मौसम बदलने पर सीजनल फ्लू का खतरा किन लोगों को रहता है ज्यादा? डॉक्टर से जानें फ्लू से बचाव के लिए जरूरी टिप्स

सीजनल फ्लू में कोरोना योद्धाओं को ज्यादा खतरा हो सकता है। उन्हें काम की वजह से रोजाना घर से बाहर निकलना पड़ता है।
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मौसम बदलने पर सीजनल फ्लू का खतरा किन लोगों को रहता है ज्यादा? डॉक्टर से जानें फ्लू से बचाव के लिए जरूरी टिप्स

एक तो कोरोना का कहर पहले ही लोग झेल रहे थे ऊपर से मौसम बदलने के साथ ही सीजनल फ्लू की परेशानियां बढ़ने लगी हैं। बसंत का मौसम बहुत कन्फ्यूजन वाला होता है। कभी गर्मी लगती है तो कभी सर्दी लगती है। कभी आप गर्म कपड़े पहनते हैं तो कभी सर्दी से बचते हैं। सुबह और शाम की सर्दी हो रही है। ऐसे में बीमारियों की चपेट में आना लाजमी है। तो वहीं, वे कोरोना योद्धा जो रोजाना काम की वजह से घर से बाहर निकल रहे हैं उनके पास वर्क फ्रॉम होम की भी सुविधा नहीं है उन्हें सीजनल फ्लू का ज्यादा खतरा है। अपोलो स्पेक्ट्रा में चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. संदीप कटियार का कहना है कि यह बात अलग है कि ज्यादातर फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है, लेकिन फिर सीजनल फ्लू से बचने के लिए सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। सीजनल फ्लू में केवल कोरोना योद्धा ही नहीं बल्कि अन्य लोगों को भी सावधानी बरतने की जरूरत है। सीजनल फ्लू को लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि दुनिया भर में हर साल 290 000  से  650 000 तक रेस्पाइरेटरी मौतें होते हैं।  डॉक्टर का कहना है कि सीजनल फ्लू में आमतौर पर बहुत खतरा नहीं होता है, लेकिन लापरवाही बरतने पर जान तक जा सकती है। 

सीजनल फ्लू में इन बीमारियों के दिखते हैं लक्षण

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक सीजनल फ्लू इन्फ्लूएंजा वायरस की वजह से फैलता है। सीजनल इन्फ्लूएंजा में बिना मेडिकल दवा से ठीक हुआ जा सकता है लेकिन हाई रिस्क ग्रूप में यह मौसम मौत का कारण भी बन सकता है। बदलते मौसम में बीमारियों के लक्षणों पर अगर ध्यान नहीं दिया गया तो वह बड़ी बीमारियां बनकर उभर सकती है। सीजनल फ्लू में निम्न बीमारियों के लक्षण दिखते हैं।

1.मांसपेशियां और जोड़ों में दर्द

2.गले में खराश

3.बुखार, खांसी, जुकाम

4.एसिडिटी

5.सिर में दर्द

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सीजनल फ्लू में किन लोगों को ज्यादा खतरा

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हर साल आने वाले सीजनल फ्लू से कई लोगों को परेशानियां होती हैं, लेकिन निम्न लोगों को ज्यादा दिक्कते होती हैं।

1. हेल्थ केयर वर्कर्स

स्वास्थ्य कर्मियों को मरीजों का इलाज करने के लिए ज्यादा समय  बाहर निकलना पड़ता है, इस वजह से वे बदलते मौसम के फ्लू जल्दी ग्रसित हो जाते हैं। तो वहीं, ये दौर कोरोना का दौर चल रहा है जिससे वे लोग जो कोरोना योद्धा की श्रेणी में आते हैं, उनके पास वर्क फ्रॉम होम की सुविधा नहीं है, ऐसे में उन्हें रोजाना काम के सिलसिले में घर से बाहर निकलना पड़ता है। ऐसे लोग सीजनल फ्लू की चपेट में जल्दी आएंगे। इन कोरोना योद्धाओं को केवल कोरोना से ही नहीं बल्कि सीजनल फ्लू से भी बचना होगा।

2. बुजुर्ग

बुजुर्गों को इम्यूनिटी नौजवानों से कम होती है। यही वजह है कि सर्दी, खांसी, जुकाम, सांस संबंधी बीमारियां इस सीजनल फ्लू में बुजुर्गों को जल्दी घेरती हैं। बुजुर्गों में एलर्जिक ब्रोंकाइटिस का खतरा बढ़ जाता है। बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। इसलिए बुजुर्गों को बदलते मौसम में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। 

