इन कारणों से होता है कान से रिसाव

कभी-कभी कान से अचानक रिसाव होने लगता है जिसका कारण समझ नहीं आता। तो इस लेख में जानें कान से रिसाव होने के कारण और करें उनका निवारण।
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इन कारणों से होता है कान से रिसाव


कान से किसी भी तरह का तरल पदार्थ निकलना ही ईयर डिसचार्ज कहलाता है। इसे ओटोरिया भी कहा जाता है। सामान्यतः कान से ईयरवैक्स निकलती है जो कि हमारे कान की सुरक्षा करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि कान में किसी भी तरह का मैल जमा न होने पाए। यही नहीं कीटों को भी कानों में जाने से ईयरवैक्स रोकने में सहायक है। साथ ही बैक्टीरिया होने से रोकने में भी ईयरवैक्स महति भूमिका अदा करता है। बहरहाल इसके अलावा कान से रिसाव की और भी वजहें हैं। मसलन ईयरड्रम चोटिल होने से कान से खून या अन्य कोई तरल पदार्थ रिस सकता है। इसके अलावा कान से रिसाव के और भी कारण हैं। आइये जानें।

कान में संक्रमण

कान में संक्रमण

कान तभी संक्रमित होता है जब मिडिल ईयर में बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन हो। इसके अलावा मिडिल ईयर में किसी भी तरह का तरल पदार्थ बनने लगे। मिडिल ईयर कान का वह हिस्सा होता है जो ईयरड्रम से ठीक पीछे होता है। ईयर इंफेक्श काफी दर्दनाक होता है। कान में दो तरह का संक्रमण होता है। क्रोनिक और एक्यूट। एक्यूट संक्रमण कम समय के लिए होता है मगर यह काफी दर्दनाक है। लेकिन क्रोनिक संक्रमण अधिक खतरनाक है। दरअसल क्रोनिक संक्रमण पूरी तरह ठीक नहीं हो पाता। यही नहीं यह संक्रमण बार बार होने का खतरा भी बना रहता है। क्रोनिक ईयर इन्फेक्शन से व्यक्ति विशेष ताउम्र के लिए बहरा हो सकता है।

कान में कुछ घुसना

कान में किसी भी तरह की चीज घुसने से कान को भारी नुकसान हो सकता है। यदि कान में कीड़ा घुसा हो या फिर कोई ऐसी वस्तु जो कान को चोटिल कर सकती है, यह स्थिति भयावह है। वास्तव में कान में कीड़ा घुसने से कान से खून रिस सकता है। यही नहीं यदि चोट की स्थिति गंभीर हो जाए तो वह पस बन सकता है।

ओटीटिस एक्सटर्ना

जब कान के बाहरी हिस्से में किसी तरह का संक्रमण हो जाए तो ओटीटिस एक्सटर्ना कहा जाता है। ओटीटिस एक्सटर्ना सामान्यतः उन लोगों को अधिक होता है जो लोग पानी के संपर्क में रहते हैं मसलन स्वीमर। दरअसल मोएस्चर की कमी से यह संक्रमण फैलता है। इससे कान के भीतरी हिस्से को नुकसान पहुंचने का खतरा बना रहता है। हालांकि इसमें कान से कुछ रिसता नहीं है; लेकिन संक्रमित हिस्से से तरल पदार्थ बहने की आशंका बढ़ जाती है।

सिर में चोट

कई बार सिर पर बुरी तरह चोट लगने से इसका प्रभाव कान पर पड़ता है। हालांकि सिर में किस प्रकार चोट लगी है, यह बात काफी मायने रखती है। हल्के लेकिन नजदीक से सिर पर चोट लगने से भी इसका प्रभाव कान पर पड़ सकता है। सिर पर चोट लगने से स्कल आदि के फ्रेक्चर होने का खतरा भी होता है। इसके अलावा कान से खून निकलना या किसी तरह का तरल पदार्थ भी निकल सकता है।

ईयर ड्रम में छेद

ईयर इंफेक्शन के कारण ईयर ड्रम में छेद हो सकता है। यह समस्या किशोरों में सामान्य तौर पर देखी जा सकती है। असल में जब इंफेक्शन होता है तो कान से खास किस्म का तरल पदार्थ रिसता है। इसका सही समय पर इलाज न कराने से इयर ड्रम में छेद तक हो सकता है।

 

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