क्या है मेडिटेशन की हांग-साओ तकनीक

- आंतरिक शांति के लिए हांग-साओ मेडिटेशन।
- हॉन्ग साओ का अर्थ होता है "मैं आत्मा हूं"।
- सांसों पर ध्यान केंद्रित करके होता है अभ्यास।
- कहीं भी-कभी भी किया जा सकता है।
हांग-साओ मेडिटेशन की एक ऐसी तकनीक है जो व्यक्ति के अंदर छिपी एकाग्रता की शक्ति को विकसित करती है। इस तकनीक का अभ्यास करके व्यक्ति बाहरी विकर्षण से ध्यान हटाने का तरीका सीखता है, ताकि वह किसी एक लक्ष्य पर ध्यान लगा पाए या किसी समस्या को हल कर पाए। हांग-साओ मेडिटेशन करने से व्यक्ति को तुरंत आंतरिक शांति महसूस होती है। इस तकनीक की खासियत ये है कि आप इसे किसी भी वक्त और कहीं भी कर सकते हैं। आप किसी का इंतज़ार कर रहे हों, खाली वक्त में बैठे हों या ऑफिस के में ब्रेक टाइम हो, आप इस तकनीक का अभ्यास कर सकते हैं।
क्या है हांग-साओ का मतलब
"हांग" और "साओ" संस्कृत के पवित्र शब्द हैं। हॉन्ग साओ का अर्थ होता है "मैं आत्मा हूं"। इन शब्दों का सांस के आने और जाने के साथ कंपन का संबंध है। इन शब्दों का सांस पर शांतिपूर्ण प्रभाव पड़ता है। सांस और मन में परस्पर संबंध है। शांत सांसें अपने आप मन को शांत कर देती हैं। जबकि अशांत सांसें मन को अशांत करती हैं। सांस पर केवल ध्यान लगाने से वो शांत होना शुरू हो जाती है। हांग-साओ एक मंत्र है। ये बहुत आसान है।
हांग-साओ मेडिटेशन की विधि
- आरामदायक मुद्रा में, कमर सीधी करके बैठ जाएं।
- आंखें बंद रखें और ध्यान को आईब्रो के बीच माथे पर लगाएं।
- धीरे धीरे 8 तक गिनते हुए सांस अंदर लें। फिर इतनी ही देर के लिए सांसें रोक कर रखें। इस दौरान ध्यान माथे के बीच में ही रहे।
- अब धीरे धीरे 8 तक गिनते हुए सांस बाहर छोड़ें। इस प्रक्रिया को तीन से छह बार दोहराएं।
- इस प्रक्रिया को परा करने के बाद, जो अगली सांस अंदर लें, मन में कहें "हांग"। इसे इस तरह बोलें कि लगे गा रहे हो।
- फिर जब सांस बाहर निकालें तो इसी तरह से कहें, "साओ"।
- इस दौरान अपनी सांसों को नियंत्रित करने का जबरदस्ती प्रयास न करें, इसे पूरी तरह से प्राकृतिक रहने दें।
- ऐसा महसूस करने की कोशिश करें कि आपकी श्वसन प्रक्रिया से हॉन्ग और साओ की ध्वनि आ रही है।
- शुरूआत में सांस को नासिका छिद्र से प्रवेश करने के दौरान महसूस करें।
- जितना संभव हो सतर्क रहने की कोशिश करें। अगर आपको सांस महसूस करने में मुश्किल हो रही है तो आप सांस लेने की प्रक्रिया पर कुछ देर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। अपने पेट और छाती को फूलते और सिकुड़ते महसूस करें।
- धीरे-धीरे जब आप और शांत हो जाएं तो सांस को नाक में अधिक से अधिक महसूस करने की कोशिश करें। अपना ध्यान माथे पर ही रखें, आंखों को सांस की गति की ओर न भटकने दें।
योगानंद के अनुसार, एक घंटा हांग-साओ पूरे 24 घंटे के मेडिटेशन और प्रार्थना के बराबर शांति देता है।
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Source: ओन्ली माई हैल्थ सम्पादकीय विभाग Nov 14, 2014
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