When Does Menopause Start In Hindi: मेनोपॉज वह स्थिति होती है, जब महिला को लगातार 12 महीने तक पीरियड्स नहीं होते हैं। दूसरे शब्दों में आप कह सकते हैं कि महिला का पीरियड्स का बंद हो जाना। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिय होता है। बढ़ती उम्र के साथ हर महिला को इस अवस्था से गुजरना पड़ता है। Clevelandclinic वेबसाइट के अनुसार, "अमतौर पर 51 साल की उम्र तक हर महिला को मेनोपॉज हो जाता है। इसे फर्टिलिटी और रिप्रोडक्टिव ईयर का एंड भी कहा जा सकता है। वैसे तो हर महिला के लिए मेनोपॉज की उम्र अलग हो सकती है। मेनोपॉज होने से पहले महिला को कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ता है। जैसे कभी दो-दो महीने तक पीरियड्स न होना और कभी औसत दिनों की तुलना में ज्यादा दिनों तक ब्लीडिंग होना। इस अवस्था को पेरिमेनापॉज के नाम से जाना जाता है। मिड एज में आने के बाद पीरियड्स में हो रही समस्याओं को मेनापॉज के लक्षण के रूप में जाने जा सकते हैं।" क्या आप जानते हैं कि मिड एज के बाद हर महिला के मेनोपॉज के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि सही मायनो में मेनोपॉज कबसे शुरू होता है और इसका उम्र के हिसाब कैसे-कैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।
उम्र के हिसाब से मेनोपॉज के लक्षण- Symptoms of Menopause at Every Age In Hindi
जैसा कि आपको पहले ही बताया है कि मेनोपॉज मिड महिलाओं में शुरू हो जाता है। बढ़ती उम्र के साथ इसके लक्षणों में बदलाव नजर आने लगता हैं, जैसे-
40 साल की उम्र में मेनोपॉज के लक्षण- Signs Of Menopause At 40
वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता कहती हैं, "आमतौर पर हर महिला को 40 साल की उम्र में मेनोपॉज शुरू नहीं होता है। अगर किसी को इस उम्र से पहले मेनोपॉज हो जाए, तो उसे प्री-मैच्योर मेनोपॉज के नाम से जाना जाता है। आप इसे अर्ली मेनोपॉज भी कह सकते हैं। हालांकि, ऐसा सिर्फ 10 फीसदी महिलाओं के साथ होता है। लेकिन, अगर कोई महिला 40 साल की उम्र पार कर चुकी है और अक्सर पीरियड्स में परेशानियां झेलती है, जैसे कभी पीरियड्स की डेट में बदलाव होना, ब्लीडिंग फ्लो कम या ज्यादा होना, मूड स्विंग होना, नींद न आना आदि। इन संकेतों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। इन संकेतों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।"
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45 साल की उम्र में मेनोपॉज- Signs Of Menopause At 45
जिन महिलाओं को मेनोपॉज 45 साल की उम्र के बाद होते हैं, शुरुआती दिनों में उन्हें बहुत माइल्ड लक्षण नजर आ सकते हैं। हालांकि, कुछ महिलाओं के लिए यह बहुत ही कष्टकारी हो सकता है। जैसे अगर महिला के पीरियड्स साइकिल में बदलाव होना और करीब 6 से 8 दिनों तक ब्लीडिंग होना। 45 के बाद मेनोपॉज की शुरुआत होने के कारण महिला के बहुत ज्यादा मूड स्विंग हो सकते हैं, लंबे समय तक पीरिड्स चलने के कारण वह चिड़चिड़ी हो सकती है। अपने इमोशंस कंट्रोल उनके लिए मुश्किल हो सकता है। वैसे, इस तरह की सिचुएशन हर उस महिला के साथ हो सकती है, जो पेरिमेनोपॉज से गुजर रही होती है। इसके अलावा, मेनोपॉज के कारण इंसोम्निया की समस्या भी हो सकती है।
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50 सल की उम्र में मेनोपॉज- Signs Of Menopause At 50
वैसे, तो इस उम्र तक आते-आते हर महिला को मेनोपॉज हो चुका होता है। इस उम्र के बाद महिला को पोस्ट मेनोपॉज से जुड़ी समस्याएं ज्यादा होती हैं। मेनोपॉज के कारण महिला के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन में कमी हो जाती है। ऐसे में उन्हें हॉट फ्लैशेज, ठंड लगना, बहुत ज्यादा पसीना आना, अचानक वजन बढ़ना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। स्किन और बालों पर भी इसका बुरा प्रभाव देखने को मिलता है। यहां तक कि पोस्ट मेनोपॉज में महिला को वजाइनल ड्राईनेस और पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों से जुड़ी परेशानियां भी होने लगती है। मेनोपॉज होने के साल भर बाद इस तरह की समस्याएं अधिक होती हैं।
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