Thyroid Peroxidase Antibody Test in Hindi: शरीर के सही कामकाज के लिए कई तरह के हॉर्मोन का संतुलन ठीक रहना जरूरी है। किसी भी हॉर्मोन के स्तर में बदलाव होने पर शरीर के फंक्शन में बदलाव होता है। थायराइड भी शरीर के लिए जरूरी हॉर्मोन में से एक है। शरीर में थायराइड हॉर्मोन का असंतुलन होने पर मेटाबॉलिज्म कमजोर होना, प्रजनन प्रक्रिया में गड़बड़ी समेत कई तरह की समस्याओं का खतरा रहता है। थायराइड की बीमारी के शुरुआती लक्षणों को सही समय पर पहचान कर उचित कदम उठाने से इस गंभीर समस्या को ठीक किया जा सकता है। थायराइड की जांच के लिए एक विशेष थायराइड पेरोक्सिडेस एंटीबॉडी (एंटी-टीपीओ) टेस्ट किया जाता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं, एंटी-टीपीओ टेस्ट के बारे में।
क्या है थायराइड पेरोक्सिडेस एंटीबॉडी टेस्ट?- What is Thyroid Peroxidase Antibody Test in Hindi
थायराइड पेरोक्सीडेज या टीपीओ एक तरह का एंजाइम है, जो थायराइड ग्रंथि में पाया जाता है। इसका काम शरीर में थायराइड हॉर्मोन के उत्पादन में मदद करना होता है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर कहते हैं, "थायराइड पेरोक्सिडेस एंटीबॉडी (एंटी-टीपीओ) टेस्ट ब्लड में टीपीओ के खिलाफ एंटीबॉडी का पता लगाने में मदद करता है। थायराइड के मरीजों में इसके कारणों और आंतरिक स्थितियों का पता लगाने के लिए यह टेस्ट किया जाता है।" ब्लड में थायराइड पेरोक्सिडेस एंटीबॉडी का स्तर बढ़ने या कम होने की स्थिति का पता लगाने के लिय यह टेस्ट बहुत जरूरी होता है।
थायराइड ग्रंथि आपकी गर्दन के सामने स्थित तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है। यह ग्रंथि दो महत्वपूर्ण हार्मोन, थायरोक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) का उत्पादन करती है, जो आपके शरीर के कई कार्यों जैसे कि आपका मेटाबॉलिज्म, शरीर का तापमान, हार्ट रेट और मांसपेशियों की ताकत को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आमतौर पर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बाहरी संक्रमण से बचाने के लिए एंटीबॉडी बनाती है। ऑटोइम्यून डिजीज होने पर प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से शरीर के हेल्दी टिश्यूज पर अटैक करने लगती है। हाशिमोटो नामक बीमारी में आपका प्रतिरक्षा तंत्र, थायराइड ग्लैंड पर ही हमला करने लगता है और इसकी वजह से थायराइड हॉर्मोन का प्रोडक्शन कम हो जाता है। इसकी वजह से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली थायराइड टिश्यूज और थायरॉयड पेरोक्सीडेज पर हमला करने के लिए और एंटीबॉडी बनाती है और इससे एंटीबॉडी का स्तर बढ़ जाता है।
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एंटी टीपीओ टेस्ट की नॉर्मल रेंज
थायराइड पेरोक्सिडेस एंटीबॉडी (एंटी-टीपीओ) टेस्ट का रिजल्ट आमतौर पर प्रति मिलीलीटर (IU/mL) की इकाई में रिपोर्ट किया जाता है। डॉक्टर कहते हैं एंटी टीपीओ टेस्ट की नॉर्मल रेंज 34 IU/mL से कम मानी जाती है। सिर्फ एंटी टीपीओ टेस्ट के माध्यम से ही थायराइड की बीमारी का निदान नहीं हो सकता है। इसकी जांच के लिए आपके डॉक्टर लक्षणों, ब्लड टेस्ट के रिजल्ट समेत आपकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री की जांच करते हैं।
थायराइड पेरोक्सिडेस एंटीबॉडी टेस्ट का महत्व
थायराइड पेरोक्सिडेस एंटीबॉडी (एंटी-टीपीओ) टेस्ट के माध्यम से इन समस्याओं का पता लगाने में मदद मिलती है-
- हाशिमोटो रोग: यह सबसे आम ऑटोइम्यून थायरॉयड रोग है, जो थायरॉयड हार्मोन के कम उत्पादन (हाइपोथायरायडिज्म) का कारण होता है। टीपीओ का उच्च स्तर अक्सर हाशिमोटो रोग का संकेत हो सकता है।
- थायराइड: थायराइड की बीमारी में भी टीपीओ का स्तर सामान्य से ज्यादा रहता है। लेकिन सिर्फ टीपीओ से थायराइड का पता नहीं लगाया जा सकता है।
- ग्रेव्स रोग: यह एक अन्य ऑटोइम्यून थायरॉयड रोग है, जो थायरॉयड हार्मोन के अतिउत्पादन (हाइपरथायरायडिज्म) का कारण बनता है। हालांकि, ग्रेव्स रोग में आमतौर पर टीपीओ का स्तर सामान्य होता है, कुछ मामलों में यह ऊंचा हो सकता है।
इसके अलावा टीपीओ टेस्ट गर्भवती महिलाओं के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। इससे प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली कुछ परेशानियों का पता लगाने में भी मदद मिलती है। वहीं कुछ लोगों में पारिवारिक इतिहास के कारण होने वाली बीमारी और थायराइड में कैंसरस सिस्ट की जांच के लिए भी टीपीओ टेस्ट की मदद ली जा सकती है।
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टीपीओ टेस्ट के लिए किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं होती है। इस टेस्ट से पहले आपको सामान्य दवाओं के सेवन से भी नहीं रोका जाता है। हालांकि, कुछ दवाएं, जैसे कि कुछ इंटरफेरॉन और इम्यूनोसप्रेसेन्ट दवाएं, टीपीओ के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए, टेस्ट कराने से पहले अपने डॉक्टर से इन दवाओं के सेवन के बारे में सलाह जरूर लेनी चाहिए। इसके अलावा एंटी-टीपीओ टेस्ट एक सामान्य टेस्ट है, जो ब्लड के माध्यम से किया जाता है और इसके कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं होते हैं।
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