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बवासीर क्यों होता है? जानें कैसे होती है इस बीमारी की शुरुआत

What is Piles in Hindi: बवासीर या पाइल्स एक गंभीर बीमारी है, जानें कैसे होती है शरीर में बवासीर की शुरुआत और इलाज।  
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बवासीर क्यों होता है? जानें कैसे होती है इस बीमारी की शुरुआत

What is Piles in Hindi: बवासीर या पाइल्स की बीमारी पेट और पाचन तंत्र की खराबी से होने वाली एक गंभीर बीमारी है। पाइल्स को हेमोराइड (Hemorrhoids in Hindi) भी कहा जाता है। बवासीर की समस्या में एनस के भीतर और बाहरी हिस्से में सूजन आ जाती है, जिसकी वजह से मरीज को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बवासीर की समस्या मुख्य रूप से दो तरह की होती है- खूनी बवासीर और बादी बवासीर। पाइल्स की शुरुआत होने पर कई बार मरीजों को यह भी पता नहीं चल पाता है कि उन्हें पाइल्स या बवासीर है। जब इस बीमारी के लक्षण बढ़ने लगते हैं, तो मरीज को बवासीर की बीमारी होने का अहसास होता है। लोगों में बीमारियों की समझ बढ़ाने और बीमारियों के प्रति जागरूक करने के लिए ओनलीमायहेल्थ एक स्पेशल सीरीज लेकर आया है जिसका नाम है 'बीमारी को समझें'। इस सीरीज में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, बवासीर क्यों होता है और शरीर में इस बीमारी की शुरुआत कैसे होती है? आइए विस्तार से जानते हैं बवासीर की बीमारी के बारे में।

बवासीर क्यों होता है?- What Causes Piles in Hindi

बवासीर की समस्या में आपके गुदा में मस्से बन जाते हैं, जिनकी वजह से मल त्याग करते समय ब्लीडिंग और दर्द की समस्या होती है। शौच करते समय जोर लगाने पर गुदा में बने मस्से बाहर आ जाते हैं, जिसकी वजह से मरीज की हालत गंभीर हो सकती है। आरोग्यं हेल्थ सेंटर के आयुर्वेदिक डॉ एस के पांडेय के मुताबिक बवासीर की शुरुआती स्टेज में मरीज को न के बराबर लक्षण दिखाई देते हैं। इसके बाद जैसे ही यह समस्या दूसरी स्टेज में पहुंचती है, तो मरीज की परेशानियां बढ़ने लगती हैं। बवासीर की समस्या ज्यादातर लोगों में कब्ज और पेट की खराबी के कारण होती है। असंतुलित खानपान या बहुत ज्यादा मसालेदार भोजन खाने से बवासीर की समस्या का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा बहुत ज्यादा देर एक ही जगह पर बैठने या खड़े रहने के कारण भी कुछ लोगों में बवासीर की समस्या हो सकती है। मोटापे की समस्या से ग्रसित लोगों में बवासीर होने का खतरा सामान्य वजन वाले लोगों की तुलना में ज्यादा रहता है। बवासीर होने के कुछ प्रमुख कारण इस तरह से हैं-

  • कब्ज और पेट से जुड़ी समस्याओं के कारण
  • टॉयलेट में बहुत ज्यादा देर तक बैठने के कारण
  • आनुवांशिक कारणों की वजह से बवासीर
  • बहुत ज्यादा देर तक एक ही जगह पर बैठने के कारण
  • प्रसव (डिलीवरी) के दौरान परेशानियों के कारण
  • शौच के समय बहुत ज्यादा जोर लगाने के कारण
  • बहुत ज्यादा तला-भुना और मसालेदार भोजन का सेवन
  • लिवर से जुड़ी क्रोनिक बीमारी के कारण
  • मोटापे की समस्या के कारण
Bawaseer Kyun Hota Hai
 

