क्या हैं गुड फैट और बैड फैट? डायटीशियन दे रही हैं जरूरी फैट की जानकारी

अपनी डाइट को फैटमुक्त रखना सही नहीं है। शरीर के लिए फैट भी जरूरी है। ऐसे में जानें गुड फैट और बैड फैट क्या है?
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क्या हैं गुड फैट और बैड फैट? डायटीशियन दे रही हैं जरूरी फैट की जानकारी


शरीर के लिए फैट बहुत जरूरी है। एक्सपर्ट भी मानते हैं कि व्यक्ति को नियमित रूप से अपनी डाइट में कुछ ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए, जिससे उनके शरीर में फैट की कमी पूरी हो सके। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सभी फैट्स शरीर के लिए लाभदायक हैं। हमें केवल उन फैट्स को लेना चाहिए जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करते हैं और शरीर की प्रक्रिया में बेहद मददगार साबित होते हैं। 

कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें तेज भूख लगती है फिर भी अपनी भूख को कंट्रोल सिर्फ इसलिए करते हैं कि कहीं वे जल्दबाजी में कुछ ऐसी चीज़े न खा लें, जिससे फैट बढ़ जाए। ऐसे में आज का यह लेख आपके लिए है। आज हम एक्सपर्ट की मदद से बने इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि शरीर के लिए फैट कितना जरूरी है? और कौन से हैं गुड व बैड फैट? पढ़ते हैं आगे...

 good fat

जानते हैं जरूरी फैट के बारे में (Important fat)

नेचुरल खाद्य पदार्थों में फैट जरूर पाया जाता है। एक्सपर्ट भी मानते हैं कि थोड़ा फैट शरीर के लिए बेहद जरूरी है। इससे ना केवल शरीर को ऊर्जा मिलती है बल्कि यह दिमाग के काम करने की कैपेसिटी को भी बढ़ाता है। इसकी कमी से नर्व्स और ब्रेन को ऊर्जा नहीं मिल पाती है। इसके अलावा हेल्दी स्किन और टिश्यूज के लिए भी फैट बेहद जरूरी है। ध्यान दें कि फैट के माध्यम से विटामिन ए, टी, ई, के को शरीर में ट्रांसपोर्ट किया जाता है।

जानें कौन से हैं बेड फैट (Bad Fat)

एक्सपर्ट सैचुरेटेड और ट्रांस्फैट्स को बैड फैट में गिनते हैं। इन के माध्यम से दिल के मरीजों को नकारात्मक परिणाम भुगतना पड़ता है। बता दें कि सैचुरेटेड फैट मीट और डेयरी उत्पादों में पाया जाता है, जिससे ब्लड कोलेस्ट्रॉल स्तर और लो डेंसिटी लिपॉप्रोटीन यानी एलडीएन बढ़ सकता है। वहीं अगर इन्हें रिफाइंड कार्ब्स वाले खाद्य पदार्थ के साथ लिया जाए तो यह दिल के रोगियों और टाइप टू डायबिटीज के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं। अगर ट्रांस्फैट्स की बात करें तो यह ज्यादातर हाइड्रोजेनेटेड वेजिटेबल ऑइल्स में मौजूद होते हैं। 

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जानें कौन से हैं गुड  फैट (Good Fat) 

एक्सपर्ट मोनोसैचुरेटेड और पॉली अनसैचुरेटेड फैट्स को अच्छे फैट में गिनते हैं। बता दें कि नट्स, बदाम, अखरोट, पिस्ता, काजू, आमंड, बटर, वेजिटेबल ऑइल्स, एवोकाडो आदि शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है। यह मोनोसैचुरेटेड का स्रोत हैं। ये न केवल दिल की बीमारी से दूर रखते हैं बल्कि हार्ट को हेल्दी बनाए रखने के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड बेहद मददगार है।

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कुछ जरूरी बातें-

  • एक महिला के लिए नियमित रूप से 65 ग्राम फैट तो पुरुष को 90 ग्राम वसा जरूरी है।
  • आप बैड फैट की जगह गुड फैट को अपनी डाइट में जोड़ें। उन खाद्य पदार्थों से दूरी बना लें जिनमें सैचुरेटेड और ट्रांस्फैट्स पाए जाते हैं और अपनी डाइट में मोनोसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स को जोड़ें।
  • व्यस्कों की बात करें तो रोजाना तीन से 4 टीस्पून फैट काफी है। इसलिए आप बटर, डेरी प्रोडक्ट आदि को डाइट में शामिल कर सकते हैं।
  • ध्यान दें कि मेनोपॉज में वजन बढ़ने की समस्या सामने आती है। ऐसे में ऑयल को अपनी डाइट में शामिल न करें।
  • आप सोयाबीन ऑयल, नट्स, फ्रूट्स, हरी सब्जियां आदि को डाइट में शामिल करना ना भूले। 

(ये लेख अपोलो हॉस्पिटल की डायटीशियन दीपिका रानी से बातचीत पर आधारित है।)

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