
च्युंगम चबाना सभी को पसंद है और कुछ लोगों के लिए यह फैशन और स्टाइल भी है। च्युंगम चबाने के कई सारे फायदे हैं, यह वजन घटाने से लेकर मूड को बेहतर बनाने तक के काम आती है। बच्चे च्युंगम के विभिन्न तरह के फ्लेवर के कारण पसंद करते हैं। च्युंगम को लेकर लोगों के मन में कई तरह की उत्सुकता भी है।
सबसे ज्यादा उहापोह की स्थिति तब आती है जब गलती से आप च्युंगम निगल जाते हैं। कुछ लोगों के अंदर यह भ्रम भी है कि एक बार अगर च्युंगम पेट में चली जाये तो सात सालों तक रहती है। सच क्या है, और च्युंगम अगर पेट में चली जाये तो क्या होता है। इन सवालों के जवाब जानने के लिए इस लेख को पढ़ें।
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च्युंगम पेट में जाने पर
बहुत पहले आपने भी यह कहावत सुनी होगी कि च्युंगम चबाते वक्त अगर गलती से आपने च्युंगम निगल लिया तो यह आपके पेट में अगले सात सालों तक रहेगी। यह पूरी तरह से निरर्थक बातें हैं और इनका सच से संबंध नहीं है। न्यूयॉर्क के लेंगोन मेडिकल सेंटर द्वारा किये गये शोध की मानें तो च्युंगम गलती से अगर पेट में चला जाये तो घबरायें नहीं। यह खाने की तरह पचा जाता है लेकिन इसमें थोड़ा वक्त लगता है।
क्या होता है असर
च्युंगम चबाने के दौरान अगर आप इसे गलती से निगल लें तो अधिक घबरायें नहीं और न ही परेशान हों। क्योंकि दूसरे आहारों की तुलना में यह भी पच जाता है, लेकिन इसे पचाने में थोड़ा अधिक वक्त निकलता है। दरअसल हमारे पाचन तंत्र में एसिड और एंजाइम्स होते हैं जो च्युंगम पचाने में मदद करते हैं।
कितना लगता है वक्त
सामान्य खाना खाने के बाद कुछ घंटों में पच जाता है और यह मलद्वार के रास्ते बाहर निकल जाता है। लेकिन जब आप च्युंगम निगल लेते हैं तो यह सामान्य खाने की तरह आसानी से कुछ घंटों में नहीं पचता बल्कि इसे पचने में दो से तीन दिन का समय लगता है। चूंकि सभी का पाचन तंत्र एक जैसा नहीं होता इसलिए कुछ के पेट में यह दो दिन में ही पच जाता है और किसी को पचाने में इसे तीन दिन भी लग सकता है।
च्युंगम से जुड़ी कुछ बातें
च्युंगम की खोज 1869 ई. में हुई। जब रबर के विकल्पों की खोज की जा रही थी तभी थामस एडम्स नाम के व्यवसायी ने सापोडीला चीकू फल के पेड़ की गोंद को मूंह में डाला तो उनको यह स्वादिष्ट लगी। उन्होंने सोचा क्यों न इसे लोगों के बीच पहुंचाया जाये और 1871 में उन्होंने इसका पेटेंट अपने नाम कराकर ‘एडम्स न्यूयॉर्क गम’ नाम से इसे बाजार में बेंचा।
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इसका चिपचिपा और लिसलिसा स्वाद सब को पसंद आने लगा, चबाने के दौरान खत्म न होने के अपने गुण के कारण यह बच्चों-बड़ों सभी के बीच लोकप्रिय हो गई। इसे बनाने के लिए चीकू के तने के रस के अलावा कॉर्न सिरप, ग्लिसरीन, शुगर, फ्लेवर का प्रयोग होने लगा। जब इसमें पैपासीन नामक सुगंधित पदार्थ का प्रयोग होने लगा तो यह और भी अधिक लोकप्रिय हो गई। अब यह बाजार में राज कर रही है। 
    
अगर आपने या बच्चे ने गलती से च्युंगम निगल लिया है तो परेशान न हों, यह अपने आप बाहर निकल जायेगा। इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए आप चिकित्सक की सलाह भी ले सकते हैं।
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