3.गर्भवती महिलाएं

गर्भवती महिलाओं को पहले ही बहुत मूड स्विंग्स होते हैं, ऐसे में जब मौसम बदल रहा हो तब यह स्थिति और दुखदायी हो जाती है। उन्हें बार-बार पेशाब की परेशानी हो सकती है। तो वहीं, खानपान में बदलाव की वजह से सर्दी, जुकाम जैसी परेशानियां भी हो सकती है।

4. बच्चे

बड़ों को बदलते मौसम के बारे में समझाना आसान है लेकिन छोटे बच्चों को समझाना मुश्किल। उन्हें अगर माता पिता गर्म कपड़े पहनाते भी हैं तो वे पहनते नहीं हैं। तो वहीं फ्रिज का पानी पीना यो कोल्ड ड्रिंक्स पीना भी शुरू कर देते हैं। यही वजह है कि अस्पतालों के ओपीडी सर्दी, जुकाम जैसी बीमारियों से भर जाते हैं।

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सीजनल फ्लू से बचाव

1.डॉक्टर कटियार ने बताया कि हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन सीजनल फ्लू के नए स्ट्रेन को लेकर वैक्सीन जारी करता है। यह वैक्सीन लगाने से सीजनल फ्लू की संभावना बहुत कम हो जाती है। डब्लूएचओ हर साल निम्न लोगों के लिए जारी करता है वैक्सीन।

-गर्भवती महिला के लिए

-6 महीने से 5 साल तक के बच्चों के लिए वैक्सीन

-बुजुर्ग व 65 साल से ऊपर के नागरिकों को वैक्सीन

-किसी पुरानी बीमारी ग्रसित लोग

-स्वास्थ्य क्षेत्र में लगे लोगों के लिए वैक्सीन

2.विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बदलते मौसम के फ्लू से बचने के लिए नियमित हाथ धोने की सलाह दी है। ऊपर से कोरोना वायरस भी है तो हाथ धोना दोनों परेशानियों से बचाएगा।

3.खांसते या छींकते समय मुंह को कवर करके रखें। या फिर मास्क लगाकर रखें।

4.जिन लोगों को फ्लू हो वे घर पर ही रहें। दूसरा स्वस्थ लोगों की चपेट में ना आएं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी कहना है कि जो लोग सीवेयर कंडीशन में नहीं हैं वे तो घर पर ही कुछ हफ्तों में ठीक हो सकते हैं, लेकिन जिन लोगों में रिस्क ज्यादा है उन्हें अस्पताल जाने की जरूरत पड़ सकती है।

5.आंख, कान, नाक को न छुएं। इनसे संक्रमण और बढ़ सकता है।

6.बाहर जाते समय हैंड सेनेटाइजर को साथ रखें। हाथ साफ रहेंगे को शरीर में संक्रमण नहीं फेलेगा।

7.डॉ. कटियार के मुताबिक अब सर्दियां जा रही हैं और गर्मियां आ रही हैं। लेकिन अभी भी सुबह और शाम की सर्दी है। ऐसे में जब कोई बाहर से घर में आता है तो सबसे पहले पंखा चलाता है, ऐसा उन्हें न करें। शरीर के तापमान में एकदम से बदलाव होने पर बीमार होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। तो वहीं, फ्रिज का पानी या कोल्ड ड्रिंक्स वगैरह का सेवन करें।  

8.जिन जगहों पर ज्यादा भीड़ हो वहां न जाएं। कोरोना नियमों के तहत दो गज की दूरी का पालन करें। दूरी का पालन करने से आप खुद भी कोरोना से तो बचेंगे ही साथ ही दूसरे भी आपके वायरस से दूर रहेंगे।

9.विटामिन सी का अधिक सेवन करने से शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता ठीक रहती है। जिससे मौसमी फ्लू से बचा सकता है।

मौसम के बदलने के साथ ही बीमारियां भी हजारों हमारे पास आने लगती हैं। ये वक्त वैसे भी कोरोना महामारी का चल रहा है। ऐसे में कोरोना के लक्षण और सीजनल फ्लू के लक्षण पहचानना भी मुश्किल है। इसलिए अगर आपको सर्दी, खांसी, जुकाम या बुखार जैसे लक्षण दिख रहे हैं तो डॉक्टर के पास जाकर जांच कराएं। उसे हल्के में न लें। हल्के में लेने पर आपकी छोटी परेशानी बड़ी ही सकती है। 

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