स्वस्थ रहने के लिए अच्छी मसल होना बहुत जरूरी होता है। खराब डाइट और लाइफस्टाइल के चलते कई बार उम्र से पहले ही मसल लॉस होने की समस्या हो सकती है। युवाओं में आजकल यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। आमतौर पर यह समस्या बुढ़ापे में होती है, जिसे सार्कोपेनिया (Sarcopenia) भी कहा जाता है। कुछ मामलों में मसल नहीं दिखने पर मसल लॉस को आसानी से पहचाना नहीं जा सकता है। आइये ऑर्थोपैडिक सर्जन डॉ. मनन वोरा से जानते हैं मसल लॉस किस उम्र में होता है और इससे बचने के तरीके।
मसल लॉस होने की सामान्य उम्र क्या है?
डॉ. वोरा के मुताबिक उम्र बढ़ने के साथ मसल लॉस होने को सार्कोपेनिया कहा जाता है। पुरुषों में मसल लॉस होने की सामान्य उम्र 40 है, जबकि महिलाओं में 30 की उम्र के बाद भी मसल लॉस की समस्या हो सकती है। अगर आप स्वस्थ हैं तो आमतौर पर मसल लॉस होना 65 वर्ष के बाद ही शुरु होता है। हालांकि, यह उम्र बढ़ने के साथ होने वाली एक आम समस्या है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक मसल लॉस शुरु होने के बाद यह आपकी शरीर से हर 10 साल में 3 से 5 प्रतिशत तक मसल लॉस हो सकता है।
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मसल लॉस होने के लक्षण
- मसल लॉस होने पर शरीर में कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
- मसल लॉस होने पर सबसे पहले आपका स्टैमिना कम हो के साथ ही थकान ज्यादा महसूस होती है।
- ऐसे में तेज चलने और दौड़ने में कठिनाई हो सकती है।
- ऐसे में सीढ़ियां चढ़ने में कठिनाई होने के साथ ही शारीरिक गतिविधियां भी कम हो सकती हैं।
- इस स्थिति में आपको बैलेंस बनाने में भी समस्या हो सकती है।
मसल लॉस से बचने के तरीके
- कम उम्र में होने वाले मसल लॉस को रोकने या बचने के लिए आपको नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए।
- ऐसे में आप वर्कआउट करने के साथ ही वेट लिफ्टिंग, लंजीस और स्क्वाट्स भी कर सकते हैं।
- इसके लिए आपको भरपूर नींद लेने के साथ ही कैलोरी और प्रोटीन इनटेक को बढ़ाना चाहिए।
- इसके लिए आपको स्ट्रेस कम करने के साथ ही विटामिन डी, ओमेगा 3 फैटी एसिड और प्रोटीन का ज्यादा सेवन करना चाहिए।