शरीर में कैसे होती है बवासीर की शुरुआत?- How Piles Occur in Body in Hindi

शरीर में बवासीर की बीमारी शुरु होने पर मरीज को कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं या ज्यादातर लोग इसके लक्षणों को पहचान नहीं पाते हैं। जब शरीर में गुदा की भीतरी परत के नसों और मांसपेशियों में इसका असर बढ़ जाता है, तो मरीज को गंभीर लक्षण दिखने शुरू होते हैं। बवासीर की बीमारी को चार स्टेज या ग्रेड में बांटा गया है। बवासीर की बीमारी के ग्रेड (Piles Grade in Hindi) इस तरह से हैं-

ग्रेड 1- इस स्थिति में मरीज के शरीर में बवासीर की समस्या की शुरुआत होती है। लेकिन इस स्थिति में मरीज को कोई लक्षण दिखाई देते है, इस वजह से मरीज को कोई परेशानी नहीं होती है। ग्रेड 1 बवासीर में मरीज को शौच के समय थोड़ी समस्या हो सकती है।

ग्रेड 2- जब बवासीर की बीमारी ग्रेड 2 में पहुंचती है, तो शरीर में कुछ लक्षण दिखने शुरू होते हैं। इस स्थिति में मरीज को मलत्याग करते समय करते समय ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है और मस्से बाहर की तरफ आने लगते हैं। 

ग्रेड 3- ग्रेड 3 में बवासीर के पहुंचने पर मरीज को कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति में मरीज को शौच करते समय बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने लगती है और मस्सों के बाहर आने से गंभीर दर्द होता है।

ग्रेड 4- ग्रेड 4 बवासीर की समस्या में मरीज की स्थिति बेहद गंभीर हो जाती है। इस स्थिति में मरीज को इन्फेक्शन, गंभीर दर्द और ब्लीडिंग की समस्या होती है। ग्रेड 4 में मस्से बाहर निकाल जाते हैं।

बवासीर के लक्षण- Symptoms of Piles in Hindi

बवासीर होने पर मरीज को मलत्याग करते समय गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बवासीर होने पर दिखने वाले लक्षण इस तरह से हैं-

  • शौच के दौरान दर्द और ब्लीडिंग
  • गुदा मार्ग में गंभीर दर्द
  • सूजन और खुजली की समस्या
  • गुदा में गांठ बनना

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बवासीर का इलाज- Piles Treatment in Hindi

पाइल्स या बवासीर की बीमारी होने पर मरीज की जांच के बाद इलाज किया जाता है। शुरुआती स्टेज में बवासीर को खानपान और जीवनशैली में बदलाव कर कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन गंभीर स्थिति में मरीज को इलाज और सर्जरी की जरूरत होती है। मरीज की जांच करने के लिए डॉक्टर एनोस्कोपी जांच कर सकते हैं। जांच के बाद मरीज का इलाज इन तरीकों से किया जा सकता है-

  • ग्रेड 1 और ग्रेड 2 बवासीर की स्थिति में मरीज का इलाज डॉक्टर दवाओं से करते हैं। इसके लिए कुछ दिनों तक मरीज को दवाओं के सेवन की सलाह दी जाती है।
  • ग्रेड 3 और ग्रेड 4 बवासीर की स्थिति में मरीज को ऑपरेशनरबर बैंड लीगेशन (Rubber Band Ligation) और स्कलरोथेरपी (Sclerotherapy) के माध्यम से करते हैं।
  • गंभीर स्थिति में डॉक्टर मरीज का इलाज हेमरॉयरडक्टमी (Haemorrhoidectomy) और स्टेपलर सर्जरी (Stapler Surgery) के द्वारा करते हैं।

बवासीर की बीमारी ज्यादातर लोगों में खानपान से जुड़ी गड़बड़ी और खराब जीवनशैली के कारण होती है। इस समस्या से बचने के लिए आपको खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। डाइट में फाइबर युक्त फूड्स, हरी सब्जियां और फलों को जरूर शामिल करें। इसके अलावा बहुत ज्यादा तला-भुना और मसालेदार खाना खाने से बचना चाहिए। बवासीर के लक्षण दिखने पर आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

(Image Courtesy: Freepik.com)

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