जिन लोगों को डायबिटीज है उन्हें फ्लू होने की आशंका ज्यादा रहती है। जिन लोगों को फ्लू हो जाता है उनके रेस्पिरेट्री सिस्टम में परेशानी हो सकती है। आप जितना जल्दी फ्लू या इन्फ्लूएंजा का इलाज शुरू करेंगे उतना जल्दी इससे बचने की संभावना होगी। इन्फ्लूएंजा होने के 48 घंटों के अंदर आपका ट्रीटमेंट शुरू हो जाना चाहिए खासकर तब जब आपको डायबिटीज है।
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किन लोगों के लिए इन्फ्लूएंजा वैक्सीन सबसे ज्यादा जरूरी है? (People who need influenza vaccine)
- अगर आपकी उम्र 65 या उससे ज्यादा है तो आपको इन्फ्लूएंजा होने की आशंका ज्यादा होगी।
- न्यूरो कंडीशन वाले मरीज भी इन्फ्लूएंजा की रडार पर रहते हैं।
- जिन लोगों को अस्थमा, किडनी, हार्ट या लीवर डिसऑर्डर है उन्हें भी इन्फ्लूएंजा अपनी चपेट में आसानी से ले सकता है।
- गर्भवती महिलाओं को इन्फ्लूएंजा का खतरा ज्यादा है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है।
- गर्भावस्था दो महीने बाद आपको इन्फ्लूएंजा का खतरा ज्यादा हो सकता है क्योंकि उस समय शरीर रिकवरी कर रहा होता है।
- जिन बच्चों की उम्र पांच साल से कम है वो सब भी इन्फ्लूएंजा की चपेट में आ सकते हैं।
- ऐसे बच्चों के लिए इन्फ्लूएंजा जानलेवा हो सकता है जिनकी उम्र छह माह से कम है।
- जो लोग पहले से एचआईवी, ल्यूकेमिया का शिकार हैं उन्हें भी फ्लू हो सकता है।
- जिन मरीजों की कीमोथैरेपी चल रही हो उन्हें भी फ्लू हो सकता है।
- जिन लोगों को दिल का दौरा पड़ा हो उनके लिए भी इन्फ्लूएंजा गंभीर बीमारी बन सकती है।
वैक्सीन लगने के बाद भी फ्लू हो जाए तो क्या वैक्सीन बीमारी से बचाएगी?
सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेन्शन के मुताबिक फ्लू शॉट लगने के बाद भी आपको फ्लू हो सकता है लेकिन वैक्सीन लगने से अस्पताल में भर्ती होने की आशंका कम हो जाती है। फ्लू शॉट लेने से बॉडी में इम्यूनिटी रहती है। वैक्सीन लेने के दो हफ्तों में इम्यूनिटी बनना शुरू होती है। कुछ लोगों को वैक्सीन लेने से एलर्जी रिएक्शन जैसे खुजली, त्वचा में लालपन आदि की समस्या हो सकती है पर वो कुछ दिनों में ठीक हो जाएगा अगर आपको लगता है समस्या बढ़ रही है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
बारिश के मौसम में इन्फ्लूएंजा से कैसे बचा जा सकता है? (How to prevent influenza during monsoon)
- आपको इन्फ्लूएंजा से बचने के लिए साफ-सफाई पर ध्यान देना जरूरी है खासकर बारिश के मौसम में क्योंकि इस मौसम में इन्फ्लूएंजा का खतरा ज्यादा होता है।
- आप किसी भी सार्वजनिक स्थान पर जाएं तो शौचालय इस्तेमाल करने से पहले या कुछ खाने से पहले और बाद में हाथों को अच्छी तरह साबुन और पानी से जरूर धो लें।
- इस मौसम में कुछ भी बाहर का खाने से बचें, खासकर ऐसी चीजों से बचें जिन्हें स्टीम करके परोसा जाता है जैसे मोमोज़।
- बारिश के मौसम में पानी को उबालकर पिएं इससे इंफेक्शन आपके गले तक नहीं पहुंचेगा।
- बारिश के मौसम में काढ़े का सेवन जरूर करें, आयुष मंत्रालय के मुताबिक फ्लू से बचने के लिए बारिश के मौसम में आपको काढ़े का सेवन करना चाहिए।
- इन्फ्लूएंजा होने पर लापरवाही न बरतें क्योंकि इसके साथ आपको साइनस, कान में इंफेक्शन, ब्रोंकाइटिस का खतरा भी रहता है।
- अगर आपको 102 से ज्यादा बुखार, सीने में दर्द जलन, सांस लेने में समस्या होती है तो आप डॉक्टर के पास जाएं। संक्रमण होने पर आपको डॉक्टर की सलाह पर एंटीवायरल दवाएं लेनी चाहिए।
डॉ पियाली से बताया कि छोटे बच्चे, व्यसक और गर्भवती महिलाओ के लिए ये सही समय है वैक्सीन लेने का। इस समय कोविड वैक्सीन के साथ हमें फ्लू वैक्सीन पर भी जोर देना चाहिए।
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