गर्भनाल का बढ़ना बच्‍चे के लिए है खतरनाक, जानें इससे जुड़ी महत्‍वपूर्ण जानकारी

गर्भावस्था के दौरान और बाद में नाल की हड्डी से संबंधित जटिलताएं होना असामान्य नहीं हैं। वास्तव में गर्भावस्था के दौरान बहुत सी समस्‍याएं आती है जो विशेषज्ञों द्वारा बच्‍चे के जन्म के पूर्व अल्ट्रासाउंड के दौरान पता चलती है। गर्भवती महिलाओं सबसे अधिक जटिलताओं में नाल में रस्सी का फसना है।
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गर्भनाल का बढ़ना बच्‍चे के लिए है खतरनाक, जानें इससे जुड़ी महत्‍वपूर्ण जानकारी


गर्भावस्‍था के दौरान महिला के जीवन में कई बदलाव आते हैं। इन्‍हीं बदलावों के साथ आती है कुछ जटिलताएं भी। गर्भनाल की जटिलता उनमे से एक है, जिसमें महिला को कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान और बाद में नाल की हड्डी से संबंधित जटिलताएं होना असामान्य नहीं हैं। वास्तव में गर्भावस्था के दौरान बहुत सी समस्‍याएं आती है जो विशेषज्ञों द्वारा बच्‍चे के जन्म के पूर्व अल्ट्रासाउंड के दौरान पता चलती है। गर्भवती महिलाओं सबसे अधिक जटिलताओं में नाल में रस्सी का फसना है।

 

गर्भनाल की अपर्याप्त लंबाई

एक नाल की रस्सी की लंबाई शून्य से 300 सेमी और इसकी चौड़ाई 3 सेमी होती है। गर्भनाल में 380 हेलिसेक होते हैं। उन महिलाओं को जिनके लंबे समय तक असामान्य रूप से गर्भनाल बड़ा होता है, उन्‍हें परेशानी का अनुभव होता है। ऐसी महिलाओं को गर्भाशय ग्रीवा के माध्यम से अधिक से अधिक आगे बढ़ाव की संभावना रहती है। ऐसे में बच्चे स्थिति खराब हो सकती है, और गर्भाशय उलटा भी हो सकता है। ऐसे में प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और गर्भ में बच्‍चे की मौत भी हो सकती है।

एकल नाल की धमनी

आमतौर पर एक गर्भनाल में एक ही शिरे के साथ 2 धमनियां होती है। कुछ महिलाओं में, नाल की रस्सी केवल एक नाल की धमनी भी हो सकती है। भ्रूण विसंगतियों के लिए एकल नाल की धमनी डोरियां सामान्य डोरियों से अधिक जिम्मेदार होती है। शिशुओं कि एक धमनी गर्भनाल हृदय असामान्यताएं, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में दोष, उदर दीवार में दोष, शापिना वीफिडा के,अविवरता, सिस्टिक हाइक्रोमा के आदि सहित भ्रूण विसंगतियों का कारण बनती है।

गर्भनाल में तन्तु गांठ

गर्भाशय में दो तरह के तंतु होते है। यह गांठ रक्त और पोषक तत्वों की मां से बच्चे को पारित होने में बाधा सकता है। शल्यक्रिया द्वारा सुरक्षित प्रसव करवाया जा सकता है।

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गर्भनाल अल्सर

गर्भनाल अल्सर कॉर्ड के किसी भी भाग में पाया जा सकता है। गर्भनाल अल्सर आकार के संदर्भ में एक निश्चित पैटर्न का पालन नहीं करते हैं। गर्भनाल अल्सर लिए गुणसूत्र विसंगतियों, हेमागिवोमास और ओमफ़लसील जिम्मेदार होते है।

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गर्भनाल से जुड़े कुछ अन्य रोचक तथ्य

जन्म के समय नवजात शिशु की गर्भनाल को देर से काटने से नवजात शिशु को काफी फायदा होता है। ला ट्रोब यूनिवर्सिटी ने इस संबंध में करीब चार हजार महिलाओं और उनके नवजात शिशुओं का अध्ययन किया था और पाया था कि जिन नवजात शिशुओं की गर्भनाल देर से काटी गई उनके रक्त में आयरन का स्तर अधिक होता है।

इस अध्ययन में यह भी देखा गया कि कई उच्च आय वाले देशों में मां और बच्चे को जोडने वाली गर्भनाल को जन्म के एक मिनट से भी कम समय के भीतर काट दिया जाता है। लेकिन गर्भनाल को जल्दी काटने से मां के शरीर से बच्चे के शरीर में जाने वाले रक्त की मात्रा कम हो जाती है जो प्लेसेंटा के जरिए बच्चे में जाता है।

इससे बच्चे के रक्त में आयरन की मात्रा प्रभावित होती है। दूसरी ओर कुछ शोधों में यह भी देखा गया कि जन्म के एक मिनट के बाद गर्भनाल काटने से नवजात शिशु में पीलिया का खतरा हल्का सा बढ़ जाता है जिसे प्रकाश उपचार के जरिए ठीक किया जाता है।

इसलिए जन्म के समय गर्भनाल काटे जाने के समय का निर्धारण कोफी सोच समझ कर करना चाहिए। साथ ही कुछ अध्ययनों में यह भी बताया गया है कि यदि किसी नवजात का गर्भनाल पतला हो तो आगे चलकर उनमें दिल के दौरे का जोखिम आम लोगों की तुलना में दोगुना हो जाता है।

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