What is Waist to Hip Ratio : आज भारत में हर 3 में से 1 व्यक्ति मोटापे से परेशान है। मोटापे का मुख्य कारण है खराब जीवनशैली, ऑफिस में एक ही जगह पर लंबे समय तक बैठकर काम करना और अनहेल्दी फैट युक्त भोजन करना है। जब बात मोटापे की आती है, तो ज्यादातर लोग यही कहते हैं कि यह स्वस्थ्य शरीर की निशानी नहीं है। शरीर में फैट यानी कि मोटापा बढ़ना बीमारियों को दावत देने जैसा ही है। अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं, तो आप बिल्कुल गलत हैं। मोटापे का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि आप बीमार हो जाएंगे। आपके शरीर का मोटापा आपके के लिए कितना नुकसानदायक साबित होगा और भविष्य में बीमारियों की वजह बनेगा या नहीं, इसकी जानकारी वेस्ट-टू-हिप-रेश्यो के जरिए पता चलती है। गट और हार्मोन हेल्थ कोच मनप्रीत कालरा का कहना है कि 50 की उम्र के बाद हर व्यक्ति को अपना वेस्ट-टू-हिप-रेश्यो पता होना चाहिए, ताकि भविष्य में होने वाली बीमारियों की जानकारी आपको मिल सके। अब आप सोच रहे होंगे कि वेस्ट-टू-हिप-रेश्यो क्या है और , इसे कैसे पता कर सकते हैं। आइए, इस लेख के माध्यम से जानते हैं, इन सभी सवालों के जवाब।
वेस्ट-टू-हिप-रेश्यो क्या है?- What is Waist to Hip Ratio?
मनप्रीत कालरा के अनुसार, वेस्ट-टू-हिप-रेश्यो बीएमआई की तरह ही होता है। वेस्ट-टू-हिप-रेश्यो में डॉक्टर किसी भी व्यक्ति की कमर और कूल्हे की परिधि को माप कर उसका अनुपात निकालते हैं। इस रेश्यो के जरिए व्यक्ति के कमर, कूल्हे और हिप्स में कितनी मात्रा में फैट जमा है, इसकी जानकारी मिल पाती है। एक्सपर्ट का कहना है कि किसी भी इंसान के शरीर के कमर, कूल्हे और हिप में फैट की मात्रा बराबर नहीं होती है। हिप और कूल्हे के मुकाबले जिन लोगों की कमर पर मोटापा यानी की फैट ज्यादा होता है, उनमें हार्ट अटैक, टाइप 2 डायबिटीज और थायराइड जैसी बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है। मनप्रीत कालरा का कहना है कि वेस्ट-टू-हिप-रेश्यो की जानकारी यूं तो कई डॉक्टर आपको दे सकते हैं, लेकिन कुछ खास तरीकों से इसे घर पर ही पता कर सकते हैं।
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वेस्ट-टू-हिप-रेश्यो कैसे मापें?
1. वेस्ट-टू-हिप-रेश्यो मापने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हों और अपनी मांसपेशियों को आराम दें।
2. अपनी प्राकृतिक कमर की रेखा का पता लगाएं (आमतौर पर आपकी पसलियों और कूल्हों के बीच सबसे संकरे बिंदु के आसपास)।
3. एक टेप लें और अपनी कमर का साइज नाप कर उसे डायरी या नोटपैड पर लिख लें।
4. इसके बाद अपने कूल्हों के सबसे चौड़े बिंदु का पता लगाएं।
5. टेप की मदद से कूल्हों का साइज भी मापकर नोटपैड पर लिख लें।
6. अपनी कमर के माप को अपने कूल्हे के माप से विभाजित करके अपने वेस्ट-टू-हिप-रेश्यो की गणना करें।
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कितना होना चाहिए वेस्ट-टू-हिप-रेश्यो?
गट हेल्थ कोच मनप्रीत कालरा की मानें तो पुरुषों में वेस्ट-टू-हिप-रेश्यो 0.95 या उससे कम, और महिलाओं के लिए 0.85 या उससे कम होना चाहिए। पुरुषों और महिलाओं दोनों में, 1.0 या उससे अधिक वेस्ट-टू-हिप-रेश्यो होने पर यह कई बीमारियों का कारण बन सकता है। अगर आपका वेस्ट-टू-हिप-रेश्यो मानक से ज्यादा आता है, तो इस विषय पर अपने डॉक्टर से बात करें। डॉक्टर आपकी परेशानी और बीमारियों को समझते हुए जीवनशैली और खानपान में बदलाव करने की सलाह दे सकते हैं।
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